डीयू के कुलपति ने निलंबित किया, प्रो-वीसी को अध्यक्ष आदेश पर प्रभार लेने के लिए, दिल्ली समाचार हिंदी में

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति
रामनाथ कोविंद के आदेश पर बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति
को निलंबित कर दिया गया।
राष्ट्रपति कोविंद के निर्देश के बाद, शिक्षा मंत्रालय ने कुलपति योगेश
त्यागी को निलंबित कर दिया। विश्वविद्यालय में वर्चस्व की लड़ाई के बीच यह
कदम उठाया गया है।

इस आदेश से एक दिन पहले राष्ट्रपति ने शिक्षा मंत्रालय को त्यागी के खिलाफ जांच शुरू करने की अनुमति दी थी।

दरअसल,
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ प्रशासनिक अनियमितताओं से जुड़े
कई मामले सामने आने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’
ने पिछले दिनों उच्चस्तरीय जांच कराने का निर्णय लिया था। इसके अलावा इसे
लेकर राष्ट्रपति से अनुमति मांगी गई थी। मंगलवार को राष्ट्रपति से अनुमति
मिलने के बाद कुलपति के खिलाफ जांच शुरू करने को हरी झंडी मिल गई है।

विश्वविद्यालय
के कुलसचिव को लिखे पत्र में शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि जांच पूरी होने तक
कुलपति को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि वह कार्यालय में रहते हुए जांच
को प्रभावित कर सकते हैं।

विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति
प्रोफेसर पी.सी. जोशी अगले कुलपति (वीसी) नियुक्त होने तक इस पद की
जिम्मेदारी संभालेंगे। इसके अलावा, निलंबित वीसी त्यागी द्वारा चिकित्सा
आधार पर उनकी अनुपस्थिति की अवधि के दौरान जारी आदेशों को खारिज कर दिया
गया है।

त्यागी दो जुलाई को आपातकालीन चिकित्सा स्थिति में एम्स में
भर्ती हुए थे ओर तब से वह छुट्टी पर हैं। सरकार ने 17 जुलाई को त्यागी के
पदभार ग्रहण करने तक प्रति-कुलपति पी.सी. जोशी को कुलपति का प्रभार दिया
था।

योगेश त्यागी के मेडिकल छुट्टी पर होने के बावजूद विश्वविद्यालय
में एक नए वीसी और रजिस्ट्रार की नियुक्त की गई थी, जिसका विवि में जमकर
विरोध हुआ था। आलम ये था कि दिल्ली विवि में नए सत्र के दाखिलों को लेकर
बहुत मुश्किलें बनी रही। इसके बाद शिक्षा मंत्रालय ने कड़ा कदम उठाया।

मामला
बढ़ने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने इसमें हस्तक्षेप किया। मंत्रालय ने एक
लिखित आदेश जारी करते हुए कार्यकारी परिषद (ईसी) में नियुक्तियों पर त्यागी
द्वारा लिए गए निर्णयों को अवैध घोषित कर दिया। (आईएएनएस)

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