भारतीय रेलवे में सस्ती टिकट के साथ फर्स्ट एसी में सफर: जानें अनूठा तरीका

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भारतीय रेलवे देश के सबसे प्रमुख परिवहन साधनों में से एक है, और यह अपने नियमों और सुविधाओं के चलते दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क्स में से एक है। हर साल लाखों यात्री रेलवे के विभिन्न कक्षाओं में सफर करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कम किराए में भी आप फर्स्ट एसी जैसी लक्जरी कक्षा का सफर कर सकते हैं? जी हां, भारतीय रेलवे के एक नियम के तहत मां और 12 साल से कम उम्र के बच्चे को सस्ते टिकट पर फर्स्ट एसी में सफर करने का मौका मिलता है। आइए जानते हैं इस विशेष नियम और इसके पीछे के कारण को।

भारतीय रेलवे में सस्ती टिकट के साथ फर्स्ट एसी में सफर: जानें अनूठा तरीका
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सस्ते टिकट से फर्स्ट एसी में सफर: क्या है नियम?

भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार, अगर कोई महिला यात्री फर्स्ट एसी में सफर कर रही है और उसका 12 साल से कम उम्र का बेटा या बेटी भी उसी ट्रेन में है, तो वो बच्चा रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक मां के साथ फर्स्ट एसी में सफर कर सकता है। इस नियम के तहत बच्चे के लिए सेकंड एसी का टिकट लेना होगा, लेकिन फर्स्ट एसी की सुविधा का लाभ मां के साथ ही लिया जा सकता है।

शर्तें क्या हैं?

इस सुविधा के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें हैं जो आपको जाननी चाहिए:

  1. बच्चे की उम्र 12 साल से कम होनी चाहिए: यह नियम केवल 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर लागू होता है। अगर बच्चा 12 साल से अधिक का है, तो उसे फर्स्ट एसी का अलग से टिकट लेना होगा।
  2. रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक की अवधि: बच्चा मां के साथ केवल रात 8 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक फर्स्ट एसी में सफर कर सकता है। इस समय के दौरान ट्रेन की टिकट जांच करने वाले (टीटीई) को भी इससे आपत्ति नहीं होती।
  3. दोनों यात्री महिलाएं हों: फर्स्ट एसी के कूपे में सफर करने के लिए एक और महत्वपूर्ण शर्त यह है कि दोनों यात्री (मां और बच्चा) महिलाएं हों। इसका मतलब यह है कि बच्चा और मां दोनों ही महिला होनी चाहिए। अगर पिता या कोई अन्य पुरुष सदस्य साथ में है, तो यह सुविधा मान्य नहीं होगी।

सस्ते टिकट से लक्जरी सफर: कैसे करें इसका लाभ?

इस नियम का लाभ उठाने के लिए पहले आपको फर्स्ट एसी और सेकंड एसी में टिकट बुक करना होगा। उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए कि आप अपनी पत्नी और बेटे के साथ सफर कर रहे हैं। अगर आपके पास फर्स्ट एसी में एक सीट की उपलब्धता है, तो आप अपनी पत्नी के लिए फर्स्ट एसी का टिकट ले सकते हैं और बेटे के लिए सेकंड एसी का टिकट। इस नियम के अनुसार, रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक बेटा अपनी मां के साथ फर्स्ट एसी के कूपे में सफर कर सकता है।

यह नियम परिवारों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है, खासकर तब जब परिवार में छोटे बच्चे हों और एक ही कोच में यात्रा करना चाहते हों। इससे न केवल किराए में बचत होती है, बल्कि बच्चे और मां को एक साथ सफर करने की सुविधा भी मिलती है।

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रेलवे का यह खास नियम कैसे आया अस्तित्व में?

यह नियम भारतीय रेलवे के उस उद्देश्य का हिस्सा है जो यात्रियों की सुविधा और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। रेलवे ने यह महसूस किया कि कई बार परिवारों में छोटे बच्चों और माताओं को एक ही कूपे में सफर करने की आवश्यकता होती है, खासकर लंबी दूरी की यात्रा में। इसके चलते यह नियम बनाया गया ताकि ऐसे परिवारों को सुविधा दी जा सके, और साथ ही छोटे बच्चों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिल सके।

इस नियम का एक और लाभ यह है कि यह फर्स्ट एसी जैसे लक्जरी क्लास के सफर को और अधिक किफायती बनाता है। फर्स्ट एसी का किराया आमतौर पर काफी महंगा होता है, और हर किसी के लिए इसे अफोर्ड करना आसान नहीं होता। इस नियम के तहत, आप सेकंड एसी का टिकट खरीदकर भी फर्स्ट एसी में सफर करने का आनंद उठा सकते हैं, वह भी बिना अतिरिक्त खर्च के।

लेडीज कोच में सफर करने का नियम

इसी तरह का एक और नियम लेडीज कोच से जुड़ा हुआ है। लेडीज कोच में सफर करने का नियम यह कहता है कि पुरुष यात्री किसी भी स्थिति में लेडीज कोच में सफर नहीं कर सकते। लेकिन एक विशेष शर्त है जिसके तहत 12 साल से कम उम्र का बेटा रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक अपनी मां के साथ लेडीज कोच में सफर कर सकता है। यह नियम भी छोटे बच्चों और माताओं की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

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बच्चों के साथ यात्रा करते समय ध्यान देने योग्य बातें

बच्चों के साथ सफर करना हमेशा थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर तब जब यात्रा लंबी हो। इसलिए, भारतीय रेलवे ने इस तरह के नियम बनाए हैं ताकि छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने वाले परिवारों को सुविधा मिल सके।

यात्रा करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  1. सही समय पर टिकट बुक करें: जब आप बच्चे के साथ यात्रा कर रहे हों, तो यह सुनिश्चित करें कि आपने समय पर टिकट बुक कर ली हो ताकि आपको आपकी पसंदीदा क्लास मिल सके।
  2. रात के समय का ध्यान रखें: इस नियम का लाभ उठाने के लिए आपको ध्यान रखना होगा कि बच्चे का सफर रात 8 बजे से सुबह 6 बजे के बीच होना चाहिए।
  3. टीटीई को सूचित करें: यात्रा के दौरान, यह सुनिश्चित करें कि आप टीटीई को नियम के बारे में सूचित करें ताकि टिकट चेकिंग के समय कोई असमंजस न हो।

भारतीय रेलवे का यह विशेष नियम उन परिवारों के लिए बेहद लाभकारी है जो अपने छोटे बच्चों के साथ सफर करते हैं। इस नियम के तहत, आप कम खर्च में फर्स्ट एसी जैसी लक्जरी क्लास में सफर कर सकते हैं। यह सुविधा न केवल आपकी यात्रा को आरामदायक बनाती है, बल्कि आपको अतिरिक्त खर्च से भी बचाती है।

इस नियम का सही तरीके से लाभ उठाने के लिए आपको रेलवे के दिशानिर्देशों और शर्तों का पालन करना जरूरी है। यह नियम भारतीय रेलवे के उस प्रयास का हिस्सा है जिससे वह यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए नए-नए नियम और सेवाएं प्रदान करता है।

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