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- निगम की ५५ हजार स्ट्रीट लाइटों में से ४०% खराब हैं, ये लाइटें शहर में हैं, लोगों की ओर से, ४ करोड़ के रखरखाव का वार्षिक बजट
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जालंधर13 घंटे पहले
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- रोशनी के पर्व दीपावली पर भी जगमग नहीं कर पाया नगर निगम
- श्रीराम चौक से भगवान वाल्मीकि चौक तक 16 में से 10 लाइटें बंद
कल दिवाली है लेकिन सिटी को नगर निगम की तरफ से रोशनी नसीब नहीं है। कोरोना काल के बाद पहली बार गुलजार हुए मेन रोड और चौक-चौराहों में सिर्फ लोगों की अपनी रोशनी से ही रौनक है। इसी दौरान चोर-लुटेरे भी सरगर्म हैं लेकिन सिटी में निगम की लगी 55000 स्ट्रीट लाइटों में से करीब 40% लाइटें बंद पड़ी हैं। बंद लाइटों की शिकायतों पर ठेकेदार सुनवाई नहीं कर रहे और निगम हाउस में पार्षदों के हंगामे के बावजूद अफसर हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं। नतीजतन दीपावली पर गली-मोहल्ले और बाजारों में लगी लाइटों और दीपकों से आ रही रोशनी ही वाहनों को रास्ता दिखाने का काम कर रही हैं। निगम के 7 जोन में स्ट्रीट लाइटों के ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस के ठेके पर सालाना करीब 4 करोड़ रुपए का बजट है, लेकिन आम लोगों को इसका फायदा नहीं है। हालात ऐसे हैं कि स्मार्ट सिटी बने जालंधर की मेन एंट्री अर्थात पीएपी से बीएसएफ चौक तक रोड पर स्ट्रीट लाइटें बंद हैं।
10 महीने में ठेकेदार पर कोई पेनल्टी नहीं
निगम हाउस की मीटिंग में समूह पार्षदों ने काम में मनमानी कर रहे ठेकेदारों पर कार्रवाई का मसला उठाया था। कहा था कि आम लोगों से लेकर पार्षद की शिकायत के बावजूद लाइटें ठीक नहीं की जा रही है और न ही ठेकेदार पर पेनल्टी लगाई जा रही है। जबकि टेंडर में 2 दिन से ज्यादा लाइट बंद रहने पर रोजाना प्रत्येक पॉइंट के लिए 50 रुपए तथा 7 दिन के बाद 200 रुपए प्रति लाइट पेनल्टी की शर्त है। मेयर ने भी ठेकेदार पर पेनल्टी तय करने को कहा था। निगम के स्ट्रीट लाइट ब्रांच के एसई सतिंदर कुमार का कहना है कि अप्रैल में ठेका शुरू होने के बाद से अब तक ठेकेदारों को कोई पेमेंट नहीं दी गई है, जब बिल बनेगा तो उसमें से पेनल्टी की कटौती की जाएगी।
पेनल्टी वसूल होगी, नए प्रोजेक्ट शुरू होते ही ठेका करेंगे रद्द : मेयर जगदीश राजा
मेयर जगदीश राजा का कहना है कि स्ट्रीट लाइटों के ठेकेदार की मनमानी पर नगर निगम के अफसर कंट्रोल करने में असफल हुए लेकिन सभी से पेनल्टी की वसूली होगी। एसई से पेनल्टी की कैलकुलेशन कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। स्मार्ट सिटी के अधीन चल रहे एलईडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट का काम जिस जोन में पूरा होगा, साथ ही उस जोन के मेंटनेंस का चल रहा ठेका भी रद कर दिया जाएगा, ताकि पैसे की बचत हो। शहरवासियों को अंधेरे में नहीं रखा जाएगा।
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