बॉलीवुड में रेलवे स्टेशन के दृश्यों का एक अलग ही महत्व है। ये वो जगहें हैं, जहां प्यार, बिछड़ना, मिलन और ड्रामा – सभी का मिक्स रूप देखने को मिलता है। ऐसा ही एक स्थान है, जहां लगभग हर बड़ी फिल्म के लिए ट्रेन वाले सीन शूट किए गए हैं। सोचिए, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ का वो आइकॉनिक सीन जब सिमरन, राज का हाथ पकड़ने के लिए दौड़ती है, या फिर ‘जब वी मेट’ में करीना कपूर का बेफिक्र अंदाज़— इन यादगार दृश्यों के लिए बॉलीवुड ने एक खास जगह ढूंढी है: हैदराबाद की रामोजी फिल्म सिटी का “फिल्मी रेलवे स्टेशन।”
हैदराबाद का फिल्मी रेलवे स्टेशन: एक अवास्तविक मगर असली-सा अनुभव
बॉलीवुड के कई फिल्मों के रेलवे दृश्यों की शूटिंग जिस जगह पर होती है, वह रामोजी फिल्म सिटी में स्थित एक विशेष फिल्मी रेलवे स्टेशन है। खास बात यह है कि यह स्टेशन पूरी तरह नकली है। यहां से न तो कोई असली ट्रेन गुजरती है और न ही कोई असली यात्री इसका उपयोग करते हैं। बावजूद इसके, यह जगह इतनी असली दिखाई देती है कि आप आसानी से इसे किसी भी वास्तविक रेलवे स्टेशन से अलग नहीं कर पाएंगे। यहां के सेट और बैकग्राउंड को इस प्रकार से डिज़ाइन किया गया है कि यह बिल्कुल एक असली रेलवे स्टेशन का अहसास कराता है।
क्यों है यह जगह बॉलीवुड की पहली पसंद?
रामोजी फिल्म सिटी का यह फिल्मी रेलवे स्टेशन मेकर्स के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। असली रेलवे स्टेशनों पर शूटिंग करने में कई मुश्किलें होती हैं—भीड़भाड़, ट्रेन का समय-सारणी, शोर और प्रशासनिक अनुमतियाँ। लेकिन इस फिल्मी रेलवे स्टेशन पर न तो भीड़ होती है और न ही शोर, जिससे निर्देशक को हर शॉट में वही रियलिस्टिक फील मिलता है। फिल्ममेकर्स इसे किराए पर लेकर आराम से अपने दृश्यों की शूटिंग कर सकते हैं, जिसमें न तो ट्रेनों का शेड्यूल बाधा बनता है और न ही किसी प्रकार की अन्य दिक्कत।
यहां शूट हुई हैं कई आइकॉनिक फिल्में
सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में इस स्टेशन के बारे में बताया गया है, जिसमें जेनिल वरिया नामक व्यक्ति ने इसका परिचय दिया है। इस वीडियो में बताया गया है कि ‘चेन्नई एक्सप्रेस’, ‘पीके’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (डीडीएलजे) और ‘जब वी मेट’ जैसी फिल्मों की शूटिंग यहां की गई है। दर्शकों ने इस स्टेशन को बार-बार देखा है, लेकिन शायद ही कभी किसी ने सोचा होगा कि यह असली रेलवे स्टेशन नहीं है। इस तरह के सेट और स्टेशन न केवल लागत को कम करते हैं, बल्कि शूटिंग को भी सुगम और नियंत्रित बनाते हैं।
‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ और इसका प्रसिद्ध रेलवे सीन
जब भी बॉलीवुड में ट्रेन या स्टेशन का जिक्र होता है, तो सबसे पहला नाम ‘डीडीएलजे’ का आता है। इस फिल्म का वो अंतिम सीन जिसमें चौधरी बलवंत सिंह (अमरीश पुरी) सिमरन (काजोल) से कहते हैं, “जा सिमरन, जी ले अपनी जिंदगी,” और सिमरन अपने प्यार राज (शाहरुख खान) की ओर दौड़ते हुए जाती है—यह सीन बॉलीवुड के इतिहास का एक आइकॉनिक क्षण बन गया है। 1995 में रिलीज हुई इस फिल्म को आदित्य चोपड़ा ने निर्देशित किया था और इसे दर्शकों का अपार प्यार मिला था। इस दृश्य को न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में सराहा गया और यह सीन आज भी दर्शकों के दिलों में बसा हुआ है।
‘जब वी मेट’ का अतरंगी रेलवे सीन और करीना कपूर का बिंदास अंदाज
‘जब वी मेट’ में करीना कपूर का चुलबुला किरदार गीता, और शाहिद कपूर का शांत और सुलझा हुआ किरदार आदित्य – इस फिल्म का रेलवे स्टेशन का सीन भी उतना ही आइकॉनिक है जितना कि फिल्म का खुद का कथानक। गीता का खुद को ट्रेन से उतारना और फिर गाड़ी पकड़ने की जद्दोजहद में दौड़ना—ये सीन दर्शकों को खूब पसंद आया और आज भी उस मस्ती और एनर्जी की मिसाल माना जाता है।
इस तरह से शूट होते हैं चलती ट्रेन के खतरनाक दृश्य
चलती ट्रेन के सीन या ट्रेन के बीच हुए रोमांचक स्टंट्स भी यहां पर बहुत ही सुरक्षित और असानी से शूट किए जाते हैं। कई बार तो दर्शकों को यह भी महसूस नहीं होता कि वे किसी रियल ट्रेन को देख रहे हैं या एक सेट पर बनी नकली ट्रेन को। इन दृश्यों को खास तकनीकी सहायता से शूट किया जाता है, ताकि कोई भी एक्टर सुरक्षित रहे और सीन असल जैसा ही लगे। इस प्रकार की सेटिंग में मेकर्स को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती और वे एक्शन सीन भी आसानी से शूट कर सकते हैं।
फिल्मी सेट्स का जादू और दर्शकों का भ्रम
रामोजी फिल्म सिटी के इस फिल्मी रेलवे स्टेशन को इतनी कुशलता से तैयार किया गया है कि पहली नजर में इसे देखकर असली रेलवे स्टेशन ही लगता है। इस स्टेशन की संरचना, पटरियों का सेटअप, प्लेटफार्म का डिज़ाइन और यहाँ तक कि संकेतक सबकुछ असली लगता है। मेकर्स के लिए यह सेट इतनी अच्छी तरह से काम करता है कि उन्हें बार-बार इसका उपयोग करने में कोई दिक्कत नहीं होती। यही कारण है कि दर्शकों को यह हर बार एक नए अनुभव के रूप में नजर आता है, और उन्हें यह कभी पता नहीं चलता कि यह रेलवे स्टेशन असली नहीं है।
क्या सच में खत्म नहीं होगा ‘डीडीएलजे’ का जादू?
आज से 29 साल पहले 1995 में आई ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि भारतीय सिनेमा में रोमांस को एक नई परिभाषा दी। 4 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 102.50 करोड़ रुपये का बिजनेस किया और अब यह भारतीय सिनेमा का क्लासिक बन चुकी है। आदित्य चोपड़ा की यह फिल्म केवल एक कहानी नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जिसे लोग बार-बार देखना चाहते हैं। आज भी इस फिल्म का जादू उतना ही है जितना कि तब था, और यह शायद ही कभी खत्म होगा।
निष्कर्ष: दर्शकों के लिए एक नया अनुभव
रामोजी फिल्म सिटी का यह फिल्मी रेलवे स्टेशन दर्शकों के लिए एक अनोखा अनुभव प्रस्तुत करता है। यह सेट बॉलीवुड के लिए एक मूल्यवान संपत्ति है, जो न केवल दर्शकों को एंटरटेनमेंट प्रदान करती है बल्कि फिल्ममेकर्स के लिए भी एक वरदान साबित होती है। हर बार यह स्टेशन एक नए रूप में दिखाई देता है, और दर्शकों को यह अहसास नहीं होता कि यह वही पुराना सेट है। यही कारण है कि हर बार दर्शक इसे नए सिरे से देखना पसंद करते हैं और यह सेट उनके दिलों में एक खास जगह बनाए रखता है।
आने वाले समय में भी इस फिल्मी रेलवे स्टेशन का उपयोग नई फिल्मों में होता रहेगा, और इसके माध्यम से नए-नए आइकॉनिक सीन बनाए जाते रहेंगे। इस प्रकार के स्थान न केवल बॉलीवुड को ऊंचाइयों पर ले जाते हैं, बल्कि दर्शकों के दिलों को भी जोड़ते हैं, और भारतीय सिनेमा की अनगिनत यादों का हिस्सा बन जाते हैं।