भिवानी की अर्पणा गिल: EPFO में असिस्टेंट कमिश्नर बनने की कहानी

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भिवानी की अपर्णा गिल: EPFO में असिस्टेंट कमिश्नर बनने की कहानी

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में द्वितीय रेंक हासिल करने वाली भिवानी की अर्पणा गिल ने अपनी सफलता से सबको प्रेरित किया है। उन्होंने हाल ही में EPFO (EPFO) में असिस्टेंट कमिश्नर के पद के लिए द्वितीय रैंक हासिल किया है। इस सफलता के पीछे उनके कठिन परिश्रम, परिवार का समर्थन और अद्वितीय आत्मविश्वास की कहानी है।

अर्पणा गिल का परिचय

अर्पणा गिल चरखी दादरी जिले के बाढ़ड़़ा क्षेत्र के गांव लाडावास की निवासी हैं। उनके परिवार में उनके पिता महाबीर सिंह और मां सुनीता देवी शामिल हैं। अपर्णा के पिता का 2022 में निधन हो चुका है, लेकिन उनकी सफलता के लिए परिवार ने हमेशा साथ दिया।

UPSC कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) परीक्षा परिणाम में भिवानी, हरियाणा की अर्पणा गिल ने जीत हासिल की है। उन्हें ईपीएफओ में असिस्टेंट कमिश्नर का द्वितीय रेंक मिला है। इसके बाद अपर्णा गिल को बधाई देने वालों की भीड़ लग गई।

अर्पणा गिल का जन्म खचरखी दादरी जिले के बाढ़ड़़ा क्षेत्र में हुआ था। उनके दादा हुक्म चंद पहले गांव के सरपंच थे। उनके पिता महाबीर सिंह हैं और उनकी माता सुनीता देवी है। वे अपने दो भाई-बहनों में सबसे छोटी है। अपर्णा की सफलता माता-पिता और परिवार का सहयोग से मिली है। लेकिन 2022 में उनके पिता का निधन हो गया था।

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शिक्षा और करियर

अर्पणा गिल ने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की है और वहां उन्होंने अपने क्षेत्र में टॉपर बने का गर्व अनुभव किया है। उन्होंने वर्ष 2017 से UPSC की तैयारी शुरू की और अब तक एचसीएस मेन और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफलता हासिल की है। उन्होंने असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा भी पास की है, लेकिन फिजिकल टेस्ट में रहने से इस पद पर नहीं जा पाईं।

अर्पणा गिल का सफलता माता-पिता और परिवार के समर्थन के बिना सम्भव नहीं था। उनके परिवार ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया और उनकी शिक्षा में समर्थन दिया, जिससे उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने का साहस जुटाया।

योगदान और उदाहरण

उनका उदाहरण युवाओं के लिए मोटीवेशनल है, जो अपने करियर में महत्वपूर्ण पद पर पहुंचने के लिए मेहनत और दृढ़ संकल्प से काम कर रहे हैं। उनकी सफलता से हर कोई यह सीख सकता है कि सही दिशा में कठिनाईयों का सामना करना और अपने मुकाबलों को हराना संभव है।

अर्पणा गिल अब अपने भविष्य को लेकर उत्सुक हैं। वह अगले चरण में UPSC की तैयारी जारी रख रही हैं और इसे अचीव करने के लिए पूरी मेहनत और समर्पण के साथ काम कर रही हैं। उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए उत्साह और निरंतरता की जरूरत है, जिससे वे अपने उद्देश्य में सफल हो सकें।

अर्पणा गिल की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिनाईयों का सामना करना और उन्हें पार करना हमेशा संभव है, अगर हमारे पास सही दृढ़ संकल्प और समर्थन हो। इस तरह की सफलता की कहानियां हमें अच्छे भविष्य की ओर प्रेरित करती हैं और हमें यह दिखाती हैं कि हारने का विकल्प कभी नहीं होना चाहिए।

भविष्य की दिशा

अर्पणा गिल की उच्च प्रतिस्पर्धा में भाग लेते हुए EPFO में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर द्वितीय रैंक हासिल करना एक बड़ी उपलब्धि है। हालांकि, उनका अगला लक्ष्य UPSC की परीक्षा के माध्यम से IAS अधिकारी बनना है। उनके इस उद्देश्य के लिए उन्होंने सेल्फ स्टडी का समर्थन लिया है और इसे अपनी सफलता का कारण मानती हैं।

अर्पणा गिल की इस सफलता ने न केवल उनके परिवार को गर्वित किया है, बल्कि उन्होंने भारतीय युवाओं को भी प्रेरित किया है कि वे अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि संघर्ष, समर्थन और समर्पण से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।

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