रोनित रॉय—एक ऐसा नाम, जो टेलीविजन और फिल्म दोनों की दुनिया में अपनी दमदार अदाकारी के लिए जाना जाता है। उनकी शुरुआत फिल्मों से हुई थी, लेकिन समय ने उन्हें छोटे पर्दे का ऐसा सितारा बनाया जो आज भी दर्शकों के दिलों में रचा-बसा है। दिलचस्प बात यह है कि रोनित का सपना सिर्फ एक अभिनेता बनने का नहीं था, बल्कि वह अपने करियर के शुरुआती दौर में हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना जैसा सुपरस्टार बनने की ख्वाहिश रखते थे। उन्होंने अपनी आंखों से देखा था कि स्टारडम किस तरह इंसान को जनता के दिलों का राजा बना देता है, और इसने उन्हें उस मुकाम तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया।
आज 11 अक्टूबर को रोनित अपना जन्मदिन मना रहे हैं, और संयोग की बात यह है कि यह दिन बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन का भी जन्मदिन है। रोनित को कई बार छोटे पर्दे का अमिताभ बच्चन कहा जाता है, लेकिन उनकी यात्रा, उनका संघर्ष और उनकी पहचान पूरी तरह से उनकी अपनी है।
राजेश खन्ना से प्रेरित एक सपना
1990 के दशक में जब रोनित रॉय ने बॉलीवुड में कदम रखा, तो वह एक ऐसे समय में थे जब राजेश खन्ना का स्टारडम अपने चरम पर था। रोनित ने खुद बताया कि उनका पहला सुपरस्टार अनुभव राजेश खन्ना के साथ ही रहा था। वह ‘सन एन सैंड’ होटल में एक इवेंट के दौरान थे, जहां राजेश खन्ना का आना हुआ। होटल के गेट से लेकर लॉबी तक की दूरी महज 25 मीटर थी, लेकिन उस दूरी को तय करने में राजेश खन्ना को 25 मिनट लगे। वहां इतनी भीड़ थी कि लोग उनके एक झलक पाने के लिए बेताब थे। उस भीड़ को देखकर रोनित ने सोचा था, “मुझे भी यही स्टारडम चाहिए।”
रोनित ने राजेश खन्ना को देखकर यह सपना देखा था कि वह भी एक दिन इतने बड़े सुपरस्टार बनेंगे कि लोग उन्हें भी इसी तरह सर आंखों पर बिठाएंगे। उस समय उनके दिल में एक ही ख्वाहिश थी—राजेश खन्ना जैसा सुपरस्टार बनना।
‘जान तेरे नाम’ से धमाकेदार शुरुआत
रोनित रॉय का फिल्मी करियर 1992 में शुरू हुआ, जब उन्होंने अपनी पहली फिल्म जान तेरे नाम से बॉलीवुड में कदम रखा। यह फिल्म उस समय की सुपरहिट साबित हुई और रोनित को रातोंरात स्टार बना दिया। वह उस दौर के यंग रोमांटिक हीरो के रूप में उभरे, और उनका चार्म और स्टाइल दर्शकों के बीच खूब पसंद किया गया। रोनित ने एक ही फिल्म से खुद को इंडस्ट्री में स्थापित कर लिया था, और ऐसा लगने लगा था कि वह अपने सुपरस्टार बनने के सपने की ओर बढ़ रहे हैं।
लेकिन, बॉलीवुड की यह दुनिया जितनी चमकदार दिखती है, उतनी ही अनिश्चितताओं से भरी हुई है। जान तेरे नाम की सफलता के बाद, रोनित को वैसी सफलता दोबारा नहीं मिल पाई। उनकी बाद की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकीं और धीरे-धीरे वह फिल्मों में साइड हीरो के रूप में दिखाई देने लगे।
फिल्मों से टेलीविजन तक का सफर
90 के दशक के अंत तक, रोनित रॉय का फिल्मी करियर ढलान पर था। उन्हें बड़ी फिल्मों में मुख्य भूमिकाएं मिलना बंद हो गई थीं। लेकिन रोनित ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने खुद को फिर से स्थापित करने के लिए टेलीविजन की ओर रुख किया। और यहीं से शुरू हुआ उनके करियर का दूसरा अध्याय।
टेलीविजन की दुनिया में रोनित ने जो पहचान बनाई, वह किसी से कम नहीं थी। साल 2000 में जब वह कसौटी ज़िंदगी की में मिस्टर ऋषभ बजाज के किरदार में आए, तो उन्होंने छोटे पर्दे पर तहलका मचा दिया। यह किरदार इतना पॉपुलर हुआ कि रोनित को टीवी का सुपरस्टार बना दिया। ऋषभ बजाज के रूप में उन्होंने ग्रे शेड्स वाला एक ऐसा किरदार निभाया, जिसे दर्शकों ने भरपूर प्यार दिया। इसके बाद उन्होंने क्योंकि सास भी कभी बहू थी में मिहिर वीरानी का किरदार निभाया, जिसने उन्हें टेलीविजन का सबसे बड़ा चेहरा बना दिया।
छोटे पर्दे का अमिताभ बच्चन
रोनित की दमदार अदाकारी और उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व के चलते उन्हें अक्सर “छोटे पर्दे का अमिताभ बच्चन” कहा जाने लगा। जिस तरह से अमिताभ बच्चन ने सिनेमा के माध्यम से जनता के दिलों पर राज किया, उसी तरह रोनित रॉय ने टेलीविजन के माध्यम से घर-घर में अपनी पहचान बनाई।
हालांकि, उनके पास राजेश खन्ना जैसा स्टारडम नहीं आया, लेकिन उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई, जो कि फिल्मों और टेलीविजन दोनों ही जगह कायम रही। अमिताभ बच्चन की तरह ही, रोनित भी अपने किरदारों को लेकर गंभीर रहते हैं और उन्हें बखूबी निभाते हैं।
फिल्मों में वापसी और दूसरी पारी की सफलता
टेलीविजन में सफलता हासिल करने के बाद, रोनित ने फिल्मों में वापसी का मन बनाया और इस बार वह पूरी तैयारी के साथ आए। 2010 में आई फिल्म उड़ान ने उनके करियर को एक नई दिशा दी। इस फिल्म में उन्होंने एक सख्त और जिद्दी पिता का किरदार निभाया, जिसे दर्शकों और क्रिटिक्स ने खूब सराहा। इसके बाद उन्होंने काबिल, 2 स्टेट्स, अग्ली, और बॉस जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय किया, जो यह साबित करता है कि वह सिर्फ एक टीवी अभिनेता नहीं, बल्कि एक बेहद काबिल फिल्म अभिनेता भी हैं।
रोनित का करियर उदाहरण है कि भले ही आप अपने शुरुआती लक्ष्यों को न पा सकें, लेकिन अपने हुनर और मेहनत से आप एक नई पहचान बना सकते हैं। उन्होंने न सिर्फ टेलीविजन के जरिए बल्कि फिल्मों के जरिए भी अपनी दमदार पहचान बनाई है।
रोनित रॉय की प्रेरणादायक यात्रा
रोनित रॉय का सफर संघर्ष और सफलता की एक अनूठी कहानी है। राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार बनने का सपना देखने वाला यह अभिनेता, आज खुद टेलीविजन और फिल्मों में एक जाना-पहचाना नाम है। उन्होंने अपने करियर में उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन कभी हार नहीं मानी। उनकी यात्रा यह सिखाती है कि सफलता का रास्ता आसान नहीं होता, लेकिन जो लोग अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित होते हैं, वे अंततः अपनी पहचान बना ही लेते हैं।
रोनित रॉय का जीवन और करियर एक प्रेरणा है उन सभी के लिए जो फिल्म इंडस्ट्री में या किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके जैसे लोग साबित करते हैं कि असली स्टारडम वह होता है जो आपके काम और आपके समर्पण से आता है, न कि सिर्फ ग्लैमर से।
आज वह सिर्फ राजेश खन्ना जैसा सुपरस्टार बनने की ख्वाहिश रखने वाले अभिनेता नहीं हैं, बल्कि एक सशक्त अभिनेता हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत से खुद का मुकाम हासिल किया है।
रोनित रॉय: एक्टर जिसने देखा राजेश खन्ना बनने का सपना और खुद की पहचान बनाईhttp://रोनित रॉय: एक्टर जिसने देखा राजेश खन्ना बनने का सपना और खुद की पहचान बनाई