दिल्ली की अंडरग्राउंड सुरंगों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या हमेशा एक चुनौती रही है। पहाड़ी क्षेत्रों और अंडरग्राउंड टनल में रहने वाले यात्रियों को अक्सर नेटवर्क की अनुपलब्धता का सामना करना पड़ता है, जिससे कॉल करने और इंटरनेट का उपयोग करने में परेशानी होती है। लेकिन अब, दिल्ली में प्रगति मैदान के पास एक समाधान के रूप में मोबाइल बूस्टर स्थापित किए जाने की योजना बनाई गई है। इस लेख में हम इस पहल के महत्व, उसकी कार्यप्रणाली और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।
समस्या का कारण
सुरंगों और ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क का काम न करना एक सामान्य समस्या है। यह समस्या अक्सर सुरंग के अंदर की संरचना, ऊंचाई और सिग्नल की क्षमता की कमी के कारण उत्पन्न होती है। खासकर दिल्ली में, जहां भारी यातायात और संचार की जरूरतें अधिक हैं, यह समस्या और भी महत्वपूर्ण बन जाती है। 2022 में दिल्ली पुलिस ने इस मुद्दे की गंभीरता को उजागर किया था, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि इस समस्या का समाधान आवश्यक है।
समाधान की दिशा में कदम
दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस समस्या का समाधान करने के लिए मोबाइल बूस्टर इन्स्टॉल करने का निर्णय लिया है। यह मोबाइल बूस्टर सुरंग के अंदर नेटवर्क सिग्नल को मजबूत करेगा और यात्रियों को स्थिर कनेक्शन प्रदान करेगा। अधिकारियों के अनुसार, अंडरग्राउंड टनल के कुछ हिस्सों में मोबाइल नेटवर्क की अनुपलब्धता से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मोबाइल बूस्टर कैसे काम करता है?
मोबाइल बूस्टर एक विशेष उपकरण है जो मौजूदा मोबाइल सिग्नल को रिसीव करता है और उसे बढ़ा देता है। जब यह बूस्टर सुरंग में स्थापित किया जाता है, तो यह सिग्नल को सुरंग के विभिन्न हिस्सों में फैलाता है, जिससे नेटवर्क की गुणवत्ता में सुधार होता है। इससे यात्रियों को बेहतर कॉल कनेक्टिविटी और तेज़ इंटरनेट स्पीड का लाभ मिलता है।
प्रगति मैदान सुरंग का महत्व
प्रगति मैदान की अंडरग्राउंड ट्रांजिट कॉरिडोर का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह भारत मंडपम को सीधे जोड़ती है। यह जगह विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों और बैठकों का आयोजन स्थल है, जहां नेताओं और सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति होती है। ऐसे में एक स्थिर मोबाइल कनेक्शन की आवश्यकता और भी अधिक हो जाती है।
सुरंग की संरचना और कार्यक्षमता
यह सुरंग पुराना किला रोड से शुरू होती है और रिंग रोड पर खत्म होती है। इसमें 6 अंडरपास हैं, जिनमें से 5 मथुरा रोड पर और 1 रिंग रोड पर स्थित है। सुरंग में सीसीटीवी कैमरे, एलईडी स्क्रीन, साइनेज और डिजिटल तरीके से प्रबंधित एग्जिट कंट्रोल की व्यवस्था है। इससे न केवल सुरक्षा में वृद्धि होती है, बल्कि यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा का अनुभव भी मिलता है।
भविष्य की योजनाएँ
PWD ने न केवल मोबाइल बूस्टर की योजना बनाई है, बल्कि यह सुरंग को आधुनिक तकनीक से लैस करने का भी प्रयास कर रहा है। भविष्य में, अन्य प्रमुख सुरंगों और अंडरग्राउंड ट्रांजिट सिस्टम में भी इसी प्रकार के मोबाइल बूस्टर स्थापित करने की योजना है, जिससे पूरे शहर में नेटवर्क कवरेज में सुधार होगा।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
- यात्रियों के लिए सुविधा: सुरंगों में मोबाइल नेटवर्क की उपलब्धता यात्रियों के लिए एक बड़ी सुविधा होगी। इससे वे यात्रा के दौरान कॉल कर सकेंगे और इंटरनेट का उपयोग कर सकेंगे।
- आपातकालीन सेवाएँ: एक स्थिर नेटवर्क आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता को भी सुनिश्चित करेगा। यदि किसी आपात स्थिति में यात्रियों को मदद की आवश्यकता होती है, तो वे आसानी से सहायता प्राप्त कर सकेंगे।
- आर्थिक वृद्धि: बेहतर नेटवर्क सेवाएँ आर्थिक विकास में भी योगदान कर सकती हैं। व्यवसायी और उद्यमी अपने काम के लिए निर्बाध संचार की आवश्यकता महसूस करते हैं, जो कि सुरंगों में नेटवर्क उपलब्धता से संभव होगा।
दिल्ली में सुरंगों में मोबाइल बूस्टर लगाने की योजना एक सकारात्मक पहल है, जो यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के साथ-साथ सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं को भी मजबूत करेगी। यह कदम केवल एक तकनीकी सुधार नहीं है, बल्कि यह शहर के विकास और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उम्मीद है कि यह पहल अन्य शहरों और क्षेत्रों में भी अपनाई जाएगी, जिससे संपूर्ण देश में संचार नेटवर्क की गुणवत्ता में सुधार होगा।
मोबाइल नेटवर्क में सुधार: दिल्ली में सुरंगों में मोबाइल बूस्टर का नवनिर्माणhttp://मोबाइल नेटवर्क में सुधार: दिल्ली में सुरंगों में मोबाइल बूस्टर का नवनिर्माण