हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमिटी कार्यालय में अजीबोगरीब घटना घटी
कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज ने टेम्परेरी स्ट्रक्चर पर ये भवन बनवाया। चंडीगढ़ में इस तरह से क्या इसे प्रदेश कांग्रेस दफ्तर पर किसी परिवार के कब्जे की साजिश के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए? क्या इसके लिए हाईकमान से कोई मंजूरी ली गई? क्या इसके लिए हरियाणा कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं की सहमति ली गई? क्या कांग्रेस दफ्तर में शमशेर सिंह सुरजेवाला भवन बनवाया जा सकता है? क्या इस तरह से बंसीलाल भवन या फिर चौधरी दलबीर सिंह भवन भी बनाया जा सकता है? या फिर हरियाणा कांग्रेस के ही किसी अन्य बड़े नेता के नाम इस तरह से नामकरण हो सकता है? क्या हुड्डा विरोधी कांग्रेस नेता इस मामले को पार्टी हाईकमान के सामने रखेंगे? या फिर ये मान लिया जाए कि हरियाणा में अब कांग्रेस नहीं है, यहां सिर्फ हुड्डा कांग्रेस है, और वे खुद हुड्डा के सामने सरेंडर कर चुके हैं?