हाल के दिनों में मुरैना और इसके आसपास के इलाकों में नाबालिगों की गैंगों द्वारा किए गए अपराधों में एक अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली है। ऐसा ही एक मामला 17 सितंबर को सामने आया, जब तीन नाबालिग बदमाशों ने एक बिस्किट सेल्समैन से 32 हजार रुपये की लूट की। इस वारदात ने शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां नाबालिग अपराधी अब बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम देने लगे हैं।
वारदात का पूरा विवरण
17 सितंबर को पारले बिस्किट के सेल्समैन शैलेंद्र उमरैया, सिहोनिया क्षेत्र के दुकानदारों को बिस्किट सप्लाई करने और उगाही की गई राशि लेकर मुरैना लौट रहे थे। जतवार के पुरा और सिरमिति नहर के बीच उनके थ्रीव्हीलर वाहन को तीन बाइक सवार नाबालिगों ने रोका। बदमाशों ने सेल्समैन पर कट्टा तानकर गोली मारने की धमकी दी और 32 हजार रुपये लूटकर फरार हो गए। इस घटना ने मुरैना और आसपास के इलाकों में भय का माहौल पैदा कर दिया, जहां व्यापारी और आम जनता अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोपितों की तलाश में जुट गई। सोमवार की सुबह, दिमनी पुलिस ने रपट का पुरा, क्वारी नदी के पास से एक नाबालिग को पकड़ने में सफलता हासिल की। जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने अन्य दो साथियों के साथ मिलकर लूट की वारदात को अंजाम देने की बात कबूल की। पकड़े गए नाबालिग से 32 हजार रुपये में से 10 हजार रुपये जब्त किए गए। इसके साथ ही, पुलिस को यह भी पता चला कि ये नाबालिग बदमाश मुरैना से लेकर ग्वालियर तक बाइक चोरी की घटनाओं में भी लिप्त हैं।
बाइक चोरी के गिरोह का पर्दाफाश
पकड़े गए नाबालिग से जब और गहराई से पूछताछ की गई, तो उसने खुलासा किया कि वह और उसके साथी बाइक चोरी करने में भी शामिल थे। पुलिस ने जब उसकी बाइक की जांच की, तो वह चोरी की निकली। इसके बाद आरोपी ने बताया कि अब तक वे 10 बाइकें चुरा चुके हैं, जिनमें से दो बाइकों को बेच दिया गया है और सात को उन्होंने छिपा रखा है। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर सात बाइक जब्त कीं और जिन लोगों को बाइकें बेची गई थीं, उनसे भी बाइकें बरामद कर लीं।
नाबालिग अपराधियों की बढ़ती संख्या
यह घटना मुरैना और ग्वालियर क्षेत्र में नाबालिग अपराधियों के सक्रिय होने का संकेत देती है। नाबालिगों द्वारा किए जा रहे ऐसे अपराध, खासकर लूट और चोरी की घटनाएं, समाज में गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। इन घटनाओं का मुख्य कारण अपराधियों के लिए आसानी से उपलब्ध होने वाले हथियार और अपराध की ओर बढ़ती युवाओं की प्रवृत्ति है। इसके साथ ही, सोशल मीडिया और फिल्मों में दिखाए जाने वाले हिंसक दृश्यों का भी नाबालिगों पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जिससे वे अपराध की ओर प्रेरित होते हैं।
पुलिस की चुनौतियां
नाबालिगों द्वारा किए जाने वाले अपराध पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। नाबालिग अपराधियों पर कार्रवाई करने में पुलिस के सामने कानूनी अड़चने भी होती हैं, क्योंकि नाबालिगों के लिए कानून में विशेष प्रावधान होते हैं। नाबालिगों को जेल भेजने के बजाय सुधार गृहों में रखा जाता है, लेकिन यह भी कई बार समस्या का समाधान नहीं होता। सुधार गृह में भेजे जाने के बाद भी कई नाबालिग अपराधी अपराध की दुनिया में लौट आते हैं।
समाज की भूमिका
समाज को भी इस दिशा में अपना योगदान देना होगा। बच्चों और किशोरों में बढ़ती अपराध प्रवृत्तियों को रोकने के लिए परिवार, स्कूल और समाज को मिलकर काम करना होगा। बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन देना, उन्हें नैतिक शिक्षा प्रदान करना और उनकी मानसिक स्थिति को समझना बहुत जरूरी है। इसके अलावा, खेल और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में उनकी भागीदारी बढ़ाकर उन्हें सकारात्मक दिशा में ले जाया जा सकता है।
मुरैना में नाबालिगों द्वारा की गई इस लूट की घटना से साफ है कि अपराध की दुनिया में नाबालिगों की संलिप्तता तेजी से बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए पुलिस, समाज और सरकार को मिलकर काम करना होगा। नाबालिगों की अपराध की प्रवृत्ति को समझना और उन्हें सही दिशा में ले जाने के लिए जरूरी कदम उठाना वक्त की मांग है। अगर इसे जल्द नहीं रोका गया, तो भविष्य में और भी गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। पुलिस की सजगता और समाज की सहभागिता से ही हम इस समस्या का समाधान कर सकते हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी एक सुरक्षित और सकारात्मक भविष्य की ओर बढ़ सके।
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