First li ~ 700 online fees, now admission on merit, Vikramaditya also reached HPU, admission in merit for PG, now politics started on campus | पहले ली ~ 700 ऑनलाइन फीस, अब मेरिट पर एडमिशन, विक्रमादित्य भी पहुंचे एचपीयू, पीजी के लिए मेरिट पर एडमिशन में अब कैंपस में राजनीति शुरू

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शिमला23 दिन पहले

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  • शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह कैंपस पहुंचें।

एचपीयू कैंपस में अब मेरिट पर एडमिशन मामले में राजनीति शुरू हाे गई है। वीरवार काे शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह कैंपस पहुंचें। कैंपस पहुंचते ही उन्हाेंने एनएसयूआई का बैज लगाया और पिंक पैटल पर नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं के बीच खड़े हाे गए।

थाेड़ी देर के बाद विक्रमादित्य सिंह ने छात्राें काे संबाेधित भी किया। उन्हाेंने कहा कि छात्राें के साथ यूनिवर्सिटी प्रशासन गलत कर रहा है। जब आवेदन के लिए छात्राें ने फीस भरी है, ताे फिर क्याें एंट्रेंस टेस्ट नहीं करवाए जा रहे हैं। छात्राें काे जबरदस्ती मेरिट पर एडमिशन लेने के लिए कहा जा रहा है।

जबकि, कई ऐसे स्टूडेंट है जिनके नंबर कम आए हुए हैं। इस कारण उन्हें ताे कभी भी यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं मिलेगी। इससे छात्राें का भविष्य खतरे में पड़ गया हैं।

उनका कहना है कि विवि प्रशासन तानाशाही रुख अपना रहा है। पहले 700 रुपए ऑनलाइन फीस ली गई अब मेरिट पर एडमिशन दी जा रही है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। सभी विषयाें के लिए एंट्रेंस टेस्ट करवाए जाने चाहिए। इस दाैरान उनके साथ पूर्व डिप्टी मेयर हरीश जनारथा भी माैजूद रहे।

तब तक आंदाेलन चलेगा जब तक मांगें पूरी नहीं हाेतीः एनएसयूआई

एचपीयू एनएसयूआई अध्यक्ष प्रवीण मिन्हास ने कहा कि जब तक छात्रों की मांगों को पूरा नहीं करता है, तब तक विश्वविद्यालय में आंदोलन यूं ही चलता रहेगा। आज आउटसोर्स और बैक डोर एंट्री के माध्यम से विश्वविद्यालय में संघ के लोगों को भर्ती किया जा रहा है। जो इस प्रदेश के छात्रों के साथ धोखा हैं। छात्र आंदोलन के बाद ग्रामीण शिमला विधायक विक्रमादित्य सिंह, हरीश जनारथा और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष छत्तर सिंह ठाकुर वीसी प्राे. सिकंदर कुमार से मिले और उन्हें छात्राें की समस्या से अवगत करवाया। इस दाैरान उन्हाेंने जल्द से जल्द इन समस्याओं का समाधान के लिए कदम उठाने की मांग की।

एसएफआई ने भी कैंपस में दिया धरना, प्रशासन ने सिर्फ दाे ही विषयाें में एंट्रेंस करवाने काे लेकर जारी की है अधिसूचना

छात्र संगठन एसएफआई ने भी कैंपस में प्रदर्शन किया। एसएफआई इकाई अध्यक्ष रविंद्र चंदेल का कहना है कि मेरिट बेस्ड एडमिशन से समाज के उस छात्र तबके को सीधे नुकसान होगा जो कम सुविधाओं के बावजूद मुख्य धारा में अन्य छात्रों के साथ प्रतियोगिता करने का ख्वाब लेकर लगभग पांच महीनों से कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ताकि, उच्च शिक्षा प्राप्त कर छात्र अपना भविष्य सवार सके।

विश्वविद्यालय के मेरिट बेस्ड प्रवेश के फैसले से उनके सपनों पर पानी फेरने का काम किया जा रहा है। धरने को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय उपाध्यक्ष करन ने बताया कि मेरिट बेस्ड एडमिशन प्रोसेस में एक निजी संस्थान में पढ़ने वाला 30 में से 30 अंक प्राप्त कर सकता हैं। क्याेंकि वे पैसा देकर नंबर लेते हैं।

जबकि सरकारी संस्थान में पढ़ने वाला 30 में से 20-25 असेसमेंट के नंबर प्राप्त करता है ताे वे कैसे कंपीट कर पाएंगे।

इस मामले पर एचपीयू के वीसी का कहना है कि यूजीसी के नियमाें के मुताबिक ही प्रवेश दिया जा रहा है। समय कम है, इसलिए कुछ विषयाें में ताे एंट्रेंस करवाए जा रहे हैं, जबकि कुछ विषय ऐसे हैं जिनमें एंट्रेंस नहीं हाे रहे हैं। छात्र संगठनाें काे भी इस बारे में बता दिया गया है। इसके बावजूद भी कैंपस में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। उनका कहना है कि सभी तरह के काम छात्र हित काे देखते हुए किए जा रहे हैं।

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