नवरात्रि 2024: माता रानी का 16 श्रृंगार और पूजा विधि

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नवरात्रि का महत्व

नवरात्रि, सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे माता दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित किया जाता है। इस पर्व के दौरान, भक्त माता रानी के नौ स्वरूपों की आराधना करते हैं। 2024 में नवरात्रि का यह पावन पर्व 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। यह मान्यता है कि इस दौरान माता रानी अपने भक्तों के बीच रहती हैं और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर वरदान देती हैं। इस लेख में, हम जानेंगे माता रानी के 16 श्रृंगार और उनकी पूजा विधि के बारे में।

नवरात्रि
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माता रानी का 16 श्रृंगार

माता रानी का 16 श्रृंगार नवरात्रि में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह श्रृंगार सौभाग्य और शुभता का प्रतीक माना जाता है। आइए जानते हैं कि माता रानी का श्रृंगार करने के लिए क्या सामग्री चाहिए:

श्रृंगार सामग्री

  1. मेहंदी – हाथों में मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है।
  2. पायल – पैरों में पहनाई जाने वाली ये कर्णधार माता के सौंदर्य में चार चाँद लगाती हैं।
  3. गजरा – फूलों का गजरा, जो माता के सिर में सजाया जाता है।
  4. लाल चूड़ी – लाल चूड़ी पहनाने से माता के श्रृंगार में निखार आता है।
  5. लाल चुनरी – माता रानी को लाल चुनरी चढ़ाना शुभ है।
  6. लाल बिंदी – बिंदी माता के चेहरे की शोभा बढ़ाती है।
  7. काजल – आँखों में काजल लगाना माता की खूबसूरती को बढ़ाता है।
  8. मांग टीका – माथे पर लगाने से माता का रूप और आकर्षक बनता है।
  9. झुमका – झुमके माता की सुंदरता को और बढ़ाते हैं।
  10. नथ – नथ माता के श्रृंगार का एक अनिवार्य हिस्सा है।
  11. बिछुआ – पैरों में बिछुआ पहनाना माता के सौंदर्य को और निखारता है।
  12. बाजूबंद – बाजू में पहनने से माता का श्रृंगार सम्पूर्ण होता है।
  13. कमरबंद – कमर पर बांधा जाने वाला यह आभूषण भी विशेष महत्व रखता है।
  14. मंगलसूत्र – यह आभूषण माता की वैवाहिक स्थिति का प्रतीक होता है।
  15. लाल रंग का जोड़ा – लाल रंग के कपड़े माता के प्रति भक्ति का प्रतीक हैं।
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माता रानी का श्रृंगार करने की विधि

माता रानी का श्रृंगार करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। आइए जानें विधि और प्रक्रियाएं:

श्रृंगार की प्रक्रिया

  1. चौकी की स्थापना: सबसे पहले एक चौकी स्थापित करें। इसे पवित्रता के लिए गंगा जल से धो लें।
  2. कपड़ा बिछाना: चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं। ये रंग माता रानी के लिए शुभ माने जाते हैं।
  3. मूर्ति की स्थापना: अब माता रानी की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें। मूर्ति को अच्छे से साफ करें और उसका स्वागत करें।
  4. श्रृंगार का आरंभ: माता रानी का श्रृंगार करते समय सबसे पहले उन्हें लाल रंग की गोटेदार चुनरी अर्पित करें।
  5. गुलाब या मोगरा का गजरा: सिर में गजरा अर्पित करें। यह न केवल माता के श्रृंगार को बढ़ाता है बल्कि वातावरण को भी महकाता है।
  6. अशुभ रंगों से बचें: श्रृंगार के दौरान काले रंग का उपयोग न करें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
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पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

  • सफाई: नवरात्रि के 9 दिनों तक घर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। यह पूजा की एक अनिवार्य प्रक्रिया है।
  • सच्चे मन से भक्ति: माता रानी की पूजा श्रद्धा और विश्वास के साथ करें। भक्ति से की गई पूजा में माता अवश्य प्रसन्न होती हैं।
  • ध्यान और साधना: पूजा के समय ध्यान और साधना करें। यह मानसिक शांति और ध्यान को बढ़ाता है।

नवरात्रि के दौरान घर में खुशियों का आगमन

माता रानी की पूजा विधि से न केवल श्रद्धा बढ़ती है, बल्कि यह घर में खुशियों का संचार भी करती है। जब भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति से पूजा करते हैं, तो मां रानी अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं।

नवरात्रि का संदेश

नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह हमें भक्ति, आत्मा की शुद्धता और जीवन के सकारात्मक पहलुओं को समझाने का अवसर भी प्रदान करता है। माता रानी के प्रति इस श्रद्धा और भक्ति को जीवित रखें और इसे अपने जीवन में उतारें।

इस नवरात्रि, माता रानी के 16 श्रृंगार के माध्यम से उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करें और अपने जीवन में खुशियों का संचार करें। माता की कृपा से आपके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी।

नवरात्रि का पर्व हमें सिखाता है कि भक्ति और श्रद्धा के साथ किया गया हर कार्य फलदायी होता है। माता रानी का 16 श्रृंगार न केवल उनकी सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि हमें अपने जीवन में सकारात्मकता लाने का भी संदेश देता है। इस नवरात्रि, माता रानी के प्रति अपनी भक्ति को बढ़ाएं और खुशियों का स्वागत करें!

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