10 साल में प्रधानमंत्री ने 66 देशों की यात्रा की, अचानक पाकिस्तान पहुंचे; G7 की इस बार रूस से विरोध क्यों?
अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण काम किया है। वह एक प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने विदेश यात्रा को भारतीय विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण अंग बनाया है। मोदी ने पिछले दस वर्षों में 66 देशों का दौरा किया है, जिनमें से सबसे अधिक बार चीन गए हैं। हाल ही में, उन्होंने रूस के खिलाफ G7 समिट में भाग लिया, जो वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। हम उनके विदेश दौरे और रणनीति को समझने की कोशिश करें।
1. चीन से करीबी संबंध: क्यों बार-बार दौरा?
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल में चीन का दौरा किया है, जो पहले कभी नहीं हुआ था। इससे पता चलता है कि भारत और चीन के बीच संबंध कितना महत्वपूर्ण हैं। दोनों देशों में व्यापक व्यापारिक संबंध हैं और वे एशिया की दो बड़ी आर्थिक शक्तियाँ हैं।
मोदी की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी”, जो पूर्वी एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश करती है, में से एक है चीन के साथ यह कदम। लेकिन इन दौरे में व्यापार और आर्थिक संबंधों के अलावा सीमा विवाद और सुरक्षा भी शामिल हैं।
2. पाकिस्तान की यात्रा: अचानक दौरा और उसका महत्व
मोदी की पाकिस्तान यात्रा एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसने दोनों देशों के बीच संबंधों को बदल दिया। भारतीय राजनीति को इस अचानक और अप्रत्याशित दौरे ने हिला दिया था।
यात्रा का उद्देश्य था दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाना और विश्वासको नई नींव डालना। दोनों देशों के बीच तनाव इसके बाद भी जारी था, लेकिन इस कदम ने दुनिया को यह संदेश जरूर दिया कि भारत संबंधों को सुधारने को तैयार है।
3. G7 समिट: रूस विरोधी भागीदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में रूस विरोधी G7 समिट में भाग लिया। यह समिट रूस के विरुद्ध था, खासकर यूक्रेन की स्थिति में।
भारत की विदेश नीति हमेशा स्वतंत्र और संतुलित रही है। लेकिन भारत ने इस समिट में हिस्सा लेकर दिखाया कि वह वैश्विक मुद्दों पर अपने विचारों को साझा करने को तैयार है।
4. अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका
मोदी के इन विदेश दौरों का उद्देश्य केवल संबंधों को मजबूत करना ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका को भी स्थापित करना है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र, G20, BRICS और अन्य अंतरराष्ट्रीय संघों में अपनी उपस्थिति को बढ़ा दिया है। मोदी के इन दिनों से स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक शक्ति बन रहा है और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
5. घरेलू राजनीति और विदेश नीति का तालमेल
मोदी की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि वह घरेलू राजनीति से भी जुड़ी हुई है। उनके दौरों से भारत में निवेश, रोजगार और विकास के नए अवसर पैदा हुए हैं।
इसके अलावा, विदेश दौरों के माध्यम से उन्होंने भारतीय समुदायों के साथ संबंधों को भी मजबूत किया है। इससे भारतीय नागरिकों को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत पहचान मिली है।
10 वर्षों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों ने भारतीय विदेश नीति को एक नई दिशा दी है। उनकी रणनीतिक सोच चीन के साथ उनके गहरे संबंधों, पाकिस्तान के साथ नए विश्वास की स्थापना और रूस विरोधी G7 समिट में भागीदारी से प्रकट होती है।
इन वर्षों में भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंध मजबूत हुए हैं और इसकी वैश्विक भूमिका बढ़ गई है। मोदी के इन कदमों ने भारत को एक वैश्विक शक्ति बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और यह रणनीति आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण हो सकती है।
अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण काम किया है। वह एक प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने विदेश यात्रा को भारतीय विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण अंग बनाया है। मोदी ने पिछले दस वर्षों में 66 देशों का दौरा किया है, जिनमें से सबसे अधिक बार चीन गए हैं। हाल ही में, उन्होंने रूस के खिलाफ G7 समिट में भाग लिया, जो वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। हम उनके विदेश दौरे और रणनीति को समझने की कोशिश करें।