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गुरू ग्रह ज्योतिष के नव ग्रहों में सबसे अधिक शुभ ग्रह माने जाते हैं। ये ज्ञान और वाग्मिता के देवता माने जाते हैं। जीवन में हर क्षेत्र में सफलता के पीछे गुरू ग्रह की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यदि कुंडली में गुरू मजबूत हो तो सफलता का कदम चूमना बिल्कुल तय है। सफलता के पीछे सकारात्मक उर्जा का होना महत्वपूर्ण होता है और यही काम गुरू करते हैं। गुरू जीवन के ज्यादातर क्षेत्रों में सकारात्मक उर्जा प्रदान करने में सहायक होते हैं।
अपने सकारात्मक रूख के चलते व्यक्ति कठिन से कठिन समय को आसानी से सुलझा लेता है। यदि कुंडली में गुरू ग्रह (बृहस्पति) से संबंधित कोई दोष हो तो उसकी शांति के लिए गुरूवार को विशेष पूजा किया जाता है। बृहस्पति देवताओं के गुरू भी हैं। गुरू वैवाहिक जीवन व भाग्य का कारक ग्रह है।
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