हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण 37 लोग लापता, 1 की मौत

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हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण 37 लोग लापता, 1 की मौत

देश के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड इस समय भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं से जूझ रहे हैं।

उत्तराखंड में बादल फटने की कई घटनाओं ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं, जिससे जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रशासन और राहत दल अलर्ट पर हैं और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है।

उत्तराखंड में बादल फटने से भारी नुकसान

उत्तराखंड में टिहरी, रुद्रप्रयाग और भीमबली में बादल फटने की घटनाओं ने बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है। चारधाम यात्रा के मार्ग पर कई यात्रियों के फंसे होने की आशंका है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में तीर्थयात्रियों के फंसे होने की खबरें हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। उत्तराखंड में अगले 48 घंटे बहुत खतरनाक बताए जा रहे हैं और प्रशासन ने पूरे राज्य में अलर्ट घोषित कर दिया है।

राहत और बचाव कार्य

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला पुलिस और स्थानीय अधिकारी राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। उत्तराखंड के केदारनाथ में फंसे 150 से 200 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हालात पर नजर बनाए हुए हैं और लगातार अपडेट ले रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण 37 लोग लापता, 1 की मौत
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हिमाचल प्रदेश की स्थिति

हिमाचल प्रदेश के शिमला में रामपुर के पास बादल फटने की घटना ने 20-22 लोगों के लापता होने की सूचना दी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, लापता लोग पावर प्रोजेक्ट के कर्मचारी हो सकते हैं। पूरे हिमाचल में भारी बारिश का दौर जारी है और मौसम विभाग ने यहां ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। मंडी, शिमला और कुल्लू में भी भारी बारिश की आशंका है, जिससे कई घर तबाह हो गए हैं।

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का कहर

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश ने भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। शिमला, मंडी, कुल्लू, और कांगड़ा जिलों में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं। मंडी और कुल्लू में भारी बारिश से नदियाँ उफान पर हैं, जिससे कई पुल और सड़कें बह गई हैं। राज्य सरकार ने सभी संबंधित एजेंसियों को अलर्ट पर रखा है और स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

भूस्खलन और सड़कें बंद

भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे कई सड़कों पर आवागमन बाधित हो गया है। शिमला और मंडी जिलों में मुख्य सड़कों पर भूस्खलन होने से यातायात प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।

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बचाव कार्यों में तेजी

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। विशेष रूप से, केदारनाथ और रामपुर के आसपास के इलाकों में बचाव कार्यों में तेजी लाई गई है। हेलीकॉप्टरों की मदद से प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुँचाई जा रही है।

उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में हालात

टिहरी, रुद्रप्रयाग, और चमोली जिलों में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। रुद्रप्रयाग में मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। चमोली जिले में अलकनंदा नदी भी उफान पर है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।

राहत शिविर और चिकित्सा सुविधाएँ

प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां फंसे हुए लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। विशेष चिकित्सा टीमों को भी तैनात किया गया है ताकि आवश्यक चिकित्सा सहायता तुरंत प्रदान की जा सके। राज्य सरकार ने सभी अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों को अलर्ट पर रखा है और आवश्यक दवाइयों और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की है।

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प्रशासन की तत्परता

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने संबंधित अधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें की हैं और राहत कार्यों की प्रगति की जानकारी ली है। उन्होंने सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। दोनों राज्यों में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है, जिसका मतलब है कि स्थिति गंभीर हो सकती है और लोगों को सतर्क रहना चाहिए। मौसम विभाग ने भी संभावित बाढ़ और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है।

सोशल मीडिया पर अपडेट्स

प्रशासन सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार लोगों को अपडेट कर रहा है। ट्विटर, फेसबुक, और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अधिकारियों द्वारा लगातार स्थिति की जानकारी दी जा रही है और लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों की तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिससे स्थिति की गंभीरता का पता चलता है।

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पर्यटकों के लिए सलाह

पर्यटकों को सलाह दी गई है कि वे वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपनी यात्रा की योजनाओं को स्थगित कर दें। प्रशासन ने होटल और गेस्ट हाउस संचालकों से भी अनुरोध किया है कि वे पर्यटकों को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय करें और उन्हें स्थिति की जानकारी दें। पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।

उत्तराखंड की वेदर रिपोर्ट

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी नुकसान पहुंचाया है। टिहरी, रुद्रप्रयाग और भीमबली में बादल फटने से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इन क्षेत्रों में फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने के प्रयास जारी हैं। प्रशासन ने अगले 48 घंटों को बहुत खतरनाक बताया है और राज्य के सभी जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया है।

केदारनाथ में फंसे तीर्थयात्री

केदारनाथ में बादल फटने की घटना के बाद 150 से 200 तीर्थयात्रियों के फंसे होने की खबर है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

रामपुर में बादल फटना

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रामपुर के पास बादल फटने की घटना के बाद 24 लोग लापता हो गए हैं। राहत कार्य तेजी से जारी है और स्थानीय प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास में जुटा हुआ है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, लापता लोग पावर प्रोजेक्ट के कर्मचारी हो सकते हैं।

मौसम विभाग का अलर्ट

मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। मंडी, शिमला और कुल्लू में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मंडी और मणाला में भी बादल फटने की घटनाओं ने कई घरों को तबाह कर दिया है।

आपातकालीन सेवाएँ अलर्ट पर

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आपातकालीन सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला पुलिस और स्थानीय अधिकारियों सहित सभी संबंधित एजेंसियां राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आवश्यक कदम उठा रहा है।

जनता से अपील

प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी तरह की जोखिम भरी गतिविधियों से बचें। राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं और सभी आवश्यक संसाधनों को जुटाया जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। प्रशासन और राहत दल पूरी तरह से अलर्ट पर हैं और प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। जनता से अपील की जा रही है कि वे सुरक्षित रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में हालात सुधरेंगे और जीवन सामान्य हो सकेगा।

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