India-Austria संबंधों में नया अध्याय: व्यापार, नवाचार और सांस्कृतिक सहयोग की नई संभावनाएँ
PM नरेंद्र मोदी का दो दिवसीय Austria दौरा (9-10 जुलाई) भारतीय और ऑस्ट्रियाई संबंधों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने वाला है। चार दशकों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है। इस दौरे के दौरान, मोदी Austria के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन और चांसलर कार्ल नेहमर से मुलाकात करेंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग के नए आयामों को स्थापित करना और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करना है।
Austria यात्रा का महत्व
मोदी का यह दौरा नई दिल्ली और विएना के बीच 75 साल के राजनयिक संबंधों के उत्सव के मौके पर हो रहा है। इस यात्रा के माध्यम से दोनों देश लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्यों पर आधारित एक मजबूत साझेदारी बनाने का प्रयास करेंगे।
मुख्य मुलाकातें और चर्चाएँ
इस यात्रा के दौरान, मोदी चांसलर कार्ल नेहमर के साथ प्रतिनिधि-स्तरीय वार्ता करेंगे और Austria के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन से भी मिलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वागत भाषण में ऑस्ट्रियाई चांसलर को धन्यवाद दिया और इस ऐतिहासिक अवसर को रेखांकित किया। यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापार, नवाचार, उच्च प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करेगी।
व्यापार और आर्थिक सहयोग
भारत और Austria के बीच व्यापार संबंध निरंतर बढ़ रहे हैं। 2023 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार $2.93 बिलियन तक पहुंच गया। भारत मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र, परिधान, जूते और रसायन ऑस्ट्रिया को निर्यात करता है, जबकि Austria से भारत को मशीनरी, ऑटोमोटिव पार्ट्स और रसायन मिलते हैं। मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं से मुलाकात और उच्च-स्तरीय व्यावसायिक सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
नवाचार और प्रौद्योगिकी में सहयोग
फरवरी 2024 में भारत और Austria के बीच एक नया “स्टार्टअप ब्रिज” लॉन्च किया गया था, जिसने दोनों देशों के स्टार्टअप्स के बीच सहयोग और ज्ञान साझाकरण को बढ़ावा दिया। इस यात्रा के दौरान, मोदी और ऑस्ट्रियाई चांसलर इस ब्रिज के परिणामों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच एक व्यापक प्रवासन और गतिशीलता समझौता भी किया गया था, जो अब प्रभावी हो गया है।
सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान
भारत और Austria के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान की परंपरा 16वीं सदी तक जाती है। भारतीय दार्शनिक और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने 1921 और 1926 में विएना की यात्रा की थी, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और बौद्धिक आदान-प्रदान के महत्वपूर्ण पुल साबित हुए। आज, Austria में लगभग 31,000 भारतीय रहते हैं, जिनमें से अधिकांश स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काम करते हैं। मोदी की यात्रा के दौरान भारतीय प्रवासियों से मिलना और उनकी समस्याओं और अनुभवों को साझा करना भी एक महत्वपूर्ण भाग होगा।
भविष्य की संभावनाएँ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का Austria दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा। यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी, बल्कि वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगी। ऑस्ट्रिया मध्य यूरोप का एक महत्वपूर्ण देश है और इसके पास बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा, उच्च प्रौद्योगिकी, स्टार्टअप्स, मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्रों में उत्कृष्ट अवसर हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का Austria दौरा भारतीय और ऑस्ट्रियाई संबंधों में एक नया अध्याय लिखेगा। यह यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा देगी और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर समझ और सहयोग को बढ़ावा देगी। भारतीय प्रवासी भी इस यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं और इसे गर्व का विषय मानते हैं। मोदी की इस यात्रा से दोनों देशों के संबंधों में एक नई ऊर्जा का संचार होगा और भविष्य में और भी कई महत्वपूर्ण समझौतों और परियोजनाओं की उम्मीद की जा सकती है।