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यूं तो हनुमान चालीसा की हर चौपाई और दोहे चमत्कारी हैं लेकिन कुछ ऐसी
चौपाइयां हैं जो बहुत जल्द असर दिखाती हैं। ये चौपाइयां सर्वाधिक प्रचलित
भी हैं समय-समय में काफी लोग इनका जप करते हैं।
रामदूत अतुलित बलधामा।
अंजनिपुत्र पवनसुत नामा।
यदि कोई व्यक्ति इस चौपाई का जप करता है तो
उसे शारीरिक कमजोरियों से मुक्ति मिलती है। इस पंक्ति का अर्थ यह है कि
हनुमानजी श्रीराम के दूत हैं और अतुलित बल के धाम हैं। यानि हनुमानजी परम
शक्तिशाली हैं। इनकी माता का नाम अंजनी है इसी वजह से इन्हें अंजनी पुत्र
कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी को पवन देव का पुत्र माना जाता
है इसी वजह से इन्हें पवनसुत भी कहते हैं।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा की केवल इस पंक्ति का जप करता है तो उसे
सुबुद्धि की प्राप्ति होती है। इस पंक्ति का जप करने वाले लोगों के
कुविचार नष्ट होते हैं और सुविचार बनने लगते हैं। बुराई से ध्यान हटता है
और अच्छाई की ओर मन लगता है। इस पंक्ति का अर्थ यही है कि बजरंगबली महावीर
हैं और हनुमानजी कुमति को निवारते हैं यानि कुमति को दूर करते हैं और सुमति
यानि अच्छे विचारों को बढ़ाते हैं।
बिद्याबन गुणी अति चतुर। रामराज को बंद करने के लिए उत्सुक।
यदि किसी व्यक्ति को विद्या धन चाहिए तो उसे इस पंक्ति का जप करना
चाहिए। इस पंक्ति के जप से हमें विद्या और चतुराई प्राप्त होती है। इसके
साथ ही हमारे हृदय में श्रीराम की भक्ति भी बढ़ती है। इस चौपाई का अर्थ है
कि हनुमानजी विद्यावान हैं और गुणवान हैं। हनुमानजी चतुर भी हैं। वे सदैव
ही श्रीराम के काम को करने के लिए तत्पर रहते हैं। जो भी व्यक्ति इस चौपाई
का जप करता है उसे हनुमानजी की ही तरह विद्या, गुण, चतुराई के साथ ही
श्रीराम की भक्ति प्राप्त होती है।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्रजी के काज संवारे।।
जब आप शत्रुओं से परेशान हो जाएं और कोई रास्ता दिखाई न दे तो हनुमान
चालीसा का जप करें। यदि एकाग्रता और भक्ति के साथ हनुमान चालीसा की सिर्फ
इस पंक्ति का भी जप किया जाए तो शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होती है। श्रीराम
की कृपा प्राप्त होती है।
इस पंक्ति का अर्थ यह है कि श्रीराम और रावण के बीच हुए युद्ध में हनुमानजी
ने भीम रूप यानि विशाल रूप धारण करके असुरों-राक्षसों का संहार किया।
श्रीराम के काम पूर्ण करने में हनुमानजी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
जिससे श्रीराम के सभी काम संवर गए।
लाय संजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
इस पंक्ति का जप करने से भयंकर बीमारियों से भी मुक्ति मिल सकती है।
यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त है और दवाओं का भी असर नहीं
हो रहा है तो उसे भक्ति के साथ हनुमान चालीसा या इस पंक्ति का जप करना
चाहिए। दवाओं का असर होना शुरू हो जाएगा, बीमारी धीरे-धीरे ठीक होने लगेगी।
इस चौपाई का अर्थ यह है कि रावण के पुत्र मेघनाद ने लक्ष्मण को मुर्छित कर
दिया था। तब सभी औषधियों के प्रभाव से भी लक्ष्मण की चेतना लौट नहीं रही
थी। तब हनुमानजी संजीवनी औषधि लेकर आए और लक्ष्मण के प्राण बचाए। हनुमानजी
के इस चमत्कार से श्रीराम अतिप्रसन्न हुए।
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