2008 में शाहरुख-सलमान की लड़ाई और बाबा सिद्दीकी द्वारा करवाया गया पैचअप: एक ऐतिहासिक मोड़

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बॉलीवुड में जब भी दोस्ती और दुश्मनी की बात होती है, शाहरुख खान और सलमान खान के नाम सबसे पहले जुबान पर आते हैं। दोनों ही सितारे न सिर्फ इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने में सफल रहे हैं, बल्कि अपने प्रशंसकों के दिलों में भी एक खास स्थान रखते हैं। हालांकि, उनकी दोस्ती में एक ऐसा मोड़ भी आया जब दोनों के बीच कड़वाहट पैदा हो गई और उन्होंने पांच साल तक एक-दूसरे से बात नहीं की। यह किस्सा 2008 में कैटरीना कैफ की बर्थडे पार्टी से जुड़ा है, लेकिन इस दुश्मनी का अंत 2013 में बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी में हुआ, जब दोनों सितारों ने एक-दूसरे को गले लगाया और अपनी पुरानी दुश्मनी को भुलाकर दोस्ती की एक नई शुरुआत की।

कैटरीना कैफ की बर्थडे पार्टी और शाहरुख-सलमान की लड़ाई

साल 2008 की एक यादगार रात थी जब कैटरीना कैफ ने अपने जन्मदिन पर एक भव्य पार्टी का आयोजन किया था। इस पार्टी में बॉलीवुड के कई सितारे शामिल हुए थे, जिनमें शाहरुख खान और सलमान खान भी थे। दोनों उस वक्त इंडस्ट्री के सबसे बड़े सितारे थे और उनकी दोस्ती भी बेहद मशहूर थी। लेकिन इस पार्टी में कुछ ऐसा हुआ जिसने उनकी दोस्ती को तोड़ दिया।

2008 में शाहरुख-सलमान की लड़ाई और बाबा सिद्दीकी द्वारा करवाया गया पैचअप: एक ऐतिहासिक मोड़
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पार्टी के दौरान शाहरुख और सलमान के बीच किसी बात पर बहस हो गई, और यह बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों एक-दूसरे से बात करना बंद कर बैठे। इस झगड़े का असर उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन पर भी पड़ा। दोनों के प्रशंसकों ने भी इस लड़ाई में दो गुट बना लिए। एक ओर जहां सलमान खान के समर्थक थे, वहीं दूसरी ओर शाहरुख खान के प्रशंसक। दोनों ही स्टार्स ने अगले पांच साल तक एक-दूसरे से दूरी बनाए रखी, और बॉलीवुड में एक तरह से एक अनकही दुश्मनी का माहौल बन गया।

बॉलीवुड में गुटबंदी

इस झगड़े ने बॉलीवुड में भी गहरे असर छोड़े। दोनों के बीच की दूरी ने इंडस्ट्री को भी दो हिस्सों में बांट दिया। कुछ सितारे सलमान के करीब रहे, तो कुछ शाहरुख के। इस लड़ाई के दौरान दोनों ने न तो एक-दूसरे से किसी फिल्म में काम किया और न ही किसी सार्वजनिक इवेंट में एक साथ नजर आए। दोनों के रिश्तों में इतनी तल्खी आ गई थी कि लोग इस बात को मान चुके थे कि शाहरुख और सलमान अब कभी दोस्त नहीं बन पाएंगे।

2013 में बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी—पैचअप की शुरुआत

साल 2013 का समय था, जब बाबा सिद्दीकी ने अपनी मशहूर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। बाबा सिद्दीकी एक प्रसिद्ध राजनेता थे, लेकिन बॉलीवुड में भी उनकी अच्छी खासी पहचान थी। उन्होंने हर साल इफ्तार पार्टी का आयोजन किया, जिसमें बॉलीवुड की तमाम बड़ी हस्तियां शामिल होती थीं। लेकिन इस बार की इफ्तार पार्टी बॉलीवुड के इतिहास में एक खास वजह से यादगार बन गई।

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बाबा सिद्दीकी ने एक रणनीति के तहत शाहरुख खान और सलमान खान को अपनी इफ्तार पार्टी में बुलाया और दोनों को एक ही टेबल पर बैठने की व्यवस्था की। शाहरुख खान पहले से ही सलमान के पिता सलीम खान के साथ बातचीत कर रहे थे। तभी सलमान खान पार्टी में पहुंचे। इस पार्टी में जो हुआ, उसने न सिर्फ दोनों सितारों के बीच की कड़वाहट को खत्म किया, बल्कि इंडस्ट्री को भी एक नया मोड़ दिया।

सलमान ने शाहरुख को देखा और बिना किसी हिचकिचाहट के उन्हें गले से लगा लिया। यह एक ऐसा पल था जिसने वहां मौजूद सभी लोगों के दिलों को छू लिया। दोनों सितारों के इस गले मिलने से न केवल उनकी व्यक्तिगत दुश्मनी खत्म हो गई, बल्कि इंडस्ट्री में भी एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। यह पार्टी न केवल बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी के रूप में जानी गई, बल्कि इसे बॉलीवुड के सबसे बड़े पैचअप के रूप में याद किया जाता है।

बाबा सिद्दीकी का रोल

इस पैचअप में बाबा सिद्दीकी का अहम रोल था। उनकी सूझबूझ और सही वक्त पर पहल करने की वजह से ही शाहरुख और सलमान की लड़ाई का अंत हो सका। बाबा सिद्दीकी ने दोनों को एक ही जगह पर बुलाकर यह सुनिश्चित किया कि वे एक-दूसरे से बात करें और अपने पुराने मतभेदों को भुला दें। उनकी यह पहल न सिर्फ बॉलीवुड के लिए बल्कि दोनों स्टार्स के प्रशंसकों के लिए भी एक बड़ी राहत थी।

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बाबा सिद्दीकी ने हमेशा से ही शांति और भाईचारे को बढ़ावा देने का काम किया था, और शाहरुख-सलमान के इस पैचअप में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण थी। उनकी इस पहल ने यह साबित कर दिया कि बड़े से बड़े विवाद भी बातचीत और समझदारी से हल किए जा सकते हैं।

पैचअप के बाद की दोस्ती

2013 के इस पैचअप के बाद शाहरुख और सलमान ने एक-दूसरे के साथ कई सार्वजनिक इवेंट्स में हिस्सा लिया। दोनों ने अपनी पुरानी दुश्मनी को पूरी तरह भुलाकर एक नई दोस्ती की शुरुआत की। इसके बाद दोनों सितारों ने एक-दूसरे की फिल्मों में कैमियो भी किए। शाहरुख खान की फिल्म पठान में सलमान का एक लंबा कैमियो था, वहीं सलमान की फिल्म टाइगर 3 में शाहरुख ने भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह दोस्ती न केवल फिल्मों तक सीमित रही, बल्कि दोनों सितारे एक-दूसरे के परिवारों के साथ भी अच्छा समय बिताने लगे। उनके इस पैचअप ने यह साबित कर दिया कि बॉलीवुड में भी दोस्ती और दुश्मनी दोनों ही चीजें अस्थायी होती हैं, और सही वक्त पर सुलह करके किसी भी विवाद को खत्म किया जा सकता है।

शाहरुख और सलमान के बीच की इस लड़ाई और सुलह ने यह दिखा दिया कि जब दो बड़े सितारे एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं, तो इसका असर सिर्फ उनके व्यक्तिगत रिश्तों पर नहीं, बल्कि पूरी इंडस्ट्री पर पड़ता है। लेकिन इस विवाद का अंत, जो बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी में हुआ, यह साबित करता है कि सच्ची दोस्ती किसी भी कड़वाहट को भुला सकती है। बाबा सिद्दीकी की पहल न केवल बॉलीवुड के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ था, बल्कि यह दोस्ती और भाईचारे का एक सुंदर उदाहरण भी बन गया।

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