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लुधियाना16 मिनट पहले
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- 15 माह लंबी जांच के बाद पुलिस ने दंपति पर दर्ज किया पर्चा
दंपति ने पांच फर्जी आधार कार्ड बना उस पर फाइनेंस कंपनी से लोन पर सामान खरीद लिया। फिर कंपनी के कस्टमर के बंद नंबरों को खुद चलाकर उसके आधार पर लोन अप्लाई कर दिए। जब कंपनी अफसरों को ठगी का पता चला तो उन्होंने अगस्त 2019 में पुलिस को शिकायत दी। इस पर 15 माह जांच के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। दुगरी पुलिस ने हीरा नगर के कुलजीत सिंह की शिकायत पर अंबेडकर नगर के कबीर राय और उसकी पत्नी रोशनी देवी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। एएसआई सुनील कुमार ने बताया कि शिकायतकर्ता बजाज फाइनेंस कंपनी में इन्वेस्टिगेशन मैनेजर है। आरोपी दंपति ने अपने आधार कार्ड से छेड़छाड़ कर जन्म तारीख और एड्रेस बदल 5 आधार कार्ड बना लिए। इसके बाद उन्हीं आधार कार्ड के आधार पर बजाज कंपनी से कई लोन पास करवाकर ठग लिए।
आरोपियों ने लिए थे 30 से 35 लोन
शिकायतकर्ता ने बताया कि बजाज कंपनी कस्टमर्स के नंबर को अकाउंट के साथ अटैच करती है। इससे नंबर के आधार पर लोन लिया जा सकता है। आरोपियों ने कहीं से बजाज के कस्टमरों के मोबाइल नंबर ले लिए। आरोपियों ने उन कस्टमरों के नंबर उठाए जो पिछले काफी समय से बंद थे। उन्होंने वही नंबर किसी तरह अपने नाम करवाकर चला लिए। फिर उसी पर नए लोन करवा चीजें खरीद ली। इस तरह कर आरोपियों ने 30 से 35 लोन लेकर करीब 30 लाख रुपए ठग लिए।
कस्टमर की शिकायत पर ठगी का पता चला: शिकायतकर्ता के आरोपियों ने समराला चौक के पास महिला के नंबर पर लोन लिया, लेकिन किश्त जमा न होने पर कंपनी ने महिला के घर पर सूचित किया। कस्टमर ने आकर लोन न लेने की बात कही। इसी तरह और कस्टमर कंपनी में शिकायत करने पहुंचे। इसके बाद शिकायतकर्ता ने चेक किया। इससे ठगी का पता चला।
निजी यूजर आईडी से यात्रियों की तत्काल टिकट बुक करने वाला काबू
निजी यूजर आईडी से यात्रियों की रेल टिकट बुक करने वाले एजेंट को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान ग्यासपुरा के पंकज कुमार के रूप में हुई है। पुलिस ने 1 सीपीयू, प्रिंटर और मोबाइल बरामद किया है। आरपीएफ अफसर ने बताया कि आरोपी निजी आईडी बना एक सॉफ्टवेयर के जरिए रेल टिकट बुकिंग कर यात्रियों से ओवर चार्जिंग करता है। सूचना के आधार पर आरपीएफ मुलाजिम की टीम बना आरोपी के ठिकाने पर टिकट बुक करने के बहाने भेजा गया। आरोपी को पुलिस पार्टी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरपीएफ ने बताया कि आरोपी के ऑफिस से 13 ई-टिकट 20 हजार 945 रुपए के बरामद हुए। आरोपी ने पूछताछ में माना कि वह इस आईडी को पिछले 3 सालों से चला रहा था। इस आईडी से अब तक हजारों रुपए के टिकट बना चुका है।
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