शाहिद कपूर स्टारर फिल्म ‘जर्सी’ 2022 की उन फिल्मों में से एक है, जो बड़े बजट और उच्च उम्मीदों के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर साबित हुई। यह एक ऐसी कहानी है जो न केवल फिल्म के प्रदर्शन पर रोशनी डालती है बल्कि यह भी बताती है कि सिनेमा में बदलते दौर के साथ दर्शकों की प्राथमिकताएं कैसे बदल रही हैं। इस फिल्म ने मेकर्स को पांच बार रिलीज टालने के बाद भी उम्मीद के अनुरूप रिजल्ट नहीं दिया।
फिल्म का प्लॉट और भूमिका में शाहिद कपूर
‘जर्सी’ की कहानी एक स्पोर्ट्स ड्रामा के इर्द-गिर्द घूमती है जिसमें शाहिद कपूर एक संघर्षरत क्रिकेटर की भूमिका में हैं। फिल्म में उनके किरदार का नाम अर्जुन है, जो क्रिकेट के प्रति अपने जुनून के बावजूद ज़िंदगी की मुश्किलों और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संघर्ष करता है। यह कहानी मुख्य रूप से इस बात पर केंद्रित है कि अर्जुन अपने बेटे की एक साधारण सी इच्छा पूरी करने के लिए अपनी खेल यात्रा फिर से शुरू करता है। इस फिल्म में शाहिद कपूर के साथ मृणाल ठाकुर और पंकज कपूर भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं।
हिट तेलुगु फिल्म का हिंदी रीमेक – लेकिन नाकाम
2019 में रिलीज हुई तेलुगु फिल्म ‘जर्सी’, जिसमें साउथ के सुपरस्टार नानी ने मुख्य भूमिका निभाई थी, एक बड़ी सफलता थी। इसकी भावनात्मक गहराई, खेल की प्रेरणा, और पात्रों की सच्चाई ने इसे दर्शकों के दिलों में बसा दिया। फिल्म ने आलोचकों से भी काफी तारीफें बटोरीं और व्यावसायिक रूप से भी काफी सफल रही। इसकी सफलता को देखते हुए मेकर्स ने इसे हिंदी में बनाने का फैसला किया। हालांकि, हिंदी दर्शकों के साथ इसका जुड़ाव उतना सफल नहीं रहा।
कोविड-19 के कारण रिलीज में देरी
2020 में बनकर तैयार होने के बावजूद, ‘जर्सी’ को कई बार टालना पड़ा। कोविड-19 महामारी और उसकी वजह से लगे लॉकडाउन के चलते फिल्म की रिलीज डेट बार-बार टलती रही। इसके बाद कई फिल्मों के रिलीज के साथ क्लैश की संभावना बनी, जिससे इसके प्रदर्शन पर भी असर पड़ा। कुल मिलाकर, रिलीज डेट 5 बार टली और आखिरकार यह अप्रैल 2022 में रिलीज हुई।
95 करोड़ का बजट, लेकिन रिटर्न्स न के बराबर
मेकर्स ने इस फिल्म को 95 करोड़ रुपये के भारी बजट में तैयार किया था, जोकि एक स्पोर्ट्स ड्रामा के लिए काफी बड़ा बजट है। इस बजट में शाहिद कपूर की स्टार पॉवर, अच्छी कहानी, और साउथ में सफल रही फिल्म की प्रतिष्ठा को भुनाने की पूरी कोशिश की गई थी। लेकिन बावजूद इसके, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अपना बजट तक वसूल नहीं कर सकी।
फिल्म ने देश भर में केवल 20 करोड़ रुपये की कमाई की, जबकि दुनिया भर में इसका कुल कलेक्शन 30 करोड़ रुपये तक सीमित रहा। इस तरह, 95 करोड़ रुपये की लागत के मुकाबले, फिल्म का प्रदर्शन औसत से भी नीचे रहा और इसे बॉक्स ऑफिस पर ‘डिजास्टर’ करार दिया गया।
फ्लॉप होने के कारण
फिल्म की असफलता के कई कारण सामने आते हैं, जिनमें प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- कंटेंट में नयापन की कमी – फिल्म की कहानी और उसका ट्रीटमेंट तेलुगु वर्जन से लिया गया था। हिंदी में इसे देखने वाले दर्शकों के लिए यह काफी नया नहीं था, और जो लोग ओरिजिनल फिल्म देख चुके थे, उनके लिए रीमेक में नयापन की कमी महसूस हुई।
- शाहिद कपूर का स्टारडम – शाहिद कपूर ने ‘कबीर सिंह’ जैसी हिट फिल्म देने के बाद दर्शकों की उम्मीदों को बढ़ा दिया था। लेकिन इस फिल्म में उनकी परफॉर्मेंस उतनी दमदार नहीं मानी गई। दर्शक शायद उनसे ‘कबीर सिंह’ के स्तर की एक और हिट फिल्म की उम्मीद कर रहे थे।
- कोविड के बाद सिनेमाघरों में कम भीड़ – कोविड के बाद की स्थिति में सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या कम थी, जिससे भी फिल्म के कलेक्शन पर असर पड़ा।
- इमोशनल ड्रामा का ओवरडोज – हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में इमोशनल स्पोर्ट्स ड्रामा की सफलता कुछ चुनिंदा फिल्मों तक ही सीमित रही है। ‘जर्सी’ जैसी फिल्में जिनमें अधिक इमोशनल एंगल हो, वह हर किसी के लिए दिलचस्प नहीं होतीं, और खासकर युवा दर्शकों के बीच में ऐसी फिल्मों को बहुत कम रुचि मिलती है।
रिव्यूज से कोई खास फायदा नहीं
हालांकि, फिल्म को क्रिटिक्स से अच्छे रिव्यू मिले, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसका कोई खास असर नहीं दिखा। आज के समय में, केवल अच्छे रिव्यूज के बलबूते पर फिल्मों का सफल होना मुश्किल हो गया है। दर्शकों का टेस्ट और फिल्मों को लेकर उनका रवैया बदल चुका है, और वह अब नए और ओरिजिनल कंटेंट की तलाश में रहते हैं।
फिल्म इंडस्ट्री के लिए सबक
‘जर्सी’ जैसी फिल्मों का असफल होना फिल्म इंडस्ट्री के लिए कई सबक छोड़ता है:
- रिमेक पर निर्भरता को करना चाहिए कम – सिर्फ इसलिए कि एक फिल्म किसी क्षेत्र में हिट हुई है, इसका मतलब यह नहीं है कि उसका रीमेक भी हर जगह सफल होगा। दर्शकों को ओरिजिनल कंटेंट पसंद आता है और रिमेक तभी काम करता है जब वह उस कहानी में कुछ नया लेकर आए।
- बड़े बजट की फिल्मों में रिस्क – सिर्फ स्टारकास्ट पर भरोसा करना, या बड़े बजट का इस्तेमाल सफलता की गारंटी नहीं है। यदि कंटेंट में दम नहीं है या वह दर्शकों को जोड़ नहीं पाता, तो बड़े बजट का फिल्म पर उल्टा असर पड़ सकता है।
- रिलीज डेट का सही चुनाव – ‘जर्सी’ की बार-बार टलती रिलीज डेट ने भी इसके प्रदर्शन पर असर डाला। किसी भी फिल्म के लिए सही समय पर रिलीज होना आवश्यक होता है, खासकर तब जब उसकी तुलना अन्य फिल्मों से की जा रही हो।
भविष्य के लिए शाहिद कपूर और निर्माताओं का प्लान
हालांकि ‘जर्सी’ बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो सकी, लेकिन इससे शाहिद कपूर या फिल्म के मेकर्स का हौसला टूटा नहीं। शाहिद अब अपनी अगली फिल्म ‘ब्लडी डैडी’ में एक बिल्कुल नए अवतार में नजर आएंगे। उन्होंने यह साबित किया है कि असफलता से सीखना ही सबसे अच्छा रास्ता है।
‘जर्सी’ भले ही व्यावसायिक रूप से सफल नहीं हो पाई, लेकिन यह एक यादगार अनुभव रही जो यह सिखाती है कि सफलता और असफलता, दोनों ही फिल्म इंडस्ट्री का अभिन्न हिस्सा हैं।
5 बार टली रिलीज, खर्च हुए 95 करोड़, फिर भी डिजास्टर – शाहिद कपूर की ‘जर्सी’ की नाकामयाबी की पूरी कहानीhttp://5 बार टली रिलीज, खर्च हुए 95 करोड़, फिर भी डिजास्टर – शाहिद कपूर की ‘जर्सी’ की नाकामयाबी की पूरी कहानी