कॉमर्स की बढ़ती लोकप्रियता
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। इस बार कॉलेजों में प्रवेश में अंडरग्रेजुएट (UG) और पोस्टग्रेजुएट (PG) में छात्रों के रुझान में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। वाणिज्य (कॉमर्स) संकाय में छात्रों का रुझान तेजी से बढ़ा है, जिससे यह पहली पसंद बन गई है। दूसरी ओर, कला (आर्ट्स) संकाय ने दूसरे और विज्ञान (साइंस) संकाय ने तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई है।
वर्तमान प्रवेश प्रक्रिया
वर्तमान में कॉलेजों में प्रवेश के लिए आठवें चरण की कॉलेज लेवल काउंसलिंग (CLC) प्रक्रिया चल रही है। इस साल यूजी और पीजी में वाणिज्य संकाय में छात्रों के पंजीकरण अधिक हुए हैं, जो इस बात का संकेत है कि वाणिज्य संकाय छात्रों की पहली पसंद बनी है। राजधानी के निजी और सरकारी कॉलेजों में लगभग 13,000 छात्रों ने वाणिज्य संकाय में प्रवेश लिया है।
कला और विज्ञान का स्थान
कला संकाय में लगभग 9,000 और विज्ञान संकाय में लगभग 7,000 छात्रों ने प्रवेश लिया है। इसके अलावा विधि पाठ्यक्रमों में लगभग 1,500 छात्रों ने प्रवेश लिया है। यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि छात्रों की रुचि अब पारंपरिक विज्ञान और कला संकायों से हटकर वाणिज्य संकाय की ओर बढ़ रही है।
नूतन कॉलेज: यूजी और पीजी सीटों की स्थिति
नूतन कॉलेज में प्रवेश की स्थिति
राजधानी के नूतन कॉलेज में यूजी में 2,370 सीटें और पीजी में 1,160 सीटें हैं। इनमें सभी सीटों पर छात्राओं ने प्रवेश ले लिया है। अंतिम चरण में छात्रों के अपग्रेडेशन के बाद रिक्त पदों पर प्रवेश हो रहे हैं। यूजी में बीए में 680 प्रवेश हुए हैं, जबकि बीकॉम में 480 सीटें और बीकॉम आईटी में कुछ दो-चार सीटें रिक्त हैं। इन पर प्रवेश जारी है। पीजी में एमए अंग्रेजी में 70 सीटें फुल हो गई हैं।
एमवीएम कॉलेज की स्थिति
एमवीएम कॉलेज में यूजी में 750 और पीजी में 260 सीटें हैं। इनमें यूजी में करीब 10 प्रतिशत सीटें खाली रह गई हैं। ये सीटें अपग्रेडेशन के बाद खाली हुई हैं। गीतांजलि कॉलेज में कला संकाय की सीटें फुल हैं। इसमें यूजी की 1,441 में करीब 400 सीटें खाली हैं। वहीं पीजी में 490 सीटों में से 360 प्रवेश हुए हैं।
कॉमर्स की बढ़ती लोकप्रियता के कारण
आर्थिक समृद्धि का आकर्षण
वाणिज्य संकाय की बढ़ती लोकप्रियता का मुख्य कारण छात्रों के बीच आर्थिक समृद्धि का आकर्षण है। आज के समय में नौकरी के अधिक अवसर, अच्छी सैलरी और व्यावसायिक विकास के कई विकल्प वाणिज्य क्षेत्र में उपलब्ध हैं।
उद्यमिता और स्टार्टअप का प्रभाव
उद्यमिता और स्टार्टअप के क्षेत्र में भी वाणिज्य शिक्षा का महत्व बढ़ रहा है। युवा उद्यमी बनने की चाहत रखने वाले छात्र वाणिज्य संकाय को प्राथमिकता दे रहे हैं।
कला संकाय का दूसरा स्थान
रचनात्मकता और संस्कृति की ओर झुकाव
कला संकाय में छात्रों का रुझान बढ़ने का कारण उनकी रचनात्मकता और संस्कृति की ओर झुकाव है। साहित्य, समाजशास्त्र, इतिहास और अन्य कला विषयों में छात्रों की बढ़ती रुचि इस संकाय को लोकप्रिय बना रही है।
समाज सेवा और प्रशासनिक सेवाओं का आकर्षण
कला संकाय के माध्यम से समाज सेवा और प्रशासनिक सेवाओं में करियर बनाने के अवसर भी छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं।
विज्ञान संकाय का स्थान और चुनौतियां
तकनीकी शिक्षा का महत्व
विज्ञान संकाय में छात्रों का रुझान तीसरे स्थान पर है, लेकिन तकनीकी शिक्षा का महत्व अभी भी बना हुआ है। इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य विज्ञान विषयों में छात्रों की संख्या में थोड़ी कमी आई है, लेकिन इन क्षेत्रों में अभी भी अच्छे करियर के अवसर हैं।
चुनौतियां और समाधान
विज्ञान संकाय में छात्रों की संख्या में कमी का कारण तकनीकी शिक्षा की कठिनाई हो सकता है। इसे सुधारने के लिए शिक्षण पद्धतियों में सुधार, छात्रों के लिए अधिक प्रैक्टिकल अनुभव और नवीनतम तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता है।
बदलते रुझानों का प्रभाव
कॉलेजों में यूजी और पीजी में वाणिज्य संकाय की बढ़ती लोकप्रियता ने यह साफ कर दिया है कि छात्र अब आर्थिक समृद्धि और व्यावसायिक विकास की ओर अधिक ध्यान दे रहे हैं। कला संकाय की दूसरी और विज्ञान संकाय की तीसरी स्थिति ने भी यह दर्शाया है कि छात्रों की रुचि में विविधता है।
यह बदलाव शिक्षा प्रणाली के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जिसमें छात्रों को उनके रुचि और करियर के अनुसार शिक्षा के विभिन्न विकल्प मिल रहे हैं। यह समय शिक्षा प्रणाली को और भी मजबूत और व्यावहारिक बनाने का है, ताकि हर छात्र को उसकी रुचि और क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मिल सके।
धीरेंद्र शुक्ला, विशेष कर्त्तव्यनिष्ठ अधिकारी, उच्च शिक्षा विभाग, का यह कहना है कि इस साल वाणिज्य संकाय में छात्रों ने अधिक प्रवेश लिया है, इसके बाद कला संकाय को पसंद कर रहे हैं। यह शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जो भविष्य में और भी बड़े अवसर प्रदान कर सकता है।
http://कॉलेज में प्रवेश: छात्रों की पहली पसंद बनी कॉमर्स, आर्ट्स और साइंस ने भी जमाया रंग