एक मकान में बच्चे यूपी में तो माता-पिता हरियाणा में
सुनकर व पढ़ कर एक बार तो अटपटा जरुर लगेगा ,लेकिन हकीकत यही है | हरियाणा व यूपी के बोर्डर पर बसा गांव टापू माजरी ऐसा है , जिसमे दोनों ही राज्यों की सरकार अधिकार रखती है | 1400 की आबादी वाले इस गांव में आधे से ज्यादा मकानों का हाल ऐसा है कि एक ही मकान का एक हिस्सा हरियाणा में हैं तो दूसरा यूपी में हैं | गांव में सरपंच अरुण कुमार का मकान भी ऐसा हैं , जिसमें उनके छोटे भाई व बहू रानी का बेडरूम हरियाणा की जमीन पर है तो बच्चों का बेडरूम यूपी की भूमि पर है | मजे की बात यह है कि यह दोनों कमरे एक ही छत के नीचे है |
गांव के 636 मतदाताओ में सिर्फ एक व्यक्ति ने मतदान : टापू माजरी
गांव टापू माजरी का नाम इन दिनों इसलिए भी चर्चा में रहा है ,क्योंकि बीती 25 मई को लोकसभा चुनाव में गांव के 636 मतदाताओ में सिर्फ एक व्यक्ति ने मतदान किया था | वजह थी सिर्फ सरकार द्वारा सोतेलापन करने की | इस गांव का भोगोलीकरण कुछ ऐसा हुआ कि हरियाणा व यूपी की सीमा पर बसे गांव के बीच भी एक सरहदी लकीर खिंच गई |
गांव से प्रदेश का थाना 12 किमी तो यूपी का मात्र 4 किमी दूर
सरपंच अरुण ने बताया कि पूरी गांव में हरियाणा की ही बिजली इस्तेमाल होती हैं | यहाँ बना राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल भी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत है | इसमें गांव के हरियाणा में लगते घरों के साथ यूपी की ओर बसे घरों के बच्चे भी शिक्षा ले रहे है | गांव से हरियाणा का सबसे नजदीक थाना 12 किलोमीटर दूरी पर बूड़ीया है |यहाँ पर 1 किलोमीटर पर दरियापुर पीपली,2 किलोमीटर पर धुमझेडा, 3 किलोमीटरपर बैंगनी हैं | गांव से यूपी का सबसे नजदीक थाना 4 किलोमीटर दूरी पर थाना चिलकाना है |
गांव में 352 मकानों में से 204 हरियाणा में बाकी 148 यूपी में
गांव के जसवीर सिंह ,मेन सिंह ,ईश्वरचंद व सुरेन्द्र सिंह जैसे कई ग्रामीणों के मकान इस तरह बने है कि मकान तो हरियाणा में है और बैठक यूपी में है | गांव के अजय कुमार के मकान की बनावट तो ऐसी है कि एक ही छत के नीचे वह व उनकी पत्नी का बेडरूम तो| हरियाणा में है | जबकि ठीक उनके बराबर वाला कमरा जिसमे तीन बच्चे सोते है , वो यूपी में है |सरपंच अरुण बताते है कि गांव में 352 मकान है |इसमें 148 मकान यूपी की जमीन पर है | बाकि बच्चे 204 मकान हरियाणा के जिला यमुनानगर में है | इनकी विधानसभा भी यमुनानगर है | 2 राज्य की सीमा की वजह से गांव सरकारी योजनओं से भी अछूता रहता है |