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नई दिल्ली:
रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी द्वारा आत्महत्या के मामले में 2018 में अंतरिम जमानत देने की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है।
सर्वोच्च न्यायालय के शीर्ष उद्धरण इस प्रकार हैं:
- एफआईआर को मान लेना सुसमाचार की सच्चाई है और यह जांच का विषय है लेकिन आत्महत्या के लिए पैसे का भुगतान नहीं कर रहा है? श्री सिब्बल की ओर से एफआईआर लंबित होने पर जमानत नहीं दी गई तो यह न्याय का द्रोह होगा।
- अगर मुझे छोड़ दिया जाए, तो मैं चैनल नहीं देखता और आप विचारधारा में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन संवैधानिक अदालतों को ऐसी स्वतंत्रता की रक्षा करनी होगी, तब हम विनाश के रास्ते पर चल रहे हैं।
- हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है।
- बिंदु है, सरकारों को उन्हें (टीवी पर ताना मारना) अनदेखा करना चाहिए।
- आप (महाराष्ट्र) सोचते हैं कि वे क्या कहते हैं, चुनाव में कोई फर्क पड़ता है?
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