300 street lights were to be installed in the city before Deepawali, shadow still dark in many areas | दीपावली से पहले शहर में 300 स्ट्रीट लाइटें लगानी थीं, कई एरिया में अभी भी छाया अंधेरा

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रोहतक12 घंटे पहले

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  • निगम की सामान्य बैठक में हर बार स्ट्रीट लाइटों का उठता रहा मुद्दा, लेकिन अभी तक नई स्ट्रीट लाइटों की नहीं आई खेप
  • आउटर इलाके और निगम की सीमा में शामिल ग्रामीण एरिया में अधिकांश इलाके हैं अंधेरे में

इस बार शहर के कई एरिया वासियों को अंधेरे में दिवाली मनानी पड़ेगी। गत 15 अक्तूबर को नगर निगम की सामान्य बैठक में पार्षदों ने 5 हजार स्ट्रीट लाइट की मांग की। इस पर तय हुआ कि दिवाली से पहले जरूरत के मुताबिक नगर निगम क्षेत्र में लगभग 300 स्ट्रीट लाइटें लगा दी जाएंगी। लेकिन अभी तक स्ट्रीट लाइटें लगाने का कार्य शुरू नहीं हो पाया। शहर की नई सरकार की पहली बैठक से लेकर आज तक हर बार मीटिंग में पार्षदों की ओर से नई स्ट्रीट लाइटें मंगाने का मुद्दा उठाया जाता रहा है।

पहले अधिकारियों प्रदेश सरकार की ओर से पॉलिसी बदलने का हवाला देते हुए सारी लाइटों को एलईडी में बदलने का प्रोजेक्ट बताकर मामला टरकाते रहे हैं। लेकिन दो वर्ष बाद भी हालात जस के तस हैं। इस कारण रोशनी के त्योहार पर कई लोगों को अब भी अंधेंरे में ही रहना होगा। खासकर आउटर इलाके और निगम की सीमा में शामिल ग्रामीण एरिया में अधिकांश इलाके अंधेरे में हैं। रास्ते कच्चे होने और जल जमाव के चलते रात में उधर से गुजरने में लोगों को सांप-बिछ्छू का भय सताता रहता है। अंधेंरे के कारण लोग सड़क हादसे का भी शिकार हो रहे हैं।

हर माह 25 हजार स्ट्रीट लाइट का बिजली बिल 40 लाख
पुराना शहर और निगम की सीमा में शामिल 8 गांवों बोहर, बलियाणा, खेड़ीसाध, कन्हेली, पहरावर, सुनारिया खुर्द, सुनारिया कला, कुताना सहित नगर एरिया में लगभग 25 हजार स्ट्रीट लाइटें लगी हैं। इनका मेंटेनेंस और बिजली बिल का भुगतान नगर निगम की ओर से किया जाता है। 25 हजार स्ट्रीट लाइटों का बिजली बिल 40 लाख रुपए के आसपास प्रतिमाह आता है। इन लाइटों में सोडियम लाइट, एसीएफएल व एलईडी शामिल हैं।

मेंटेनेंस पर हर महीने 10 लाख रुपए खर्च
नगर निगम की ओर से स्ट्रीट लाइटों के मेंटेनेंस का ठेका दिया है। इस पर हर महीने लगभग 10 से 12 लाख रुपए का खर्च आता है। अनुबंध के तहत ठेकेदार को शिकायत पर 24 घंटे के अंदर बिजली ठीक करनी होती है। ज्यादा खराबी होने पर 48 घंटे का समय मिलता है। पुरानी लाइटों की मरम्मत के दौरान चोक, बल्ब व तार आदि खुद ठेकेदार को लगाने पड़ते हैं।

लाइट न होने से हो रहे सड़क हादसे
कच्ची गढ़ी मोहल्ला में आज भी स्ट्रीट लाइट नहीं होने से लोगों को अंधेरे में सड़क से होकर गुजरना पड़ रहा है। मोहल्ले के निवासी रामफल व उमेद सिंह ने बताया कि मोहल्ला में करीब 5 माह से स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई गई है। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार तो सड़क पर अंधेरा होने के कारण हादसे का शिकार हो चुके हैं। मोहल्ले में जल्द से जल्द स्ट्रीट लाइट लगवाई जाएं।

वार्ड में 800 स्ट्रीट लाइटों की जरूरत
स्ट्रीट लाइटों के हिसाब से मेरा वार्ड निगम का सर्वाधिक की जरूरत वाला एरिया है। यहां 800 स्ट्रीट लाइटें नई लगानी चाहिए। सबसे ज्यादा दिक्कत कुताना बस्ती, शास्त्री नगर, सूर्य नगर, ओल्ड आईडीसी एरिया हैं। यहां तमाम गलियां कच्ची होने और जलभराव होने की वजह से सांप-बिच्छू निकलते रहते हैं। -कृष्ण सहरावत, पार्षद वार्ड-1

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