वीरता और बलिदान की अद्वितीय मिसाल: राष्ट्रपति भवन में आंखें नम, दिल गर्वित
शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक भावुक और गर्वित माहौल में सेना और अन्य सुरक्षाबलों के 10 जवानों को उनके शौर्य और बलिदान के लिए कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। इनमें से सात जवानों को मरणोपरांत यह सम्मान मिला, जिनमें से एक थे कैप्टन अंशुमान सिंह।
Captain Anshuman singh की पत्नी स्मृति ने जब अपने पति के कीर्ति चक्र को स्वीकार किया, तो वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं। यह एक ऐसा क्षण था जिसने सभी को कैप्टन अंशुमान सिंह की वीरता और उनके बलिदान को याद दिलाया।
शौर्य और बलिदान की कहानी: Captain Anshuman singh
Captain Anshuman singh उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले थे। 19 जुलाई 2023 को 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर में उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के इस वीर योद्धा ने अपने साथियों की जान बचाने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
Captain Anshuman singh ने चार सैनिकों की जान बचाते हुए अपनी जान गंवा दी। उनकी इस वीरता और शहादत को देखते हुए उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।
पत्नी स्मृति का साहस और गर्व
जब राष्ट्रपति भवन में Captain Anshuman singh को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जा रहा था, तब उनकी पत्नी स्मृति एक अद्भुत साहस और गर्व के साथ खड़ी थीं। उनके चेहरे पर गर्व और गम का मिला-जुला भाव था। स्मृति की हिम्मत और उनके जज्बे को देखकर हर कोई उन्हें सैल्यूट कर रहा था।
स्मृति ने इस सम्मान को स्वीकार करते हुए कहा कि यह पल उनके लिए बेहद भावुक करने वाला था। पिछले साल जब Captain Anshuman singh शहीद हुए थे और उनका पार्थिव शरीर देवरिया पहुंचा था, तब भी स्मृति ने अपने पति को हिम्मत के साथ विदा किया था।
अंतिम विदाई का भावुक क्षण
जब Captain Anshuman singh का पार्थिव शरीर उनके गृह नगर देवरिया पहुंचा था, तब उनके अंतिम विदाई के समय उनकी पत्नी स्मृति ने उनके माथे को चूमते हुए कहा, “मेरे हीरो, आपकी शहादत पर मुझे गर्व है। आपको दिल से सैल्यूट है, आपने भारत मां की रक्षा की है।” यह शब्द सुनकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं और हर तरफ भारत मां की जय के नारे गूंज उठे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का सम्मान समारोह
राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस सम्मान समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति और मां मंजू सिंह को कीर्ति चक्र प्रदान किया। यह एक गर्वित और भावुक पल था, जिसने सभी को शहीदों के बलिदान की याद दिलाई।
देशभक्ति और वीरता की मिसाल
कैप्टन अंशुमान सिंह की वीरता और शहादत एक ऐसी मिसाल है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। उनकी पत्नी स्मृति का साहस और उनकी हिम्मत भी एक ऐसी मिसाल है जो हर भारतीय को गर्व महसूस कराएगी।
Captain Anshuman singh की शहादत और उनकी पत्नी स्मृति का साहस एक अद्वितीय उदाहरण है जो यह साबित करता है कि हमारे देश के जवान और उनके परिवार कितने मजबूत और वीर होते हैं।
उनकी कहानी हमें यह याद दिलाती है कि देश की रक्षा के लिए हमारे सैनिक और उनके परिवार किस प्रकार के त्याग और बलिदान करते हैं। इस सम्मान समारोह ने सभी को एक बार फिर यह महसूस कराया कि हमारे जवानों का बलिदान और उनकी वीरता हमारे देश की असली धरोहर है।
इस सम्मान समारोह में हर किसी की आंखें नम हो गईं, लेकिन साथ ही सभी के दिलों में गर्व और सम्मान की भावना भी जागी। Captain Anshuman singh और उनके जैसे सभी शहीदों की वीरता और बलिदान को हमारा सलाम।