डेंगू से बचाव: बरसात के मौसम में रखें विशेष ध्यान

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डेंगू से बचाव: बरसात के मौसम में रखें विशेष ध्यान

जलजमाव और मच्छरों से बचाव के उपाय

बरसात का मौसम शुरू हो गया है और इसके साथ ही डेंगू का खतरा भी बढ़ गया है। डेंगू एक गंभीर बीमारी है जो मच्छरों के माध्यम से फैलती है। अगर हम थोड़ी सी सावधानी बरतें और जागरूक रहें, तो डेंगू से बचाव संभव है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत पटेल के अनुसार, शहर में डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं, इसलिए हमें कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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पानी जमा न होने दें

डेंगू और मलेरिया के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। इसलिए सबसे पहले हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे घर और आस-पास कहीं भी पानी जमा न हो।

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  • छत पर रखें सामान: हमारी छत पर रखे किसी सामान में पानी जमा हो सकता है, इसलिए समय-समय पर छत की सफाई करें और जमा पानी को निकालें।
  • कूलर का पानी: गर्मियों में इस्तेमाल होने वाले कूलर का पानी नियमित रूप से खाली करके साफ करें। कूलर में जमा पानी डेंगू के मच्छरों के लिए आदर्श प्रजनन स्थल होता है।
  • मनी प्लांट और पौधों का पानी: घर में रखे मनी प्लांट और अन्य पौधों का पानी नियमित रूप से बदलते रहें। गमलों में मिट्टी ऊपर तक रखें ताकि पानी जमा न हो सके।

ग्रामीण क्षेत्रों में ध्यान रखें

ग्रामीण क्षेत्रों में जानवरों को पानी पीने के लिए सीमेंट की टंकी का उपयोग होता है। इस टंकी का पानी भी नियमित रूप से बदलना चाहिए ताकि मच्छर उसमें अंडे न दे सकें।

  • साफ पानी में तेल डालें: जहां भी साफ पानी जमा हो और वह उपयोग में न आ रहा हो, वहां खाने का तेल डालें। यह मच्छरों के लार्वा को मच्छर बनने से रोकता है।
  • गड्ढों में पानी: यदि किसी गड्ढे में पानी जमा हो गया है, तो उसमें जला हुआ तेल डाल सकते हैं। यह भी मच्छरों के प्रजनन को रोकने में मदद करता है।

घर के अंदर ध्यान रखें

घर के अंदर भी हमें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि मच्छरों का प्रजनन न हो सके।

  • पक्षियों के सकोरे: गर्मियों में पक्षियों के लिए जो सकोरे रखे गए थे, उन्हें साफ करके तुरंत उल्टा कर दें ताकि उनमें पानी जमा न हो सके।
  • बगीचे की देखभाल: कई घरों में बड़े बगीचे होते हैं जिनमें कमल की बेल भी लगाई जाती है। यह बेल पानी में रहती है और इसके पत्तों के नीचे डेंगू का लार्वा हो सकता है। इसलिए, नियमित रूप से बगीचे की सफाई करें और पत्तों को उठाकर देखें।

डेंगू के लक्षण और बचाव

डेंगू के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते और उल्टी शामिल हैं। अगर आपको ये लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

  • मच्छरदानी और रैपेलेंट का उपयोग: सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें और मच्छर भगाने वाले रैपेलेंट का प्रयोग करें।
  • पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े: घर के अंदर और बाहर जाते समय पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें ताकि मच्छर काट न सकें।
  • खिड़कियों और दरवाजों पर जाली: खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगाएं ताकि मच्छर अंदर न आ सकें।

डेंगू से बचाव के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

डेंगू से बचाव के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में कुछ महत्वपूर्ण आदतों को अपनाना होगा। यहां कुछ और महत्वपूर्ण सुझाव दिए जा रहे हैं, जो डेंगू से बचाव में मदद कर सकते हैं।

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जल निकासी का ध्यान रखें

बरसात के मौसम में जल निकासी की उचित व्यवस्था बेहद महत्वपूर्ण है।

  • गटर और नालियों की सफाई: गटर और नालियों को साफ रखें ताकि पानी जमा न हो सके।
  • घर के आस-पास के क्षेत्रों की सफाई: घर के आस-पास की जगहों को साफ-सुथरा रखें। कूड़े-करकट को नियमित रूप से हटाएं।

घरेलू उपाय

  • नीम का उपयोग: नीम की पत्तियों को जलाकर धुआं करने से मच्छर दूर भागते हैं। नीम का तेल भी मच्छरों को भगाने में प्रभावी होता है।
  • लहसुन का उपयोग: लहसुन की गंध मच्छरों को पसंद नहीं होती है। लहसुन का रस पानी में मिलाकर छिड़काव करने से मच्छर दूर रहते हैं।

बच्चों की सुरक्षा

बच्चे मच्छरों के काटने के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, इसलिए उनकी विशेष देखभाल करनी चाहिए।

  • बच्चों को पूरा ढकने वाले कपड़े पहनाएं: बच्चों को लंबे बाजू और पैरों को ढकने वाले कपड़े पहनाएं ताकि मच्छर उन्हें काट न सकें।
  • मच्छरदानी का उपयोग: बच्चों के सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग करें।

सामुदायिक जागरूकता

डेंगू से बचाव में सामुदायिक जागरूकता का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है।

  • सामुदायिक सफाई अभियान: स्थानीय समुदाय में सफाई अभियान चलाएं और लोगों को जागरूक करें।
  • स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम: स्कूलों में बच्चों को डेंगू के बारे में जागरूक करें और उन्हें मच्छरों से बचने के उपाय सिखाएं।

सरकारी उपाय

सरकार को भी डेंगू से बचाव के लिए कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए।

  • फॉगिंग: मच्छरों के प्रजनन स्थलों पर नियमित रूप से फॉगिंग कराई जानी चाहिए।
  • जनजागृति अभियान: डेंगू के प्रति जनजागृति फैलाने के लिए मीडिया का उपयोग किया जाना चाहिए।
  • स्वास्थ्य केंद्र: स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए।

व्यक्तिगत सावधानियां

अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत स्तर पर सावधानियां बरतना आवश्यक है।

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  • स्वच्छता: अपने आसपास की स्वच्छता का ध्यान रखें। घर में और बाहर सफाई रखें।
  • रैपेलेंट्स का उपयोग: मच्छर भगाने वाले रैपेलेंट्स का नियमित उपयोग करें।

डेंगू एक गंभीर बीमारी है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से इससे बचाव संभव है। हमें अपने घर और आस-पास के क्षेत्रों की सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और मच्छरों को पनपने से रोकना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों और बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें और डेंगू के लक्षणों के प्रति सतर्क रहें। यदि आपको डेंगू के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित उपचार प्राप्त करें।

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यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

डेंगू एक गंभीर बीमारी है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से हम इससे बच सकते हैं। पानी जमा न होने दें, मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करें और खुद को मच्छरों के काटने से बचाएं। यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है, अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

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