शक्ति कपूर , बॉलीवुड का नाम सुनते ही हमारे मन में कई किस्से और कहानियाँ उभरने लगती हैं। ये कहानियाँ कभी प्यार की होती हैं, कभी जुदाई की, और कभी संघर्ष की। ऐसे ही एक दिलचस्प प्रेम कहानी है बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता शक्ति कपूर और उनकी पत्नी शिवांगी कोल्हापुरे की। यह कहानी केवल प्यार की नहीं, बल्कि सामाजिक दबावों और परिवार की रज़ामंदी की भी है।
पहली मुलाकात: फिल्म ‘किस्मत’ के सेट पर
शक्ति कपूर और शिवांगी कोल्हापुरे की पहली मुलाकात 1980 में आई फिल्म ‘किस्मत’ के सेट पर हुई थी। यह शिवांगी की डेब्यू फिल्म थी, जिसमें उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के साथ काम किया था। शक्ति कपूर ने इस फिल्म में एक नेगेटिव किरदार निभाया था, जो उनके करियर के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ। लेकिन इस फिल्म का सेट उनकी ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण मोड़ भी बना।
दोनों के बीच एक गहरी दोस्ती हो गई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। शक्ति ने शिवांगी के प्रति अपने दिल की बात कहने में समय नहीं लगाया, और शिवांगी ने भी अपनी भावनाओं का इज़हार किया। लेकिन इस प्यार के रास्ते में कई बाधाएं थीं।
परिवार की आपत्ति
जब शक्ति कपूर ने शिवांगी को शादी के लिए प्रपोज किया, तो वह तुरंत सहमत हो गई। लेकिन जब उन्होंने अपने परिवार से इस शादी के बारे में बात की, तो उन्हें उम्मीद नहीं थी कि स्थिति इतनी गंभीर होगी। शिवांगी के परिवार को शक्ति की नेगेटिव शेड्स वाली इमेज से दिक्कत थी। इसके अलावा, शक्ति और शिवांगी के बीच 12 साल का उम्र का फासला भी उनके परिवार के लिए चिंता का विषय था।
शिवांगी के माता-पिता ने शादी के लिए कड़ी आपत्ति जताई और यहाँ तक कि उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया। यह एक कठिन समय था, जहां प्यार और परिवार के बीच का टकराव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। लेकिन प्यार कभी हार नहीं मानता।
हिम्मत और भागना
शिवांगी ने अपने परिवार के दबाव को नजरअंदाज करते हुए हिम्मत दिखाई और घर से भागने का निर्णय लिया। यह कदम उनके लिए बहुत बड़ा था, लेकिन उनका प्यार शक्ति के प्रति इतना गहरा था कि उन्होंने किसी भी स्थिति का सामना करने का निश्चय किया। आखिरकार, 1982 में, जब शिवांगी की उम्र केवल 18 वर्ष थी और शक्ति 30 साल के थे, उन्होंने अपने प्यार के लिए शादी कर ली।
शादी के बाद, शक्ति कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे उन्होंने शिवांगी के परिवार के खिलाफ जाकर यह कदम उठाया। उन्होंने कहा, “पर्दे पर मेरी विलेन की इमेज को देखते हुए शिवांगी की फैमिली सपोर्ट में नहीं थी। लेकिन हमने भगवान का आशीर्वाद मांगते हुए इस शादी के लिए आगे बढ़े।”
प्यार की ताकत
इस शादी ने साबित किया कि सच्चा प्यार किसी भी बाधा को पार कर सकता है। शक्ति और शिवांगी की शादी ने उन दोनों को एक-दूसरे का सहारा बनाया। उन्होंने अपने जीवन के कई उतार-चढ़ावों का सामना किया, लेकिन एक-दूसरे के साथ रहने की चाह ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ाया।
शक्ति कपूर के करियर की बात करें तो उन्होंने हमेशा नेगेटिव रोल निभाकर अपने आप को साबित किया, लेकिन उनके निजी जीवन में उनकी पत्नी शिवांगी ने उन्हें हमेशा समर्थन दिया। उनकी शादी का यह सफर हमें यह सिखाता है कि प्यार केवल एक भावना नहीं है, बल्कि यह संघर्ष करने और एक-दूसरे का साथ देने का नाम भी है।
श्रद्धा कपूर: उनकी बेटी की भूमिका
शक्ति कपूर और शिवांगी कोल्हापुरे की बेटी, श्रद्धा कपूर, अब एक प्रमुख बॉलीवुड एक्ट्रेस हैं। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि माता-पिता का प्यार और समर्थन हमेशा फलदायी होता है। श्रद्धा ने अपने माता-पिता के संघर्षों से बहुत कुछ सीखा है और उन्होंने अपने करियर में खुद को साबित किया है।
शक्ति कपूर और शिवांगी कोल्हापुरे की प्रेम कहानी हमें यह सिखाती है कि प्यार की ताकत किसी भी बाधा को पार कर सकती है। चाहे वह सामाजिक दबाव हो या परिवार की इच्छा, सच्चा प्यार हमेशा जीतता है। इस कहानी में हमें यह भी पता चलता है कि जीवन में कभी-कभी हमें अपने दिल की सुननी होती है, भले ही स्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो।
इसलिए, जब भी आप किसी प्यार भरे रिश्ते में हों, याद रखें कि प्यार में संघर्ष और समर्पण दोनों की जरूरत होती है। शक्ति और शिवांगी की प्रेम कहानी इसी बात का जीता-जागता उदाहरण है।
शक्ति कपूर और शिवांगी कोल्हापुरे: प्यार की कहानी जो बाधाओं से भरी थीhttp://शक्ति कपूर और शिवांगी कोल्हापुरे: प्यार की कहानी जो बाधाओं से भरी थी