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प्रयागराज: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को संस्था बनाकर दुर्गा प्रतिमा स्थापित करने और इसके लिए चंदा वसूलने के पुराने मामले में बड़ी राहत मिली है. प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने इस केस को वापस लेने के यूपी सरकार के शासनादेश को मंज़ूरी दे दी है. कोर्ट के आदेश के बाद अब यह केस पूरी तरह से ख़त्म हो गया है और इसका ट्रायल ख़त्म हो जाएगा. मामला 12 साल पहले यूपी के कौशाम्बी जिले का है.
ये है पूरा मामला
25 अगस्त साल 2008 को कौशाम्बी जिले के मोहब्बतपुर पइंसा थाने के प्रभारी ने खुद एक मुकदमा दर्ज कर केशव प्रसाद मौर्य समेत नौ लोगों को आरोपित किया था. एफआईआर में आरोप था कि केशव मौर्या और उनके साथियों ने बिना किसी रजिस्ट्रेशन के एक संस्था के नाम पर दुर्गा प्रतिमा स्थापित की है और लाउडस्पीकर से लोगों से इसके लिए चंदा मांग रहे हैं. यह मुकदमा प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा था.
पिछले दिनों यूपी सरकार ने इस मुक़दमे को वापस लेने का फैसला किया. सरकार के इस फैसले को कोर्ट से मंजूरी दिलाने के लिए अभियोजन ने अर्जी दाखिल की थी. अभियोजन की तरफ से दलील दी गई कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है, इसलिए इसे वापस लेने की मंज़ूरी दे देनी चाहिए. स्पेशल कोर्ट के जज बाल मुकुंद ने सभी पक्षों को सुनने के बाद मुकदमा वापसी की अर्जी को अपनी मंज़ूरी दे दी.
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