Herd immunity can come in 4-6 months in cities like Mumbai-Delhi, it may take one year in the village | मुंबई-दिल्ली जैसे शहरों में 4-6 माह में आ सकती है हर्ड इम्युनिटी, गांंव में लग सकता है एक साल

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नई दिल्ली11 दिन पहले

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फाइल फोटो

  • गांंव में लग सकता है एक साल, भारत के अभी 30 फीसदी लोग हुए हैं संक्रमित

(पवन कुमार) पिछले महीने सरकार की एक कमेटी ने मैथमेटिकल मॉडलिंग करके बताया कि भारत की 30% आबादी कोरोना से संक्रमित हो चुकी है। फरवरी तक यह प्रतिशत 50% तक पहुंच जाएगा, जिसके बाद हर्ड इम्युनिटी जैसी स्थिति हो जाएगी। हालांकि पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट का मत इस पर अलग-अलग है।

नेशनल कोविड टास्क फोर्स के सदस्य प्रोफेसर डीसीएस रेड्डी बताते हैं कि अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, सूरत, कोलकाता, जैसे हाई डेंसिटी वाले शहरों में अगले 4 से 6 माह में 40-50% लोगों में यह संक्रमण हो चुका होगा। ऐसे समय में यहां के लोग हर्ड इम्युनिटी के स्तर पर पहुंच सकते हैं। वहीं गांवों में हर्ड इम्युनिटी आने में एक साल लग सकता है। वहां संक्रमण भी कम है।

वहीं नेशनल कोविड टास्क फोर्स के सदस्य प्रो. के. श्रीनाथ रेड्‌डी का कहना है कि अभी यह स्पष्ट तौर पर नहीं पता है कि कितनी फीसदी आबादी संक्रमित हो जाए तो हर्ड इम्युनिटी कही जा सकती है। यह प्रतिशत 40 से लेकर 80% तक हो सकता है।

डब्ल्यूएचओ ने अभी तक किसी भी देश में हर्ड इम्युनिटी जैसी स्थिति की न तो घोषणा की है और न ही ऐसी कोई बात की है। प्रो.रेड्डी कहते हैं कि हर्ड इम्युनिटी आने के बाद भी खतरा रह सकता है। वे बताते हैं कि यदि यह मान लिया जाए कि किसी शहर की 60% आबादी संक्रमित हो गई है और अब वहां की 40% आबादी खतरे से बची रह सकती है।

हर्ड इम्युनिटी भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है
क्या होता है हर्ड इम्युनिटी
हर्ड इम्युनिटी उस स्थिति को कहते हैं जब वहां रह रहे लोग या तो प्राकृतिक तौर पर वायरस से संक्रमित होकर इम्युनिटी हासिल कर लें या उन्हें रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी टीके से मिल जाए। इसमें जनसंख्या का एक बड़ा भाग संक्रमित हो जाता है और वायरस का प्रसार धीमा पड़ जाता है।

क्या हर्ड इम्युनिटी का समय आ गया है?
किसी भी देश में अभी हर्ड इम्युनिटी नहीं आई है। वैज्ञानिक कह रहे हैं कि 50% लोगों के संक्रमित होने पर भी हर्ड इम्युनिटी आ सकती है। ब्राजील के मनाउस में मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद कम हुई। कहा गया कि यहां 66% लोग संक्रमित हुए और लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो गई। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने ऐसा नहीं कहा।

क्या इसमें मौत का खतरा नहीं है?
अमेरिका में ग्रेट बैरिंगटन डेक्लेरेशन हुआ है। इसमें कहा है कि जिन लोगों को मौत का खतरा कम है, उन्हें बिना डरे सामान्य जीवन जीना चाहिए। इससे हर्ड इम्युनिटी जल्दी आएगी। सवाल है कि क्या स्वस्थ्य व्यक्ति संक्रमित होगा तो खतरा नहीं है।

प्रतिष्ठित जामा कार्डियोलॉजी द्वारा 100 रिकवर मरीजों पर किए अध्ययन में कहा है कि 78 लोगों को किसी तरह का हर्ट डैमेज हुआ है। ऐसे में कहा नहीं जा सकता कि भविष्य में नुकसान कितना बड़ा हो सकता है। इसके अलावा वायरस रिकवर हो चुके व्यक्ति को दूसरे नुकसान कर सकता है।

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