दिल्ली मेट्रो में नया विवाद: एनसीएमसी कार्ड की अनिवार्यता या अनावश्यकता?

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नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो, जो अपने सुचारू संचालन और तेज़ सेवा के लिए जानी जाती है, इस समय एक नए विवाद में घिरी हुई है। हाल ही में, यात्रियों को किराया भुगतान के लिए स्मार्ट कार्ड की बजाय एनसीएमसी (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) थमाए जा रहे हैं। इस बदलाव ने मेट्रो के यात्रियों के बीच काफी नाराजगी पैदा की है। आइए, इस मुद्दे के विभिन्न पहलुओं पर नज़र डालते हैं।

दिल्ली मेट्रो में नया विवाद: एनसीएमसी कार्ड की अनिवार्यता या अनावश्यकता?
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एनसीएमसी कार्ड: क्या है?

एनसीएमसी कार्ड, जिसे “एक देश, एक कार्ड” की अवधारणा के तहत लाया गया है, का उद्देश्य विभिन्न सार्वजनिक परिवहन माध्यमों में एक ही कार्ड के माध्यम से यात्रा करना आसान बनाना है। यह कार्ड न केवल दिल्ली मेट्रो में, बल्कि देश के अन्य मेट्रो नेटवर्क और गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड रेल में भी किराया भुगतान के लिए उपयोगी है। हालांकि, यात्रियों का मानना है कि यह कार्ड उनके लिए परेशानी का कारण बन रहा है।

यात्रियों की शिकायतें

दिल्ली मेट्रो के यात्री एनसीएमसी कार्ड को लेकर कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या यह है कि एनसीएमसी कार्ड को रिचार्ज करने के लिए यात्रियों को एयरटेल थैंक्‍स ऐप का सहारा लेना पड़ता है। इसके अलावा, इसे वैलिडेट करने के लिए मशीनों की अनुपस्थिति भी एक गंभीर समस्या है। यात्रियों को कस्टमर केयर काउंटर पर लंबी कतारों में खड़े रहना पड़ता है, जिससे उनकी यात्रा में असुविधा होती है।

यात्रियों ने यह भी शिकायत की है कि टिकट वेंडिंग मशीनों से एनसीएमसी कार्ड का रिचार्ज नहीं किया जा सकता। इसके लिए केवल एयरटेल थैंक्‍स ऐप का ही उपयोग किया जा सकता है, और कस्टमर केयर पर रिचार्ज कराने के लिए न्यूनतम राशि 200 रुपये रखी गई है। ये सभी समस्याएँ मिलकर एनसीएमसी कार्ड के उपयोग को बेहद कठिन बना देती हैं।

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डीएमआरसी का पक्ष

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने एनसीएमसी कार्ड को लेकर यात्रियों की चिंताओं को दरकिनार करते हुए कहा है कि पुराने स्मार्ट कार्ड भी यात्रियों की मांग पर उपलब्ध हैं। उनका कहना है कि यात्रियों को एनसीएमसी कार्ड लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा है। डीएमआरसी के अनुसार, वे एनसीएमसी कार्ड के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल के अनुसार काम कर रहे हैं।

डीएमआरसी का तर्क है कि एनसीएमसी कार्ड के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों में एकीकृत परिवहन प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन क्या यह तर्क यात्रियों की परेशानियों को खत्म कर पाता है? यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है।

सुविधा या परेशानी?

जब एक नई प्रणाली को लागू किया जाता है, तो उसके साथ कई सुविधाएँ और चुनौतियाँ जुड़ी होती हैं। एनसीएमसी कार्ड का उद्देश्य सुविधाजनक यात्रा को बढ़ावा देना है, लेकिन यदि इसे लागू करने के तरीके में समस्याएँ हैं, तो यह असुविधा का कारण बन सकता है। मेट्रो के यात्रियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे सहजता से यात्रा कर सकें, और ऐसे कार्ड जो प्रक्रिया को जटिल बनाते हैं, उन्हें नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।

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भविष्य की संभावनाएँ

यदि दिल्ली मेट्रो को अपनी सेवाओं में सुधार करना है, तो उसे यात्रियों की समस्याओं को ध्यान में रखना होगा। चाहे वह एनसीएमसी कार्ड हो या स्मार्ट कार्ड, यात्रा के दौरान सुविधाजनक और उपयोग में सरल विकल्प प्रदान करना जरूरी है। मेट्रो प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि रिचार्ज और वैलिडेशन की प्रक्रिया आसान और त्वरित हो।

इसके अलावा, यदि एनसीएमसी कार्ड को बढ़ावा दिया जाना है, तो यात्रियों को इसे रिचार्ज करने के लिए विभिन्न विकल्प उपलब्ध कराना आवश्यक है, जैसे कि यूपीआई के माध्यम से रिचार्ज, टिकट वेंडिंग मशीनों से रिचार्ज आदि।

निष्कर्ष

दिल्ली मेट्रो में एनसीएमसी कार्ड का प्रयोग यात्रियों के लिए किसी समस्या से कम नहीं है। इस नई प्रणाली के लागू होने के बाद, यात्रियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि डीएमआरसी का दावा है कि यह प्रणाली भविष्य में फायदेमंद होगी, लेकिन वर्तमान में यात्रियों को राहत देने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।

यात्रियों की संतुष्टि हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए, और यदि कोई प्रणाली इस संतोष को नुकसान पहुंचा रही है, तो उसे तुरंत समीक्षा और सुधार की आवश्यकता है। आशा है कि दिल्ली मेट्रो प्रबंधन यात्रियों की आवाज़ सुनेगा और उचित कदम उठाएगा।

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