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- Motivational Story Of Ramayana, Lord Hanuman And Tips About Success In Life, How To Get Success In Life, Sunderkand Facts
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एक महीने पहले
![motivational story of ramayana, lord hanuman and tips about success in life, how to get success in life, sunderkand facts | सेवा करना, साहस दिखाना, धैर्य और बुद्धि का उपयोग करना कैसे करना चाहिए, ये बातें हम हनुमानजी से सीख सकते हैं 1 hanuman and sita new 1601628895](https://images.bhaskarassets.com/thumb/720x540/web2images/521/2020/10/02/hanuman-and-sita-new_1601628895.jpg)
- हनुमानजी के स्वभाव की बातों को जीवन में उतारने से हमारी सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं
हनुमानजी श्रीराम के परम भक्त हैं और हर पल अपने आराध्य की सेवा में रहते हैं। हनुमानजी की पूजा के साथ ही उनके स्वभाव की बातों को अपनाने से भी हमारी कई समस्याएं खत्म हो सकती हैं। वाल्मीकि रामायण में हनुमानजी को पवनदेव का औरस पुत्र कहा गया है। उनका शरीर वज्र के समान है। वे तेज चलने में गरुड़ के समान हैं। बुद्धिमान और बलवान हैं।
हनुमानजी का वज्र समान शरीर हमें संदेश देता है कि हमारा शरीर भी स्वस्थ और ताकतवर होना चाहिए। उनकी तेज चाल हमें तेज चलने की प्रेरणा देती है। हनुमानजी का बुद्धिमान स्वरूप हमें ज्ञान और बुद्धि बढ़ाने का संकेत देता है।
- जब तक काम पूरा न हो, विश्राम न करें
हनुमानजी श्रीराम की सेवा में तत्पर रहते हैं। सुंदराकांड में जब हनुमानजी सीता की खोज में लंका जा रहे थे, तब मैनाक पर्वत ने उन्हें विश्राम करने के लिए कहा था, लेकिन हनुमानजी ने कहा कि मैं श्रीराम का काम पूरा होने तक विश्राम नहीं कर सकता।
हमें भी जब तक हमारा काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक विश्राम नहीं करना चाहिए।
- साहस के साथ दूर हो सकती हैं बाधाएं
लंका में रावण के सैनिकों ने हनुमानजी को बंधक बना लिया और उनकी पूंछ में आग लगा दी थी। इसके बाद हनुमानजी साहस दिखाते हुए पूरी लंका को आग लगा दी। रावण के विरुद्ध युद्ध में हनुमानजी हमेशा श्रीराम के साथ रहे। मेघनाद के बाण से श्रीराम और लक्ष्मण घायल हो गए थे, तब हनुमानजी संजीवनी बूटी लेकर आए।
हमें भी हमेशा अधर्म का सामना साहस के साथ करना चाहिए।
- मुश्किल समय में धैर्य और बुद्धि का उपयोग करें
हनुमानजी ने धैर्य और बुद्धि का उपयोग करते हुए ही देवी सीता की खोज की थी उन्होंने देवी सीता को कभी देखा नहीं था, वे सिर्फ देवी के गुणों को जानते थे। लंका में एक बार के प्रयास में देवी सीता को खोज नहीं सके थे। तब उन्होंने धैर्य बनाए रखा और दूसरी बार फिर कोशिश की। इसके बाद गुणों के आधार पर उन्होंने अशोक वाटिका में सीता खोज लिया।
हमें भी मुश्किल समय में धैर्य बनाए रखना चाहिए। बुद्धि का उपयोग करते हुए बड़ी-बड़ी समस्याएं खत्म की जा सकती हैं।
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