प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दशाश्वमेध घाट पर किया गंगा पूजन

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गंगा की पवित्रता और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रद्धा

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा पूजन और आरती में भाग लिया, जो विशेष रूप से महत्वपूर्ण और पवित्र था। यह मौका सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं था, बल्कि भारत की आध्यात्मिकता और संस्कृति का एक जीवंत उदाहरण था।

गंगा नदी के तट पर आयोजित इस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति ने इसे और अधिक गौरवमयी बना दिया। हमारे देश के हर नागरिक ने गंगा, जिसे भारतीय सभ्यता और संस्कृति की धारा के रूप में देखा जाता है, के प्रति ऐसा सम्मान और आदर व्यक्त किया।

गंगा पूजन की मान्यता

हिन्दू धर्म में गंगा पूजन बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण है। यह नदी की शुद्धता और दिव्यता का प्रतीक है, साथ ही हमारी सांस्कृतिक सम्पदा की सुरक्षा और संरक्षण का भी प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने गंगा पूजन करते हुए नदी को निर्मल और स्वच्छ बनाए रखने का भी वादा किया। उन लोगों ने गंगा को भारत की माँ कहा और उसे श्रद्धांजलि दी।

गंगा आरती का दृश्य

गंगा आरती का दृश्य दशाश्वमेध घाट पर अविस्मरणीय था। प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा आरती का अवलोकन किया जब सूरज अस्त हो रहा था और संध्या की लालिमा ने जल को सुनहरा बना दिया था। इस दृश्य ने सभी लोगों को भावुक कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने धूप, दीपक और मंत्रों के बीच आरती में हिस्सा लिया। यह दृश्य सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया और जगह को पवित्र बना दिया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “गंगा केवल एक नदी नहीं है, यह हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इसका संरक्षण और संवर्धन हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।” उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे गंगा को स्वच्छ बनाए रखने में अपना योगदान दें। उन्होंने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने गंगा पूजन के माध्यम से देशवासियों को यह संदेश दिया कि हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोकर रखना चाहिए और आने वाली पीढ़ियों को इसका महत्व समझाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए और इसके लिए हर नागरिक को अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए।

सांस्कृतिक कार्यक्रम: गंगा पूजन और आरती के बाद, घाट पर स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य ने गंगा की महिमा बताई। कार्यक्रम ने भारत की समृद्ध संस्कृति को वैश्विक स्तर पर दिखाया।

स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया : प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी दौरे से स्थानीय लोग खुश थे। लोगों ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया और इस पवित्र घटना में उनके साथ भाग लिया। स्थानीय लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन से गंगा की सफाई और संरक्षण की जागरूकता बढ़ेगी।

गंगा के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता :

प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा की प्रतिबद्धता को पहले भी दिखाया है। उन्हें ‘नमामि गंगे’ जैसी योजनाओं के माध्यम से गंगा की सफाई और संरक्षण के लिए बहुत कुछ किया गया है। उनकी सरकार ने गंगा की शुद्धि और निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को शुरू किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दशाश्वमेध घाट पर गंगा पूजन और आरती में भाग लिया, जो एक ऐतिहासिक और पवित्र क्षण था और भारतीय संस्कृति, धार्मिकता और पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण संदेश था. उन्होंने देशवासियों से भी कहा कि वे गंगा के प्रति अपनी आस्था और प्रतिबद्धता को दोहराते हुए इसी दिशा में प्रयास करने की अपील की. यह अवसर न केवल वाराणसी में

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