डिजिटल युग के इस दौर में मोबाइल और इंटरनेट न केवल संचार का माध्यम हैं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को मिटाने के लिए एक सशक्त हथियार के रूप में उभरे हैं। इस बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2024 के उद्घाटन के दौरान स्पष्ट रूप से उजागर किया। उन्होंने कहा कि भारत ने टेलीकॉम सेक्टर में जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे देश को केवल कनेक्टिविटी में ही नहीं, बल्कि आर्थिक समानता और अवसर प्रदान करने में भी मदद कर रही हैं।
IMC 2024 की थीम ‘The Future is Now’ के तहत, पीएम मोदी ने बताया कि कैसे भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा 5G बाजार बन चुका है और अब 6G तकनीक पर भी काम कर रहा है। आइए इस ब्लॉग के माध्यम से समझें कि किस प्रकार मोबाइल और इंटरनेट ने अमीर-गरीब की खाई को पाटने का कार्य किया है और देश को एक मजबूत डिजिटल इकोसिस्टम में परिवर्तित किया है।
टेलीकॉम: सिर्फ कनेक्टिविटी नहीं, बल्कि अवसर का माध्यम
प्रधानमंत्री मोदी ने IMC 2024 में अपने संबोधन में यह कहा कि टेलीकॉम सेक्टर अब सिर्फ संचार या कनेक्टिविटी का माध्यम नहीं रह गया है। यह इक्विटी (समानता) और ऑपर्च्युनिटी (अवसर) का माध्यम भी बन चुका है। जिस देश में डिजिटल विभाजन एक प्रमुख समस्या थी, वहां अब मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक असमानताओं को कम किया जा रहा है।
भारत की डिजिटल क्रांति ने गरीबों को भी उसी डिजिटल प्लेटफार्म तक पहुंच प्रदान की है, जो पहले केवल अमीरों तक सीमित था। चाहे वह शिक्षा हो, रोजगार हो या स्वास्थ्य सेवाएं, डिजिटल माध्यम ने सभी को समान रूप से लाभान्वित किया है। डिजिटल इंडिया अभियान के तहत सरकार ने सुनिश्चित किया है कि देश के हर कोने तक डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंचे।
5G से 6G तक: भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में इस बात का जिक्र किया कि भारत अब 5G से भी आगे बढ़कर 6G तकनीक की ओर अग्रसर है। भारत ने बहुत ही कम समय में 5G नेटवर्क को सभी जिलों में फैलाया है, जिससे न केवल इंटरनेट स्पीड में सुधार हुआ है, बल्कि इसके चलते डिजिटल सेवाओं की गुणवत्ता में भी इजाफा हुआ है।
5G तकनीक से न केवल शहरी क्षेत्रों में तेजी से बदलाव हो रहा है, बल्कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में भी इसका असर देखा जा रहा है। 5G के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, जो समाज के सभी वर्गों को समान रूप से लाभ पहुंचा रहे हैं।
भारत की टेलीकॉम क्रांति और ‘मेड इन इंडिया’ अभियान
प्रधानमंत्री मोदी ने IMC 2024 में बताया कि कैसे ‘मेड इन इंडिया’ पहल ने मोबाइल फोन निर्माण उद्योग में क्रांति ला दी है। 2014 में, जहां केवल 2 मोबाइल निर्माण इकाइयां थीं, वहीं आज भारत में 2000 से अधिक मोबाइल निर्माण इकाइयां काम कर रही हैं।
मोबाइल फोन, जो कभी केवल आयात किए जाते थे, अब देश में ही बड़े पैमाने पर बनाए जा रहे हैं। यह बदलाव भारत को एक प्रमुख मोबाइल फोन निर्यातक देश के रूप में उभार रहा है। चिप्स से लेकर फिनिश्ड प्रोडक्ट तक, भारत सही अर्थों में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहा है।
डिजिटल इंडिया के चार स्तंभ
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर डिजिटल इंडिया अभियान के चार प्रमुख स्तंभों पर भी प्रकाश डाला। ये स्तंभ हैं:
- सस्ती डिवाइस: उन्होंने बताया कि जब तक मोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरणों की कीमतें सस्ती नहीं होंगी, तब तक आम जनता तक उनकी पहुंच संभव नहीं होगी। इसलिए, भारत में सस्ती डिवाइस निर्मित करने पर जोर दिया जा रहा है।
- डिजिटल कनेक्टिविटी: देश के हर कोने तक इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता रही है। इस उद्देश्य से ट्राइबल एरिया, सीमावर्ती क्षेत्रों, और पहाड़ी इलाकों में हजारों मोबाइल टावर लगाए गए हैं।
- सस्ती डेटा सेवाएं: प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में डेटा की कीमतों को बहुत सस्ता कर दिया गया है, जिससे हर कोई इंटरनेट सेवाओं का लाभ उठा सके। इससे देश के करोड़ों लोगों तक डिजिटल सेवाओं की पहुंच आसान हुई है।
- डिजिटल-फर्स्ट अप्रोच: डिजिटल सेवाओं को प्राथमिकता देना सरकार की प्रमुख नीति है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी सरकारी सेवाएं डिजिटल प्लेटफार्मों पर उपलब्ध हों, जिससे नागरिकों को इन सेवाओं तक आसानी से पहुंच मिल सके।
इंटरनेट से सशक्तिकरण: शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में डिजिटल का योगदान
मोबाइल और इंटरनेट के जरिए समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त किया जा रहा है। डिजिटल शिक्षा के माध्यम से लाखों छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो रही है, चाहे वे देश के किसी भी कोने में क्यों न हों। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का विस्तार ऐसा किया गया है कि भारत ने पिछले दस वर्षों में जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, वह धरती से चांद की दूरी से भी आठ गुना ज्यादा है।
इसके अलावा, टेलीकॉम सेक्टर ने स्वास्थ्य सेवाओं में भी क्रांति ला दी है। टेलीमेडिसिन के माध्यम से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब विशेषज्ञ डॉक्टरों से ऑनलाइन परामर्श ले सकते हैं। इंटरनेट के माध्यम से रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। फ्रीलांसिंग, डिजिटल मार्केटिंग, और स्टार्टअप्स जैसी डिजिटल जॉब्स के माध्यम से लाखों युवा रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
डिजिटल क्रांति में भारत का नेतृत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने गर्व से कहा कि भारत आज दुनिया के सबसे बड़े 5G बाजारों में से एक है और अब हम 6G पर भी काम कर रहे हैं। यह डिजिटल प्रगति भारत को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना रही है। आज, भारत की टेलीकॉम और मोबाइल यात्रा न केवल देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है।
डिजिटल इंडिया अभियान के माध्यम से भारत ने न केवल देश में कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण पेश किया है कि कैसे डिजिटल साधनों का उपयोग करके असमानता को कम किया जा सकता है।
मोबाइल और इंटरनेट ने न केवल भारत में आर्थिक और सामाजिक असमानताओं को कम करने का कार्य किया है, बल्कि यह दुनिया को एक नई दिशा दिखा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उजागर की गई इक्विटी और ऑपर्च्युनिटी की धारणा यह साबित करती है कि टेलीकॉम सेक्टर केवल कनेक्टिविटी का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जो समाज के हर वर्ग को समान रूप से अवसर प्रदान कर रहा है।
आज, मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से भारत अमीर-गरीब की खाई को पाट रहा है, और यह सिर्फ शुरुआत है। जैसे-जैसे भारत 6G की ओर बढ़ रहा है, देश का डिजिटल भविष्य और भी उज्ज्वल और समृद्ध दिखाई दे रहा है।