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नवरात्रि
के पर्व का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। सभी घरों में नौ दिनों तक मां
दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है और व्रत भी रखा जाता है।
नवरात्र में नौ
दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा भी की जाती
है। बहुत से लोग नवरात्रि के दौरान अपने घरों में अखंड ज्योत जलाते है और
व्रत रखते है। नवरात्रि पर आज हम आपको वास्तु के बारे में बताने जा रहे
हैं।
नवरात्रि में वास्तु की कुछ बातों को जिन्हे जानकर आपको लाभ होगा। वास्तु
के अनुसार, जब भी पूजा में ध्यान करें उस समय उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण)
का चुनाव करें यह दिशा शुभ मानी गई है और यह दिशा का संबंध मानसिक स्पष्टता
से है।
नवरात्रि में देवी पूजा में देवी की मूर्ति को लकड़ी के पाटे पर स्थापित
करनी चाहिए। अगर चौंकी चंदन की लकडी की हो, तो सबसे ज्यादा शुभ माना जाता
है। क्योकि वास्तु में चंदन शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना गया है।
इसी के साथ नवरात्रि में नौ दिन तक देवी के सामने अखंड ज्योति जलाने के
लिए पूजन स्थल पर आग्नेय कोण में दिया जलाना चाहिए। ज्योतिष के मुताबिक, इस
दिशा में अखंड ज्योति रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है और घर से
नकारात्मकता जाती है। घर में धन का आगमन भी जल्दी होने लगता है।
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वेब शीर्षक-नवरात्रि 2020: इस दिशा में अखंड ज्योति रखने से घर से नकारात्मकता दूर होती है
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