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khaskhabar.com: बुधवार, 04 नवंबर 2020 शाम 4:05 बजे
जयपुर। पुलिस मुख्यालय, भारतीय स्टेट बैंक एवं एनआईसी के सहयोग से पुलिस कमिश्ररेट में बुधवार को पुलिस कमिश्रर आनंद श्रीवास्तव ने ई-चालान पायालट प्रोजेक्ट का शुभारम्भ किया।
पुलिस कमिश्नर श्रीवास्तव ने कहा कि जयपुर पुलिस की ओर से आमजन के हित में ’यादा से’ यादा नवीन तकनीक का उपयोग कर पूरे सिस्टम को आधुनिक बनाया गया है।
यातायात पुलिस जयपुर की ओर से यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरूद्व की जा रही कार्यवाही के डिजिटलाईजेशन के लिए ई-चालान की प्रकिया चरणबद्व तरीके से शुरू कर ई-चालान मशीनों से चालानी प्रकिया पूर्ण की जाएगी।
कोरोना काल में ई-चालान ’यादा उपयोगी साबित होगा। ई-चालान की प्रकिया में डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड एवं यूपीआई के माध्यम से वाहन चालक मौके पर ही केशलैस भुगतान कर सकेगा। इसमें रीयल टाईम ट्रांसफर सिस्टम होने से सरकारी खाते में राशि जमा करवाने में किसी प्रकार का विलम्ब नहीं होगा। यातायात पुलिसकर्मी मौके पर ही पूर्व में वाहन चालक के किये गये नियमों के उल्लंघन को चैक कर सकेगा।
इस कार्यक्रम में पुलिस उपायुक्त यातायात आदर्श सिंधु ने कार्यक्रम का संचालन किया और एसबीआई के महाप्रबंधक गोविन्द सिंह रावत ने भी प्रोजेक्ट के बारे में विचार व्यक्त किये। क्रार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (द्वितीय) राहुल प्रकाश, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त यातायात ललित किशोर शर्मा,
सतवीर सिंह, एसबीआई के उपमहाप्रबंधक विनीत कुमार, सहायक महाप्रबंधक दिनेश गोरधन वर्मा, आरपी शर्मा, मुख्य प्रबंधक अंकिता अग्रवाल, एनआईसी के आईडी वरयानी एवं अभय गुप्ता सहित पुलिस अधिकारी एवं पुलिसकर्मी उपस्थित रहे।
इसके उपयोग से फील्ड मे ंतैनात यातायात पुलिसकर्मी ई-चालान डिवाईस की मदद से –
1. रीयलटाईम में आरटीओ डाटा (वाहन रजिस्ट्रेशन, लाईसेन्सडाटा, इन्श्योरेन्स एवं पॉल्यूशन) एवं चालान हिस्ट्री (पूर्व में किये गये चालान) को देखकर आवश्यक कार्यवाही कर सकेंगे।
2. मौके पर वाहन नम्बरों के साथ छेडखानी, आदतन उल्लंघनकर्ता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेगा।
3. वाहन चालकों की ओर से बार-बार उल्लंघन किये जाने पर पश्चातवर्ती अपराध की कार्यवाही की जा सकेगी।
4. परिवहन विभाग की ओर से जारी स्मार्ट ड्राईविंग लाईसेन्स एवं आरसी को मौके पर डिवाईस के जरिए रीड किया जा सकेगा एवं लाईसेन्स निलम्बन की कार्यवाही की जा सकेगी।
5. कागजी कार्यवाही को कम किया जाकर अनावश्यक वित्तीय भार कम किया जा सकेगा।
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