अमेरिका के डेलावेयर में आयोजित क्वाड समिट 2024 ने वैश्विक राजनीति में एक नया मोड़ लिया है। इस बैठक में चार देशों—अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत—के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया और एक संयुक्त बयान जारी किया। इस बयान में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की निंदा की गई, जो कि इस समय दुनिया के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।
उत्तर कोरिया का खतरा
उत्तर कोरिया की लगातार परमाणु परीक्षणों और बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण से न केवल जापान, बल्कि सम्पूर्ण एशियाई क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। क्वाड देशों ने स्पष्ट किया कि वे कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हाल ही में उत्तर कोरिया और रूस के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है। रूस द्वारा उत्तर कोरिया को उन्नत सैन्य तकनीक प्रदान करने की संभावनाओं ने क्वाड देशों को एकजुट होने के लिए मजबूर किया है।
ईरान का जहर
इसी बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 16 सितंबर को भारत को भी उन देशों की सूची में शामिल किया, जहां मुसलमान “खराब परिस्थितियों” से जूझ रहे हैं। इस प्रकार की बयानबाज़ी भारत के लिए चिंता का विषय बन गई है। ख़ामेनेई की ओर से यह बयान भारत के संदर्भ में नहीं, बल्कि एक रणनीतिक दृष्टिकोण से दिया गया है। पिछले कुछ वर्षों में, ईरान ने भारत के खिलाफ कई बार जहर उगला है, और यह एक गंभीर संकेत है कि ईरान भारत की बढ़ती शक्ति को लेकर चिंतित है।
भारत की स्थिति
क्वाड के संयुक्त बयान ने भारत के प्रति एक मजबूत समर्थन दिखाया है। यह स्पष्ट है कि भारत, जो एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति है, को वैश्विक मंचों पर समर्थन मिल रहा है। ईरान की धमकियों के बावजूद, भारत ने हमेशा संयम बनाए रखा है और अपनी विदेश नीति को संतुलित रखा है। भारत के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इन चुनौतियों का सामना करे।
जापान के लिए भारत का महत्व
जापान के लिए, भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच के संबंध न केवल आर्थिक बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। किम जोंग उन के निरंतर खतरे के बीच, क्वाड देशों ने एकजुट होकर इस बात की पुष्टि की है कि वे अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत, जापान और अन्य क्वाड सदस्य देश मिलकर इस खतरनाक स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं।
रूस और ईरान के संबंध
क्वाड का बयान यह भी दर्शाता है कि ईरान और रूस के बीच बढ़ते सहयोग पर निगाह रखी जा रही है। ईरान द्वारा भारत के खिलाफ की गई बयानबाज़ी को इसी संदर्भ में देखा जा सकता है। रूस ने ईरान के साथ मिलकर अपनी स्थिति को और मजबूत करने की कोशिश की है, लेकिन क्वाड का यह बयान रूस के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है।
क्वाड समिट 2024 ने वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दिया है। किम जोंग उन और ईरान की धमकियों के बीच, भारत ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है। यह स्पष्ट है कि भारत और उसके सहयोगी देशों को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होना होगा। यदि वे सफल होते हैं, तो यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा।
क्वाड देशों की एकजुटता और भारत की सक्रिय भूमिका से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक राजनीति में भारत का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। यह समय है कि भारत अपनी शक्तियों का सही उपयोग करते हुए न केवल अपनी सुरक्षा को मजबूत करे, बल्कि अपने सहयोगियों के साथ मिलकर वैश्विक स्तर पर एक नया मानक स्थापित करे।
क्वाड समिट 2024 : किम जोंग उन और ईरान की धमकियों के बीच भारत की मजबूतीhttp://क्वाड समिट 2024 : किम जोंग उन और ईरान की धमकियों के बीच भारत की मजबूती