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हिसार3 घंटे पहले
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फाइल फोटो।
- हाई रिस्क मिलने पर होम आइसोलेशन नहीं बल्कि अस्पताल में होंगे दाखिल
कोरोना संक्रमित रोगियों को होम आइसोलेशन की सुविधा अब तभी मिलेगी जब हाई रिस्क के दायरे से बाहर होंगे। इसके लिए पुरानी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त रोगियों की स्क्रीनिंग होगी, जिनका बेसलाइन टेस्ट होगा। रोगियों का ब्लड टेस्ट से लेकर ईसीजी, एक्स-रे सहित अन्य जरूरी मेडिकल जांच होंगी। इस दौरान चिकित्सक को रिपोर्ट्स देखने पर यदि लगा कि पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीज की जान काे हाई रिस्क है तो उन्हें होम आइसोलेशन की बजाय अस्पताल में दाखिल किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 60 वर्ष एज प्लस रोगी हाई रिस्क दायरे में आते हैं लेकिन मौजूदा हालात बयां कर रहे हैं कि 40 से 60 वर्षीय रोगियों की जिंदगी पर कोरोना भारी पड़ रहा है। इसलिए 40 प्लस रोगियों की स्क्रीनिंग करके उनका बेसलाइन टेस्ट करवाया जाएगा। इस संबंध में डीसी और सीएमओ ने सभी अस्पतालों के संचालकों एवं प्रभारियों को दिशा-निर्देश दिए हुए हैं। दरअसल, रोज करीब 100 से ज्यादा नये रोगी मिल रहे हैं।
इसके साथ संक्रमण से होने वाली मृत्यु का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इन पर नियंत्रण के लिए उक्त पहल हुई है। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. रतना भारती का कहना है कि अब 40 प्लस आयु के रोगियों की स्क्रीनिंग करके बेसलाइन टेस्ट किया जाएगा। संक्रमितों व मृतकों में 40 से 60 वर्ष तक के रोगी भी शामिल हैं। पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होने के बावजूद लोग समय पर कोविड जांच व इलाज नहीं करवाते हैं।
इससे उनकी हालत जब काफी बिगड़ जाती है तब उपचार के लिए अस्पताल पहुंचते हैं। मगर तब तक काफी देर हो चुकी होती है। इन हालातों पर नियंत्रण के लिए रोगी की पुष्टि होने के साथ ही उनकी स्क्रीनिंग व जरूरी मेडिकल जांच होगी। वहीं स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन ने आमजन को कोरोना से बचाव एवं रोकथाम के प्रति जागरूक करने के लिए मुनादी करवाने का फैसला लिया है।
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