हरियाणा के अंबाला जिले के शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) के पास किसानों के रेल रोको आंदोलन (Kisan Andolan) चल रहा है. सोमवार को लगातार छठे दिन भी किसान अब रेल पटरियों पर बैठे हुए हैं. इस कारण ट्रेनों के संचालन पर असर पड़ा है. रेललाइन (Rail Line) पर किसानों के बैठने के चलते 788 ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है.
दरअसल, किसान अंबाला से सटे पंजाब के शम्भू रेलवे स्टेशन पर धरने पर बैठे है. सोमवार को अंबाला रेल मंडल से गुजरने वाली लगभग 788 ट्रेनें प्रभावित हो रही है. इसमें 352 ट्रेनों को कैंसिल किया गया है. साथ ही कुछ को शॉर्ट टमिनेट किया गया है और कुछ के रूट को डायवर्ट किया गए हैं.
अंबाला रेल मंडल के सीनियर डीसीएम नवीन कुमार ने बताया कि अब तक के आकडों के मुताबिक अंबाला मंडल से गुजरने वाली 788 रेलगाड़िया प्रभावित हो रही हैं. इसके मेल एक्सप्रेस और पेसेंजर मिलाकर 352 ट्रेनों को रद्द किया गया है. 35 और 40 ट्रेनों शॉर्ट टमिनेट हुई है और बाकि के रूट बदलकर चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रेनों के प्रभावित होने का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों ने शंभू रेलवे स्टेशन के नजदीक रेलवे ट्रैक जाम किया है.
किसान लगातार चौथे दिन से रेलवे ट्रैक पर बैठे है और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ लग गई है. सीनियर DCM नवीन कुमार का कहना है कि अंबाला रेल मंडल से अब तक 85 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द कर दी गई है. रेलवे का कहना है कि यात्रियों की सुविधा को देखते हुए हेल्प डेस्क भी बनाए गए है. उन्होंने कहा कि अभी वाया चंडीगढ़ से लुधियाना होते हुए जम्मू की ओर ट्रेन जा रही हैं.
लोगों को हो रही परेशानी
अंबाला रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की काफी भीड़ है. खासकर लम्बी दूरी के यात्री अपने परिवार सहित छोटे- छोटे बच्चो के साथ स्टेशन पर बैठने को मजबूर हैं. यात्रियों का कहना है कि वे कई घंटे से रेलवे स्टेशन पर बैठे हैं, लेकिन अभी तक ट्रेन नहीं आई है. ना ही कुछ पता चल पा रहा है कि ट्रेन क्यों लेट है. स्टेशन पर महिला यात्रियों का कहना है कि वे अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ रेलवे स्टेशन पर बैठे हैं. अभी तक ट्रेन का पता नहीं है. काफी परेशानी हो रही है. अंबाला बस अड्डा इंचार्ज अजीत कुमार ने बताया कि यहां पर यात्रियों को कोई असुविधा नहीं हो रही है. अगर ऐसा होता है तो बस स्टैंड पर एक्स्ट्रा बसें खड़ी की हुई हैं और जिस रूट पर समस्या होगी, वहां के लिए बसें चला देंगे.