Allahabad High Court Said Maximum Auction Bid Does Not Give Legal Rights Ann | इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका, कहा

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि टेंडर के तहत नीलामी में उच्चतम बोली लगाने मात्र से किसी को बोली स्वीकार किए जाने का विधिक अधिकार नहीं मिल जाता. बोली नीलामी शर्तो के अधीन होती है. अधिकारी मानने के लिए बाध्य नहीं हैं. पर्याप्त कारण होने पर नए सिरे से टेंडर जारी करने के लिए अधिकारी स्वतंत्र हैं. कोर्ट ने उच्चतम बोली के आधार पर टेंडर मंजूर करने की मांग मे दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी है. ये आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति डॉ वाईके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने बब्लू की याचिका पर दिया है.

43 दुकानों का टेंडर
मालूम हो कि कृषि उत्पादन मंडी समिति, बरौली आगरा ने मंडी स्थल पर बनी 43 दुकानों का टेंडर मांगा, जिसमें से 7अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी. आरक्षित दुकानों के लिए याची की कंपनी मेसर्स केजी एन ट्रेडिंग कंपनी सहित 5 लोगों ने ही टेंडर भरा. याची ने नीलामी में सर्वाधिक 16 लाख 15000 हजार रुपये की बोली लगायी.

आवंटन समिति ने किया इनकार
आवंटन समिति ने इस बोली को इस आधार पर मानने से इनकार कर दिया कि सामान्य दुकानों से काफी कम बोली लगी है. नीलामी में कम अभ्यर्थियों के कारण प्रतिस्पर्धा नहीं दिखायी दी. समिति के सचिव ने नए सिरे से टेंडर जारी करने का निर्देश दिया है, जिसे चुनौती दी गयी थी. कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है.

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