नई दिल्ली – भारतीय सिनेमा की दुनिया में हर एक अभिनेता या अभिनेत्री का सफर बेहद अलग और चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसी ही एक कहानी है तृप्ति डिमरी की, जिन्होंने अपने संघर्षों से भरे सफर में न केवल अपने लिए एक पहचान बनाई, बल्कि उन्होंने यह भी साबित किया कि मेहनत और समर्पण कभी बेकार नहीं जाते। तृप्ति ने अपने करियर की शुरुआत 2017 में फिल्म पोस्टर बॉयज़ से की, लेकिन असली पहचान उन्हें पिछले साल रिलीज हुई फिल्म एनिमल से मिली, जिसमें उन्होंने रणबीर कपूर के साथ अभिनय किया।
शुरुआत से लेकर पहचान तक
तृप्ति डिमरी का करियर भले ही 2017 में शुरू हुआ, लेकिन उन्होंने कला, बुलबुल, और लैला मजनू जैसी फिल्मों में भी काम किया। इन फिल्मों में उनका अभिनय सराहा गया, लेकिन वह हमेशा से एक बड़े ब्रेक की तलाश में थीं। आखिरकार, एनिमल में उनके रोल ने उन्हें वह पहचान दिलाई, जिसका वह इंतज़ार कर रही थीं।
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‘एनिमल’ का रोल: सफलता या संकट?
हालांकि, एनिमल में तृप्ति का रोल उनके लिए एक चुनौती बन गया। फिल्म की रिलीज के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। अपने हालिया इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वह इस आलोचना के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थीं। तृप्ति ने कहा, “मैं 2-3 दिन तक रोती रही। यह मेरे लिए बहुत कठिन था।”
उन्हें इस बात का बहुत दुख था कि लोग उनके काम के बारे में क्या कह रहे थे। यह स्थिति उनकी मानसिक स्वास्थ्य पर भी भारी पड़ी। तृप्ति का कहना था कि उन्होंने कभी भी इतनी नकारात्मकता का सामना नहीं किया था।
सपनों का सामना: बहन का सहारा
हालांकि, उनके इस कठिन समय में उनकी बहन ने उन्हें बहुत सहयोग दिया। उन्होंने कहा, “मेरी बहन ने मुझसे कहा कि तुमने यहां तक पहुंचने के लिए जो मेहनत की है, वह केवल तुम ही जानती हो। किसी और को नहीं पता।” यह शब्द उनके लिए एक प्रेरणा बन गए और उन्हें नकारात्मकता से बाहर निकलने में मदद मिली।
उन्होंने इस अनुभव से सीखा कि रोना भी एक तरीके से अपने दुखों को बाहर निकालने का एक तरीका है। “अपने शरीर और दिमाग को सदमे से निकालने के लिए रोना बहुत जरूरी है,” उन्होंने कहा।
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सकारात्मकता की ओर लौटना
तृप्ति डिमरी ने नकारात्मक कमेंट्स पर ध्यान देना बंद कर दिया और अपने काम पर फोकस करने लगीं। उन्होंने अपने अभिनय के प्रति अपनी लगन को और भी मजबूत किया। वह अब अपने करियर को एक नई दिशा देने के लिए तैयार हैं। उनका मानना है कि जो भी आलोचना उन्हें मिली, वह उन्हें और मजबूत बना गई।
उन्होंने कहा, “अगर आप मेनस्ट्रीम फिल्मों में काम करते हैं, तो आपको आलोचना का सामना करना पड़ता है। यह एक हिस्सा है।”
सिनेमा की दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य
तृप्ति की कहानी इस बात को भी उजागर करती है कि सिनेमा की दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य कितना महत्वपूर्ण है। कई बार, कलाकारों को उनके काम के लिए नकारात्मकता का सामना करना पड़ता है, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। तृप्ति जैसे कलाकारों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें और सकारात्मकता को अपने जीवन में बनाए रखें।
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भविष्य की योजनाएं
अब जब तृप्ति डिमरी ने अपने दुखों को पीछे छोड़ दिया है, तो वह अपने अगले प्रोजेक्ट्स पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। वह चाहती हैं कि आने वाले समय में उन्हें और भी चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं मिलें, जिनमें वह अपने अभिनय की पूरी क्षमता दिखा सकें।
तृप्ति डिमरी की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों का पीछा कर रहे हैं। उन्होंने यह साबित किया है कि कठिनाइयों के बावजूद, अगर आप मेहनत करते हैं और सकारात्मक रहते हैं, तो सफलता अवश्य मिलेगी।
तृप्ति डिमरी का सफर आगे
तृप्ति डिमरी की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता एक यात्रा है, न कि एक मंजिल। उनकी मेहनत, संघर्ष और उनके अनुभव ने उन्हें एक मजबूत कलाकार बना दिया है। हम सभी को उनकी यात्रा से प्रेरणा लेनी चाहिए और जानना चाहिए कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि हम कभी हार न मानें।
तृप्ति डिमरी के लिए यह सफर अभी शुरू हुआ है, और हमें विश्वास है कि वह आगे और भी ऊंचाइयों तक पहुंचेंगी। उनके आने वाले प्रोजेक्ट्स का इंतजार करना अब रोमांचक हो गया है, क्योंकि वह अपनी कला से हमें प्रभावित करती रहेंगी।