हर साल शारदीय नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है और इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दौरान भक्त उपवास रखते हैं, जिसमें खाने-पीने के लिए खास नियमों का पालन किया जाता है। आमतौर पर, प्याज और लहसुन का सेवन नहीं किया जाता है क्योंकि इन्हें तामसिक भोजन माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके अलावा और कौन-कौन सी सब्जियां व्रत के दौरान नहीं खाई जातीं? आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण।
प्याज और लहसुन का तामसिक प्रभाव
प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा जाता है। तामसिक भोजन का सेवन मानसिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई पैदा कर सकता है। नवरात्रि के दौरान भक्तों का ध्यान देवी की पूजा और भक्ति पर होना चाहिए, इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों से परहेज किया जाता है।
फलियों और मटर का सेवन न करने का कारण
फलियों, जैसे सेम, छोले और मटर, का सेवन भी व्रत में मना होता है। मटर को अक्सर अनाज और सब्जी दोनों के रूप में देखा जाता है। इसलिए, इसे उपवास के दौरान नहीं खाया जाता। दरअसल, वनस्पति विज्ञान के अनुसार, मटर की फली एक ऐसा फल है, जो पौधे के बीजों के चारों ओर होती है, जिसका उपयोग प्रजनन के लिए किया जाता है। इसीलिए, इसे फल की श्रेणी में भी रखा जा सकता है।
गोभी का सेवन क्यों नहीं?
व्रत के दौरान फूलगोभी, पत्तागोभी और ब्रोकली जैसे सब्जियों से भी परहेज किया जाता है। ये सब्जियां क्रूसिफेरस श्रेणी में आती हैं, जिनमें FODMAPs की अधिकता होती है। FODMAPs का सेवन करने से अक्सर गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए व्रति को गोभी का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे उपवास के दौरान असुविधा हो सकती है।
बैंगन और उसकी अशुद्धता
बैंगन को भी व्रत के दौरान नहीं खाना चाहिए। इसे तामसिक भोजन माना जाता है और शास्त्रों में इसे अशुद्ध माना गया है। बैंगन में कीड़े हो सकते हैं, जो स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इसके अतिरिक्त, बैंगन में ओक्सलेट होता है, जो कैल्शियम के अवशोषण को कम कर सकता है और हड्डियों की सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
मशरूम की अशुद्धता
मशरूम को भी व्रत में खाने से मना किया गया है। यह आमतौर पर अशुद्धता बढ़ाने वाली सब्जी मानी जाती है। मशरूम कवक जाति का एक हिस्सा है और इसे खाने से कुछ लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे पेट दर्द और डायरिया, हो सकती हैं। व्रत के दौरान पाचन संबंधी समस्याएं आम होती हैं, इसलिए इसे खाने से बचना ही बेहतर होता है।
अन्य सब्जियों पर पाबंदी
भिंडी, तोरई और बींस को भी व्रत के दौरान खाने से मना किया जाता है। इन सब्जियों में भी ऐसे तत्व होते हैं जो पाचन में कठिनाई पैदा कर सकते हैं। पत्तेदार सब्जियों, जैसे पालक, का भी सेवन व्रत के दौरान नहीं किया जाता, क्योंकि इनमें भी FODMAPs की मात्रा अधिक होती है, जिससे गैस बन सकती है।
उपवास में उचित आहार
नवरात्रि के उपवास में आमतौर पर समा के चावल, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना और कुट्टू का आटा जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है। ये खाद्य पदार्थ न केवल पचने में आसान होते हैं, बल्कि ऊर्जा भी प्रदान करते हैं। उपवास के दौरान सही आहार का चयन करना महत्वपूर्ण है, ताकि शरीर में ऊर्जा बनी रहे और भक्तिपूर्ण गतिविधियों में कोई बाधा न आए।
इस तरह, नवरात्रि के दौरान विभिन्न सब्जियों का सेवन न करने के पीछे धार्मिक, वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण हैं। यह न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह भक्तों को आध्यात्मिकता की ओर भी अग्रसर करता है। इस नवरात्रि, हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि उपवास केवल भूखे रहने का नाम नहीं है, बल्कि यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने का एक तरीका भी है। इसलिए, सही आहार का चयन करें और देवी दुर्गा की पूजा में मन लगाकर भाग लें।
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