हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इस बार भाजपा ने न केवल सत्ता में वापसी की है, बल्कि उसने लगातार तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने का गौरव भी हासिल किया है। राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 48 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए भाजपा ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि हरियाणा में उसका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। हालांकि, कांग्रेस ने भी 37 सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन बहुमत का आंकड़ा छूने में असफल रही। इस बार के चुनाव में इनेलो और अन्य दलों को केवल 5 सीटें मिलीं, जबकि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और आम आदमी पार्टी (AAP) का खाता तक नहीं खुला।
चुनाव नतीजों के बाद सबसे ज्यादा चर्चा का विषय भाजपा का प्रदर्शन और उसके जीतने वाले प्रमुख इलाकों का विश्लेषण है। हरियाणा में खास तौर पर चार प्रमुख क्षेत्र माने जाते हैं – जीटी बेल्ट, जाटलैंड, बांगर, और दक्षिण हरियाणा। इन इलाकों में कुल 80 विधानसभा सीटें हैं, और भाजपा ने इनमें से लगभग 40 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा की यह ऐतिहासिक जीत विभिन्न क्षेत्रों में पार्टी की सटीक रणनीति और व्यापक जनसमर्थन का परिणाम है।
1. जीटी बेल्ट में भाजपा का जलवाhttp://1. जीटी बेल्ट में भाजपा का जलवा
जीटी बेल्ट, जो हरियाणा का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण क्षेत्र है, में अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, और पानीपत जैसे जिले आते हैं। यहां कुल 17 सीटें हैं, जिनमें से 11 सीटों पर भाजपा ने विजय हासिल की। इस क्षेत्र में भाजपा की जीत खास तौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शहरी और नॉन-जाट वोटर्स का गढ़ माना जाता है।
अंबाला की तीन सीटों में से दो पर कांग्रेस ने कब्जा किया, जबकि एक सीट भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने जीती। विज, जो ‘गब्बर’ के नाम से मशहूर हैं, ने एक बार फिर से अपनी सीट बरकरार रखी। करनाल की बात करें तो यहां की सभी पांच सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया, जिससे कांग्रेस का सफाया हो गया। इसी तरह पानीपत की चारों सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की। यह क्षेत्र भाजपा के लिए महत्वपूर्ण रहा है, और इस बार के चुनाव में जीटी बेल्ट ने फिर से भाजपा को समर्थन दिया।
2. जाटलैंड में भाजपा की चौधर
हरियाणा के राजनीतिक दृष्टिकोण से जाटलैंड एक अहम क्षेत्र है। इसमें सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जींद, भिवानी, और चरखी-दादरी जैसे जिले आते हैं, जो जाट समुदाय का गढ़ माने जाते हैं। यहां कुल 25 सीटें हैं, जिनमें से भाजपा ने 13 सीटों पर कब्जा किया, जबकि कांग्रेस 10 सीटों पर जीती और दो सीटें अन्य दलों को मिलीं।
2019 के चुनाव में भाजपा यहां सिर्फ 7 सीटें जीत पाई थी, लेकिन इस बार उसने अपना प्रदर्शन दोगुना करते हुए 13 सीटें जीत लीं। जाटलैंड में भाजपा की इस सफलता का कारण पार्टी की सूझबूझ भरी रणनीति और सत्तारूढ़ दल के खिलाफ फैली नाराजगी का फायदा उठाना रहा। भाजपा ने इस क्षेत्र में जाटों के अलावा गैर-जाट वोटर्स को भी अपने पक्ष में करने में सफलता पाई।
3. दक्षिण हरियाणा में भाजपा का दबदबा
दक्षिण हरियाणा, जिसे अहीरवाल बेल्ट के नाम से भी जाना जाता है, में कुल 23 सीटें हैं। यहां भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 17 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस केवल 6 सीटों पर ही सीमित रह गई। यह इलाका हरियाणा का आर्थिक और शहरी केंद्र माना जाता है, जिसमें गुड़गांव, फरीदाबाद, नूंह, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और पलवल जैसे जिले शामिल हैं।
दक्षिण हरियाणा में भाजपा की यह सफलता इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि गुड़गांव और फरीदाबाद जैसे शहरों में पार्टी ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। रेवाड़ी सीट पर कांग्रेस के कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीवी राव चुनाव हार गए, जो इस इलाके में कांग्रेस की कमजोर स्थिति को दर्शाता है। दक्षिण हरियाणा में भाजपा की जीत का कारण इस क्षेत्र में शहरी विकास और व्यापारिक समुदाय के बीच उसकी लोकप्रियता है।
4. बांगड़ में कांग्रेस का दबदबा
हरियाणा के बांगड़ क्षेत्र में हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिले शामिल हैं। यह इलाका कांग्रेस के लिए बेहतर साबित हुआ, जहां उसने 15 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा यहां केवल 3 सीटें जीत पाई, जबकि अन्य दलों ने 3 सीटों पर कब्जा किया।
बांगड़ में कांग्रेस की यह सफलता पार्टी के लिए एक बड़ी राहत साबित हुई, क्योंकि इस क्षेत्र में उसे पिछली बार की तुलना में बेहतर परिणाम मिले। 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां सिर्फ 3 सीटें जीती थीं, जबकि इस बार उसने 9 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह भाजपा के लिए चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि बांगड़ में उसका प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा है।
5. चुनाव परिणाम और भविष्य की राह
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा की जीत इस बात का संकेत है कि राज्य में पार्टी की पकड़ अभी भी मजबूत है, खासकर उन इलाकों में जहां शहरी और गैर-जाट वोटर्स की संख्या अधिक है। हालांकि, जाटलैंड और बांगड़ में कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन यह दर्शाता है कि पार्टी अभी भी एक मजबूत विपक्षी दल के रूप में मौजूद है।
भाजपा ने हरियाणा के जाटलैंड और दक्षिणी क्षेत्रों में अपनी पकड़ को और मजबूत किया है, जबकि कांग्रेस को बांगड़ और जीटी बेल्ट के कुछ हिस्सों में संतोषजनक परिणाम मिले हैं। भाजपा की इस जीत का एक बड़ा श्रेय उसकी संगठित रणनीति, विकास के एजेंडे और राज्य में स्थानीय नेतृत्व को दिया जा सकता है।
अब, जब भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल कर ली है, नायब सैनी को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी सरकार आने वाले पांच सालों में हरियाणा के विकास और राजनीति को किस दिशा में लेकर जाती है।
हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनना राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। कांग्रेस के लिए यह चुनाव एक सबक की तरह है, जिसमें उसे जमीनी स्तर पर अपनी रणनीति में सुधार की आवश्यकता है। वहीं, भाजपा की यह जीत यह साबित करती है कि पार्टी ने राज्य के प्रमुख वोट बैंक को सही तरीके से साधा है और उसने हरियाणा की राजनीति में अपनी चौधर को बरकरार रखा है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 ने भाजपा को एक बार फिर से सत्ता के शीर्ष पर पहुंचा दिया है। इस बार के चुनाव में भाजपा की जीत ने यह दिखाया है कि पार्टी ने न केवल शहरी और गैर-जाट क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत की है, बल्कि जाटलैंड और दक्षिण हरियाणा में भी उसने अपनी स्थिति को बेहतर किया है।