सभी पेरेंट्स अपने बच्चों को एक बेहतर इंसान बनना चाहते हैं, उन्हें अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं, जीवन में अच्छी बातें सीखते हैं और दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना सीखते हैं समझते हैं इसके बावजूद भी कुछ बच्चे गलत राह पर निकल जाते हैं उनकी संगति गलत होती है दोस्ती यारी अच्छी नहीं होती है ऐसे बच्चे एक दिन मां-बाप से बातें छुपाने लगते हैं उनसे बात-बात पर झूठ बोलते हैं और बहस करना शुरू कर देते हैं पेरेंट्स को पलट के जवाब भी देते हैं यह सभी समस्याएं टीन-एज बच्चों में अधिक देखने को मिलती है ऐसे में 10 से लेकर 12 की उम्र वाले बच्चों पर पहले से ही ध्यान देना शुरू हो जाता है ताकि वे टीनएज में पहुंचकर बुरी संगत का शिकार न बन जाएं।
आईए जानते हैं इन 6 संकेतों से कि आपका बच्चा बिगड़ रहा है या नहीं ?
• ध्यान रखें कि बच्चे जो अपने आसपास देखते हैं सुनते हैं उसे ही फॉलो करते हैं स्कूल में पार्क में ट्यूशन आदि जगहों पर वह अपने दोस्तों को जैसा करते देखे हैं जैसा बोलते देखते हैं उसे ही फॉलो करने लगते हैं खासकर यदि संगत सही ना हो तो बच्चों के बिगड़ने की संभावना अधिक हो जाती है ऐसे में बेहद जरूरी होता है कि पेरेंट्स शुरू से ही उनकी बातों हाव-भाव पर ध्यान दें ताकि उन्हें बिगड़ने से बचाया जा सके।
• कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो अपनी फेवरेट चीज लेने के लिए जिद पर उतर आते हैं इसके लिए वह अपने पेरेंट्स पर चिल्ला कर बहस करने लगते हैं कभी खाना नहीं खाते उन्हें हर हाल में वह चीज चाहिए होती है 8 से 10 साल की उम्र के बच्चे इसमें अधीक देखने को मिलते हैं।
• जिस काम को आप अपने बच्चे को करने से मना कर रही हों, उसे ही वो जान-बूझकर बार-बार करे तो समझ लें कि आपका लाडला या लाडली बिगड़ रही है। वो आपकी बात नहीं सुनता तो दूसरों की क्या सुनेगा। ऐसे में बेहद जरूरी है कि आप समय रहते ऐसा करने के कारणों को और इन संकेतों को पहचान लें।
• यदि आप कोई भी छोटा-मोटा घर का काम करने के लिए बच्चे को बोलें और वह ना करे तो समझ जाएं कि आपका बच्चा बिगड़ रहा है। आपकी बातों को बिल्कुल भी नहीं सुनता है। ऐसा बच्चे तभी करते हैं, जब उनकी दोस्ती, संगति सही नहीं होती है और हो सकता है उसका कोई दोस्त भी अपने पैरेंट्स की बात को नहीं सुनता हो और ये ही बात आपका बच्चा भी सीख गया हो।
• यदि आपका बच्चा बात-बात में अभद्र भाषा, गाली का इस्तेमाल करने लगा हो तो ये बच्चे के गलत संगत में रहने और बिगड़ने का एक गंभीर संकेत हो सकता है। यदि वे किसी दूसरे बच्चे से लड़ाई-झगड़ा करे, उसे थप्पड़ लगा दे, उसकी पिटाई करके घर आए तो आप अलर्ट हो जाएं। बच्चे के मुंह से किसी भी अभद्र शब्द, भाषा को सुनते ही तुरंत टोकें।
• यदि बच्चा किसी क्लासमेट या दोस्त का कोई सामान चुरा लेता है और आपको इस बात का पता चल जाए तो उसे तुरंत समझाएं। मारने-पीटने की बजाय उसे प्यार से समझाएं कि चोरी करने का परिणाम क्या हो सकता है। यदि आपका बेटा या बेटी कोई भी किसी दूसरे बच्चे को बार-बार चिढ़ाए, उसे बुली करे तो ये भी आदत सही नहीं है।