शेयर मार्केट में निवेश का बढ़ता क्रेज: हाल के दिनों में, शेयर बाजार में निवेश करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय खुदरा निवेशकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिससे डीमैट अकाउंट (Demat Accounts) की मांग भी बढ़ रही है। सितंबर 2024 में, भारत में डीमैट खातों की संख्या 17.5 करोड़ तक पहुंच गई, जो अगस्त में 17.1 करोड़ थी। इस बढ़ोतरी ने संकेत दिया है कि निवेशकों का बाजार में रुचि और भी अधिक बढ़ रही है।
निवेशकों की संख्या में वृद्धि
हाल ही में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने रिपोर्ट की है कि सितंबर में उसके सक्रिय ग्राहकों की संख्या 4.79 करोड़ हो गई, जो पिछले महीने के मुकाबले 2.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है। इसके अलावा, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में नए डीमैट अकाउंट्स की संख्या में 44 लाख की बढ़ोतरी हुई है। यह इस वित्त वर्ष में अब तक औसतन 40 लाख मासिक बढ़ोतरी से अधिक है।
टॉप-5 डिस्काउंट ब्रोकर्स की हिस्सेदारी
वर्तमान में, टॉप-5 डिस्काउंट ब्रोकर्स के पास एनएसई के कुल सक्रिय ग्राहकों का 64.5 प्रतिशत हिस्सा है, जो पिछले वर्ष के इसी महीने में 61.9 प्रतिशत था। यह दर्शाता है कि डिस्काउंट ब्रोकर्स ने बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) ने डीमैट अकाउंट्स की कुल संख्या को लेकर बाजार में हिस्सेदारी बनाए रखी है। जबकि नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) ने कुल/इंक्रीमेंटल डीमैट अकाउंट्स में 410 बेसिस प्वाइंट्स में से 90 बेसिस प्वाइंट्स बाजार हिस्सेदारी खो दी है।
ब्रोकरों के आंकड़े
- जेरोधा (Zerodha): इस ऑनलाइन ब्रोकरेज ने अपने ग्राहकों की संख्या में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो अब 80 लाख तक पहुंच गई है। हालांकि, बाजार हिस्सेदारी में 20 बेसिस प्वाइंट्स की गिरावट आई है, जो अब 16.6 प्रतिशत है।
- ग्रो (Groww): इस प्लेटफॉर्म ने अपने ग्राहकों की संख्या में 3.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है, जिससे यह 1.23 करोड़ हो गई है। ग्रो की बाजार हिस्सेदारी में 15 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि हुई है, जो अब 25.6 प्रतिशत है।
- एंजल वन: एंजल वन ने भी ग्राहकों की संख्या में 3.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है, जो अब 74 लाख हो गई है। इस दौरान बाजार हिस्सेदारी में 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी हुई है, जो अब 15.4 प्रतिशत है।
- अपस्टॉक्स: इस ब्रोकरेज ने अपने ग्राहकों की संख्या में 1.5 प्रतिशत की मासिक बढ़ोतरी दर्ज की है, जो अब 28 लाख हो गई है। हालांकि, बाजार हिस्सेदारी में 5 बेसिस प्वाइंट्स की गिरावट आई है और यह 5.9 प्रतिशत हो गई है।
- आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज: इस कंपनी ने अपने ग्राहकों की संख्या 19 लाख बताई है, जबकि बाजार हिस्सेदारी में 10 बेसिस प्वाइंट्स की गिरावट के साथ यह 4.2 प्रतिशत हो गई है।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है?
शेयर मार्केट में निवेश की बढ़ती रुचि इस बात का संकेत है कि अधिक से अधिक लोग अपनी पूंजी को निवेश के जरिए बढ़ाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। यह न केवल व्यक्तिगत संपत्ति को बढ़ाने का एक साधन है, बल्कि निवेशकों को शेयर मार्केट की कार्यप्रणाली और अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं को समझने में भी मदद करता है।
शेयर बाजार का भविष्य
भारतीय शेयर बाजार का भविष्य उज्जवल नजर आ रहा है। जब अधिक लोग शेयर बाजार में सक्रिय होते हैं, तो यह अर्थव्यवस्था के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है। अधिक निवेश का मतलब है कि कंपनियों को पूंजी मिलेगी, जिससे वे विकास कर सकेंगी और नई नौकरियों का सृजन होगा।
शेयर बाजार में निवेश का बढ़ता क्रेज और डीमैट अकाउंट्स की संख्या में हुई वृद्धि यह दर्शाती है कि भारतीय निवेशक अब अधिक सचेत और संगठित तरीके से अपने वित्तीय भविष्य का निर्माण कर रहे हैं। यह न केवल उनकी व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी एक नई दिशा में ले जाने में मदद करेगा।
निवेश करें, समझदारी से
अंत में, यह महत्वपूर्ण है कि निवेशक अपनी वित्तीय योजनाओं में विवेकपूर्ण निर्णय लें और हमेशा बाजार के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखें। शेयर मार्केट में निवेश एक लंबी अवधि की प्रक्रिया है, जिसमें धैर्य और योजना दोनों की आवश्यकता होती है। निवेशकों को चाहिए कि वे अपने निवेश को समझदारी से करें और अपनी वित्तीय सुरक्षा के लिए एक ठोस योजना बनाएं।
अतः, यदि आप भी शेयर मार्केट में कदम रखने का सोच रहे हैं, तो खुद को अच्छी जानकारी से लैस करें और एक सुरक्षित वित्तीय भविष्य की दिशा में बढ़ें।