गौसेवा के साथ-साथ गाय की नस्ल सुधारने के वैज्ञानिक तरीकों को अपनाना होगा : दुष्यंत चौटाला

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7 नवंबर 2022, फतेहाबाद:

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि जननी माता की तरह गौमाता का स्थान भी सर्वोच्च है। सरकार द्वारा बायोगैस प्लांट लगाने के लिए सरकारी सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में हमें गौसेवा के साथ-साथ गाय की नस्ल सुधारने के वैज्ञानिक तरीकों को अपनाना होगा। केंद्र व प्रदेश सरकार भी गौसंवर्धन पर विशेष ध्यान दे रही है और इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री चौटाला सोमवार को फतेहाबाद में स्वामी सदानंद प्रणामी गौ सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के वार्षिक उत्सव को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे।

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वार्षिक उत्सव में शामिल होने के बाद उप मुख्यमंत्री ने अपना घर में रह रहे बेसहारा व असहाय लोगों का हाल चाल जाना और उनको यहां पर दी जा रही सुविधाओं की जानकारी भी ली। इस दौरान आश्रम में आयोजित रक्तदान शिविर में उन्होने स्वयं रक्तदान भी किया। आश्रम की गौशाला में गायों को चारा भी खिलाया और गौरक्षा का संदेश दिया। उन्होंने अपने कोष से इस आश्रम में सोलर प्लांट लगवाने की घोषणा की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री चौटाला ने कहा कि श्री कृष्ण प्रणामी आश्रम गौशाला के साथ-साथ अपना घर के माध्यम से बेसहारा लोगों को आश्रय देकर बहुत बड़ी सेवा का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान बनाना आसाना होता है, लेकिन उसको सुचारू ढंग से चलाना बहुत की मुश्किल होता है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें गाय की रक्षा के लिए गौशाला बनाने के साथ-साथ दूध के उत्पादन बढ़ाने और गाय की नस्ल सुधारने पर भी और अधिक ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज से करीब 40 साल पहले भारत से ही ब्राजिल के अंदर गीर नस्ल की गाय को ले जाया गया था, वहां पर उसकी नस्ल सुधार का कार्य किया गया जो कि अब यह गाय 70 से 72 लीटर प्रतिदिन दूध देती है और वहां लोगों की आय का मुख्य साधन भी बनी है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान की भागदौड़ की जिंदगी में इंसान स्वयं तक सीमित हो गया है। इंसान का सामाजिक कार्यों में भाग लेना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष तक पहले लोग अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा लोकहित के कार्यों में जरूर लगाते थे, वर्तमान समय में भी इसी प्रकार के पुण्य: के कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में गाय की सुरक्षा करने के साथ-साथ गाय के गौबर व मूत्र से साबुन, हवन सामग्री आदि उत्पाद बनाने की जरूरत है, ताकि गौशालाएं संचालन हेतू किसी पर निर्भर न रहे, इसका जीवंत उदाहरण लाडवा की गौशाला है। उन्होंने कहा कि पिंजौर स्थित एक गौशाला में गाय के गौबर से पेंट भी बनाया जा रहा है। उनका प्रयास होगा कि सरकारी संस्थानों में उस पेंट का प्रयोग किया जाए, ताकि अन्य गौशालाएं भी इस तरह के उत्पादन में रूचि ले सके। इसी प्रकार से गौशालाओं में बायोगैस प्लांट लगाकर रसोई गैस बनाई जा सकती है जो कि आमदनी की प्रमुख साधन हो सकती है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामी सदानंद जी महाराज ने कहा कि यदि एक व्यक्ति एक गाय की सेवा करने लगे तो कोई भी गाय सडक़ पर बेसहारा नहीं दिखाई देगी। उन्होंने कहा कि गौमाता के पास आने से ही अनेक प्रकार की बीमारी दूर भाग जाती है। उन्होंने कहा कि जिला फतेहाबाद में करीब 35 गौशालाओं का निर्माण करवाया गया है, जिनमें लगभग 80 हजार गायों का पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपना घर आश्रम के माध्मम से बेसहारा लोगों को आश्रय दिया जा रहा है।

कार्यक्रम को जेजेपी के प्रदेशाध्यक्ष स. निशान सिंह, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री खेमचंद शर्मा, राजेंद्रानंद महाराज, मोहन प्रिय महाराज, ज्योतिषानंद महाराज, स्वामी मुकुंद शरण व जगतराज महाराज ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. मुरलीधर शास्त्री ने किया। इस दौरान जेजेपी जिलाध्यक्ष सुरेंद्र लेगा, डॉ. विरेंद्र सिवाच, गौसेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन भानी राम मंगला, कुलजीत कुलडिय़ा, पंकज झाझड़ा, देवीदयाल तायल, विनोद तायल,हैदराबाद से रामफल, अशोक भुक्कर सहित अनेक गणमान्य लोग, ट्रस्ट के पदाधिकारी व बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।

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