28 पर्वतारोही इस दलदल में गिरे थे और उनमें से किसी को भी बचाया नहीं जा सका था
नीतीश दहिया का शव आज सुबह एक दरार से बरामद किया गया। वह मंगलवार से वहां फंसा हुआ था जब द्रौपदी का डंडा-द्वितीय शिखर पर उनके अभियान के दौरान उनके समूह में हिमस्खलन आया था।
28 पर्वतारोही इस दलदल में गिरे थे और उनमें से किसी को भी बचाया नहीं जा सका था।
लड़का सिर्फ 22 साल का था और वह इससे पहले ही माउंट एवरेस्ट फतह कर चुका था।
ईश्वर नीतीश के माता-पिता को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। 🙏🏻नीतीश सिर्फ 22 साल के थे और वे एक बहुत ही विनम्र ग्रामीण परिवार से थे। उनके पिता एक किसान हैं और उनकी दो बहनें हैं और कोई भाई नहीं है।वह अपने जुनून और मुख्य रूप से सरकारी नौकरी की उम्मीद में पर्वतारोहण कर रहा था।
उन्होंने कुछ महीने पहले माउंट एवरेस्ट फतह किया था। माउंट एवरेस्ट अभियान के लिए भी कई लोगों ने उनकी आर्थिक मदद की थी।
अब मुख्यमंत्री जी को इस मामले में जरूर कोई बड़ी पहल करनी चाहिए। उनका सहारा बनना चाहिए, ताकि नितेश के परिवार को हिम्मत मिले, बेटा तो नहीं ला सकते, कम से कम जख्मों पर मरहम तो लगा ही सकते हैं।
प्रदेश सरकार के सभी नुमाइंदों से अनुरोध है कि नितेश के परिवार का सहारा बनने के लिए सरकार को आगे आने को प्रेरित करें। अगर, हरियाणा से पर्वतारोही संतोष यादव को विजयदशमी पर आरएसएस के सबसे प्रमुख आयोजन में बुलाया जा सकता है तो फिर नितेश के गरीब परिवार की सुध भी लेनी चाहिए। अगर सरकार इसके परिवार की सुध लेगी तो यह बहुत ही पुण्य का काम होगा।
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हाल ही में मटिण्डू गांव में पहुंचकर नीतीश दहिया के अभिनंदन समारोह में भाग लिया था और नीतीश को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। अब जबकि नीतीश नही रहा, तो दुष्यंत जी को उसके परिवार के लिए एक बार फिर आगे बढ़कर कुछ करना चाहिए 🙏