सुख-वैभव और समृद्धि के लिए गजलक्ष्मी पूजा: महालक्ष्मी व्रत 1 का महत्व

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सुख-वैभव और समृद्धि के लिए गजलक्ष्मी पूजा: महालक्ष्मी व्रत 1 का महत्व

महालक्ष्मी व्रत, जिसे गजलक्ष्मी और हाथी पूजा के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति में समृद्धि और सुख-समृद्धि की देवी महालक्ष्मी की आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से प्रारंभ होकर अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर समाप्त होता है। इस दौरान भक्तगण 16 दिनों तक माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे उनके जीवन में धन-धान्य और खुशहाली बनी रहे।

महालक्ष्मी व्रत का महत्व

सुख-वैभव और समृद्धि के लिए आज होगी गज लक्ष्मी की पूजा

महालक्ष्मी व्रत का आयोजन विशेष रूप से पितृ पक्ष की अष्टमी पर किया जाता है। इस दिन गजलक्ष्मी की पूजा का महत्व दीपावली से भी अधिक माना जाता है। इस अवसर पर भक्तगण कुंभकार से मिट्टी के हाथी पर विराजित महालक्ष्मी की प्रतिमा खरीदते हैं, जिसे बाद में स्वर्ण आभूषणों से सजाया जाता है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना है, जिससे जीवन में धन संबंधी समस्याओं का सामना न करना पड़े।

पूजा विधि

महालक्ष्मी व्रत की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधियों का पालन किया जाता है:

  1. पूजा स्थल तैयार करें: एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर माता लक्ष्मी की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें। इस दिन हाथी पर सवार माता लक्ष्मी की प्रतिमा का पूजन किया जाता है।
  2. अलंकार: माता लक्ष्मी को फूलों का हार पहनाएं और सिंदूर से उनका तिलक करें।
  3. अर्पण: चंदन, अबीर, गुलाल, दूर्वा, नारियल, सुपारी, और लाल सूत को अर्पित करें। सूत को 16-16 की संख्या में रखें।
  4. धूप-दीप: पूजा के दौरान धूप और दीप जलाएं और हाथी की भी पूजा करें।
  5. भोग और आरती: अंत में माता लक्ष्मी को भोग अर्पित करें और उनकी कथा सुनें तथा आरती करें।

शुभ मुहूर्त

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इस वर्ष, महालक्ष्मी व्रत का शुभ मुहूर्त 24 सितंबर को दिन के 12:39 बजे से प्रारंभ होगा और इसका समापन 25 सितंबर को दिन के 12:11 बजे होगा। इसलिए इस दिन व्रत का आयोजन करना बेहद शुभ रहेगा।

गजलक्ष्मी पूजा के लाभ

गजलक्ष्मी पूजा के दौरान विशेष रूप से सोने की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदा गया सोना आठ गुना वृद्धि करता है। इसके अतिरिक्त, इस दिन नई वस्त्रों और भोग-विलासिता की चीजों की खरीदारी भी की जा सकती है, जो आगे चलकर शुभ फल देती है।

महालक्ष्मी व्रत केवल धन और समृद्धि की देवी की आराधना नहीं है, बल्कि यह हमें जीवन में सकारात्मकता और खुशहाली के लिए प्रेरित करता है। यह पर्व हमें सिखाता है कि सच्ची समृद्धि केवल धन से नहीं, बल्कि सच्चे दिल से की गई पूजा और समर्पण से मिलती है। इस विशेष दिन पर यदि आप सच्चे मन से माता लक्ष्मी की आराधना करते हैं, तो निश्चित रूप से आपको सुख और समृद्धि की प्राप्ति होगी।

आशा है कि आप इस महालक्ष्मी व्रत का लाभ उठाकर अपने जीवन में खुशियों की बहार लाएंगे।

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