कहा जाता है कि अगर कुछ करने की जज्बा हो, तो उस काम को पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता है. एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ओडिशा के भद्रक गांव से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़कर उन्होंने अपना खुद का स्टार्टअप शुरू किया है. यह वो दौर था जब कोरोना महामारी से पूरी दुनिया इसकी चपेट में था. उस समय उन्होंने हालात को ही अपना अवसर बना लिया और उन्होंने फिशरीज का स्टार्टअप शुरू कर दिया. जिस शख्स की हम बात कर रहे हैं उनका नाम रूद्रदेव मल्लिक (Rudradev Mallik) है. आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.
रूद्रदेव मल्लिक (Rudradev Mallik) ओडिशा के उन नौजवानों में से एक हैं, जो अपनी किस्मत की बुलंदियों को खुद लिखने में यकीन रखते हैं. उन्होंने 19 साल की उम्र में BCA की पढ़ाई बीच में छोड़कर अपना खुद का स्टार्टअप शुरू कर दिया है. उन्होंने जब यह स्टार्टअप शुरू किया तब उन्हें लगा कि तलाब में गायों और भैंसों को नहलाते हैं और खुद भी नहाते हैं, वाटर राफ्टिंग और अन्य एक्टिविटीज से पानी गंदा हो जाता है, जिसे वाटर पॉल्यूटेड हो जाता है. पानी में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने और क्लीन करने के लिए उनकी स्टार्ट कंपनी ने एरिएशन मशीन की मैन्युफैक्चरिंग शुरू की. इससे उनकी कमाई भी कई गुना बढ़ गई. डीएपीएल एग्री प्रोडक्ट (DAPL Agri Product) के नाम से एक स्टार्टअप कंपनी शुरू कर दी है. इससे उनकी कमाई 1.05 करोड़ सालाना हो गई.
रूद्रदेव मलिक ने अपनी स्कूलिंग ओडिशा के ब्राहमपुर हाई स्कूल, भद्रक से की है. इसके बाद उन्होंने भद्रक ऑटोनॉमस कॉलेज इन ओडिशा में BCA कोर्स में एडमिशन लिया. वह जब BCA के सेकेंड ईयर में थे तब कोरोना की वजह से उनकी पढ़ाई ऑनलाइन हो रही थी, उसी दौरान उनका एग्जाम था. तब उनके दिमाग में एक आइडिया आया है कि पढ़ाई छोड़कर अपना खुद का स्टार्टअप क्यों न शुरू कर दें. इसके बाद उन्होंने अपना स्टार्ट केवल 20,000 रुपये से शुरू किया और आज उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 1.05 करोड़ रुपये हैं. उनका यह बिजनेस 10 राज्यों में फैला हुआ है.
कॉलेज ड्रॉपआउट मलिक ने डीएपीएल नाम से एक फिशरीज और एक्वाकल्चर में एक स्टार्टअप कंपनी शुरू की है. वह इसके इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग करते हैं. इसके वह ऑल इंडिया सप्लायर हैं.