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हिसार3 घंटे पहले
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कोरोना काल की भयावह तस्वीर के बीच राहत की खबर है। बीते पांच दिन में 735 रोगी घातक बीमारी को हराकर सकुशल अपने घर लौट आए हैं। इनका बीमारी के दौरान अनुभव भले ही कड़वा ही रहा हो, लेकिन दिवाली से पहले प्रियजन को स्वस्थ देखकर उनके परिवार में त्याेहार पर खुशियां दोगुना हो गई हैं।
बता दें कि न सिर्फ दवा के सेवन बल्कि दिनचर्या में बदलाव करके रोगी कोरोना को मात दे रहे हैं। आइसोलेट रोगी होता है मगर कोरोना के नाम से उनके परिवार भी चिंता से घिरे रहते हैं। यही दुआ करते हैं कि जल्द परिजन स्वस्थ हो जाएं। कोरोना काल में लोगों ने खुद को फिट रखने, बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी उपायों व जंक फूड की बजाय पौष्टिक आहार का सेवन करना सीखा है। इतना ही नहीं एक पॉजिटिव सोच व ऊर्जा के साथ नये दिन की शुरुआत करने लगे हैं।
स्वस्थ होकर घर लौटा तो अपनों को देख खिला चेहरा
रामपुरा मोहल्ला के रहने वाले विनोद गुप्ता बताते हैं कि कोविड पॉजिटिव आने के बाद परिजन काफी मायूस हो गए थे। 20 दिन तक हिसार से लेकर दिल्ली तक के अस्पताल में इलाज चला। अनुभव कड़वा ही रहा मगर कोरोना से जंग जीतकर घर लौटकर अपनों के चेहरों पर मुस्कान देखकर बड़ी राहत मिली। दिवाली पर परिवार के संग हूं। खुशियां दोगुना हो गईं। मैं स्वस्थ हूं और पांच से सात किलोमीटर की सैर के साथ पौष्टिक आहार का सेवन करता हूं।
छोटा पटाखा 10 लीटर तक ऑक्सीजन करता है नष्ट
आमजन पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ भी जागरूक नजर आ रहा है। वे अपने परिवार व दूसरे परिवारों की खुशियाें के लिए सरकार द्वारा पटाखे बजाने पर प्रतिबंध की पालना जरूर करे। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि एक छोटा पटाखा जलाने पर कई जहरीली गैसें निकलती हैं जिससे 10 लीटर तक ऑक्सीजन खत्म हो जाती है। अगर बड़ा पटाखा और काफी मात्रा में आतिशबाजी हुई तो अंदाजा लगा सकते हैं कि कोरोना काल में बेहद जरूरी ऑक्सीजन कितनी ज्यादा मात्रा में नष्ट होगी। हैप्पी दिवाली के लिए पटाखों पर बैन रखें, प्रदूषण न फैलाएं और न फैलने दें।
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