जब खुद डिलीवरी ब्वॉय बने Zomato के करोड़पति CEO दीपिंदर गोयल

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एक CEO का अनोखा अनुभव

Zomato , जब हम किसी बड़े कॉरपोरेट नेता की बात करते हैं, तो हमारे मन में एक खास छवि बनती है—एक व्यक्ति जो बैठकर बड़े फैसले लेता है, जो अपनी टीम का नेतृत्व करता है और जो अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए नए विचारों पर काम करता है। लेकिन Zomato के CEO दीपिंदर गोयल ने इस छवि को तोड़ा है। रविवार (6 अक्टूबर) को, उन्होंने खुद एक डिलीवरी ब्वॉय बनकर लोगों को यह दिखा दिया कि काम कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता।

दीपिंदर गोयल ने अपने अनुभव को साझा करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह Zomato की लाल वर्दी पहने हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने इस दौरान अपने दूसरे ऑर्डर के बारे में बताया, जब उन्हें महसूस हुआ कि डिलीवरी पार्टनर्स के लिए काम करने की स्थिति में सुधार की जरूरत है।

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मॉल में मिली चुनौतियाँ

वीडियो में, गोयल ने बताया कि वह गुरुग्राम के एंबियंस मॉल में ऑर्डर पिक अप करने गए थे। यहाँ उन्हें मॉल के मेन एंट्रेंस से प्रवेश की अनुमति नहीं मिली और उन्हें सीढ़ियों का इस्तेमाल करना पड़ा। यह घटना उनके लिए एक eye-opener साबित हुई, जिसने उन्हें यह सोचने पर मजबूर किया कि कैसे मॉल्स को डिलीवरी पार्टनर्स के प्रति अधिक सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए।

उन्होंने वीडियो में बताया कि वह कैसे तीसरी मंजिल पर पहुंचे और वहाँ अन्य डिलीवरी ब्वॉयज के साथ बैठकर बातचीत की। यह एक आम डिलीवरी ब्वॉय की दिनचर्या को समझने का एक अनूठा तरीका था। गोयल ने यह स्पष्ट किया कि डिलीवरी पार्टनर्स की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मॉल्स और अन्य व्यवसायों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

एक सफल उद्यमी की कहानी

दीपिंदर गोयल की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है। उन्होंने Zomato की स्थापना 2008 में की थी, और तब से यह कंपनी भारतीय बाजार में एक प्रमुख नाम बन गई है। आज Zomato न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म के रूप में जानी जाती है। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024 के अनुसार, गोयल की कुल संपत्ति 9,300 करोड़ रुपये है, जिससे वह गुरुग्राम के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं।

उनकी सफलता की कहानी ने उन्हें न केवल एक उद्यमी, बल्कि एक प्रेरक नेता बना दिया है। गोयल का मानना है कि एक उद्यमी को हमेशा अपने काम की मूल बातें समझनी चाहिए, चाहे वह कितना भी बड़ा या सफल क्यों न हो।

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डिलीवरी पार्टनर्स की स्थिति

गोयल का यह कदम डिलीवरी पार्टनर्स की स्थिति को समझने और सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कई बार डिलीवरी ब्वॉयज को उनके काम के प्रति अनदेखी और अवहेलना का सामना करना पड़ता है। इस वीडियो के माध्यम से, गोयल ने यह संदेश दिया है कि वे भी मेहनत करते हैं और उनके अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए।

इस तरह के अनुभव से न केवल गोयल को अपने डिलीवरी पार्टनर्स की चुनौतियों का अहसास हुआ, बल्कि यह भी कि कैसे कंपनियों को अपने कर्मचारियों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए।

प्रेरणा का स्रोत

दीपिंदर गोयल का यह कदम न केवल डिलीवरी ब्वॉयज के लिए, बल्कि सभी उद्यमियों के लिए एक प्रेरणा है। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे हम अपने व्यवसाय में कर्मचारियों की भलाई को प्राथमिकता दे सकते हैं।

उन्होंने साबित किया है कि असली नेतृत्व का मतलब सिर्फ निर्णय लेना नहीं है, बल्कि अपने टीम के सदस्यों की स्थिति को समझना और उनकी भलाई के लिए काम करना भी है।

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दीपिंदर गोयल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे केवल एक सफल उद्यमी ही नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और समझदार नेता भी हैं। उनका यह कदम डिलीवरी पार्टनर्स के प्रति सहानुभूति और समर्थन को बढ़ाने का एक प्रयास है।

इस अनुभव से हमें यह सीखने को मिलता है कि हर काम, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, महत्व रखता है। और जब एक CEO खुद को एक डिलीवरी ब्वॉय के रूप में देखता है, तो यह दिखाता है कि असली नेतृत्व का मतलब क्या होता है।

उनके इस कदम से न केवल Zomato को बल्कि सभी कंपनियों को अपने कर्मचारियों की भलाई के लिए गंभीरता से सोचना चाहिए। आखिरकार, हर कर्मचारी, चाहे वह किसी भी पद पर हो, संगठन के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है।

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