श्रावण मास में बनेगा सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रदोष काल में पूजन से शीघ्र सिद्ध होंगे मनोरथ
श्रावण मास आ गया है, और इस वर्ष का सावन विशेष घटनाओं से भरा है। 22 जुलाई से भगवान शिव को समर्पित पवित्र महीना 22 अगस्त से 19 अगस्त तक चलेगा। पूरे महीने भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना, अभिषेक और अनुष्ठान होंगे। कई कारणों से इस बार सावन मास विशेष महत्वपूर्ण है। पवित्र महीने में इस वर्ष पांच सोमवार होंगे, खासतौर पर पहले और पांचवें सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग बनाया जाएगा। यह और भी खास है क्योंकि यह योग हर महीने नौ बार होगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग: भक्तों के मनोरथ होंगे पूर्ण
सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण किसी भी अनुष्ठान या पूजा-पाठ के लिए मुहूर्त की आवश्यकता को समाप्त कर देता है। इस योग के दौरान किए गए अनुष्ठान शीघ्र और शुभ फल देते हैं। इस वर्ष श्रावण मास में नौ बार सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो वर्षों बाद बन रहा है। यह योग 22, 28, 30, 31 जुलाई और 2, 4, 10, 18 और 19 अगस्त को बनेगा। इसके अलावा, दो बार सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग भी बनेगा, जो 26 जुलाई और 14 अगस्त को होगा। यह योग भी अनुष्ठानों के लिए अति शुभ माना जाता है।
शिव भक्तों के लिए विशेष अवसर
श्रावण मास भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय होता है, और इस दौरान शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। शहर के प्रमुख शिव मंदिरों में विशेष सजावट और आयोजन की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं। प्रत्येक सोमवार को भगवान महादेव का विशेष श्रृंगार और अभिषेक किया जाएगा। श्री एकेश्वर महादेव मंदिर समिति के प्रहलाद जायसवाल और आरके खन्ना ने बताया कि मंदिर पर आकर्षक विद्युत सज्जा की जाएगी और प्रत्येक सोमवार को महाआरती के बाद प्रसाद वितरित किया जाएगा।
प्रदोष काल में पूजन: शीघ्र सिद्ध होंगे मनोरथ
पंडित विजय अड़िचवाल के अनुसार, श्रावण मास में प्रदोष काल में शिव पूजन करने से मनोरथ शीघ्र सिद्ध होते हैं। प्रदोष काल में विधि-विधान से शिव-पार्वती का पूजन करने से युवतियों का विवाह शीघ्र हो जाता है और उन्हें योग्य वर भी मिलता है। इस बार श्रावण मास में पाँच सोमवार हैं, जो इसे और भी विशेष बनाते हैं।
श्रावण सोमवार की तिथियाँ और महत्व
श्रावण मास में इस वर्ष पाँच सोमवार आएंगे, जिनकी तिथियाँ 22 जुलाई, 29 जुलाई, 5 अगस्त, 12 अगस्त और 19 अगस्त हैं। इन सभी सोमवारों को विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा। पहला और अंतिम सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग में होने के कारण विशेष महत्व रखते हैं।
सावन मास की पूजा विधि
श्रावण मास में शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक, रुद्राभिषेक, जलाभिषेक आदि करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। साथ ही, बेलपत्र, धतूरा, आक, भांग, गंगाजल आदि शिवलिंग पर अर्पित करना अति शुभ होता है। भक्तजन पूरे महीने व्रत रखते हैं और विशेष रूप से सोमवार को उपवास करते हैं।
अभिनंदन नगर में होगा महादेव का विशेष श्रृंगार
अभिनंदन नगर स्थित श्री एकेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण मास में कई आयोजन होंगे। प्रत्येक सोमवार को भगवान महादेव का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। श्री एकेश्वर महादेव मंदिर समिति के प्रहलाद जायसवाल और आरके खन्ना ने बताया कि मंदिर पर आकर्षक विद्युत सज्जा की जाएगी। प्रत्येक सोमवार को भगवान का विशेष अभिषेक होगा और शाम को महाआरती के बाद प्रसाद वितरित किया जाएगा।
सावन मास की धार्मिक और सांस्कृतिक धूम
श्रावण मास में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मच जाती है। इस दौरान शिवालयों में भजन-कीर्तन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और कथा-प्रवचन का आयोजन होता है। भक्तजन इस पवित्र माह में विशेष रूप से शिव मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं। सावन का यह पवित्र माह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और भक्तजन इसे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं।
सावन 2024: एक विशेष अवसर
सावन 2024 का यह विशेष अवसर भक्तों के लिए अनमोल है। सर्वार्थ सिद्धि योग और सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग के निर्माण से यह श्रावण मास विशेष फलदायी हो गया है। भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए यह उत्तम समय है और भक्तजन इस पवित्र माह में पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-अर्चना करेंगे। शिव की कृपा से सभी मनोरथ पूर्ण हों और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन हो, यही कामना है।
प्रदोष काल में भगवान शिव का पूजन करें और इस पवित्र श्रावण मास में सर्वार्थ सिद्धि योग का लाभ उठाएं। सावन 2024 का महत्वपूर्ण महीना भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाएं, ताकि आप भगवान शिव की कृपा पा सकें।
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